जयपुर. राजस्थान में सोमवार से ही पेट्रोल और डीजल की किल्लत देखी गई. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन को सोमवार से उम्मीद थी कि आपूर्ति से संबंधित परेशानी दूर हो जाएगी. लेकिन एक बार फिर एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी ने पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति रोक दी . ऐसे में प्रदेशभर के तकरीबन 2500 पेट्रोल पंप ड्राई होने की कगार पर पहुंच गए हैं. जबकि कुछ पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो चुका (shortage of petrol and diesel in Rajasthan) है. इसे लेकर एसोसिएशन की ओर से पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी को पत्र भी लिखा गया है.
पेट्रोल पंप डीलर्स को कंपनी स्तर पर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं: राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई का कहना है कि प्रदेश में एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी की ओर से पेट्रोल पंप डीलर्स को कंपनी स्तर पर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं दी जा रही. जिसके बाद पेट्रोल पंप ड्राई होने से उपभोक्ताओं को परेशानियों आ रही हैं. बगई का कहना है कि पिछले 3 दिन से एचपीसीएल और बीपीसीएल के डीलर्स को कंपनी स्तर पर डिपो से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं मिल रही हैं. जिसके कारण प्रदेश के बहुत से पंप आपूर्ति के अभाव में ड्राई हो गए हैं. बहुत से होने वाले हैं. इस तरह डिपो से आपूर्ति नहीं मिलने के कारण प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की किल्लत शुरू हो गई है. इससे उपभोक्ताओं को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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आईओसीएल कंपनी की ओर से आपूर्ति जारी: हालांकि ये समस्या केवल एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी में ही देखने को मिल रही है. जबकि आईओसीएल कंपनी की ओर से आपूर्ति लगातार जारी है. इसे लेकर एसोसिएशन की ओर से दोनों कंपनियों को एक पत्र भी लिखा गया था. लेकिन आपूर्ति को लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यदि समय रहते इस समस्या का निदान नहीं किया गया, तो प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति को लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ जाएगा. जिसका पूरा सामना डीलर्स को ही करना पड़ेगा.
डीलर्स एसोसिएशन अध्यक्ष बोले- कम्पनियों ने घाटे की वजह से खींचे हाथ: राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि पिछले हफ्ते से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई में ऑयल कंपनी भारत पेट्रोलियम ने सप्लाई में कमी की. उसके बाद हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन की सप्लाई में थोड़ी दुविधा शुरू हुई. इसका मुख्य कारण रहा कि एस्सार और रिलायंस जोकि बाजार का 15% हिस्सा कंट्रोल करते थे, उन्होंने पूर्ण रूप से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बंद कर दी. इसका पूरा भार भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पर आया है. प्रदेश में हर साल तकरीबन 400 करोड़ लीटर डीजल और 85 करोड़ लीटर पेट्रोल की खपत होती है लेकिन डीजल की रेट बढ़ने से प्राइवेट कंपनी रिलायंस और एस्सार को घाटा हो रहा था. जिसकी वजह से उन्होंने डीजल की आपूर्ति बंद कर दी है. बगई ने दावा किया कि- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने डीलर्स को भरपूर सप्लाई दी जिसके चलते ना तो डीलर के पंपों में कभी ड्राई आउट हुआ और न ही आपूर्ति ठप पड़ी.
डीजल प्रभावित पेट्रोल नहीं: एसोसिएशन अध्यक्ष के मुताबिक डीजल में कुछ कमी है लेकिन पेट्रोल को लेकर ऐसे हालात नहीं है. इसके पीछे पॉलिसी की भी बात करते हैं. बगई ने कहा- भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन की सबसे पहले समस्या खड़ी हुई. जिसके चलते डीलर्स के पंप ड्राई होने लगे, इसके साथ ही उन्होंने एडवांस पेमेंट सिस्टम को लागू कर दिया. पॉलिसी के तहत डीलर्स को 1 दिन पहले पेट्रोल-डीजल का पैसा जमा कराना पड़ता है जबकि पूर्व में डीलर्स को 1 सप्ताह से लेकर 15 दिन की छूट मिलती थी. इस समस्या का निराकरण नहीं हो पाया. इसके साथ हिंदुस्तान पैट्रोलियम पर भी दबाव पड़ा और इसकी सप्लाई भी दुविधा में आ गई. पिछले शुक्रवार शनिवार को सप्लाई में काफी परेशानी रही. इसकी वजह से बहुत सारे पेट्रोल पंप डीजल के मामले में ड्राई हो गए. पेट्रोल को लेकर ऐसी कोई समस्या नहीं है.
ये बुवाई का सीजन इसलिए सरकारों से गुजारिश: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अभी भी डीलर्स को उधार पर माल दे रहे हैं. ऐसे में फिलहाल स्थिति सामान्य है, और किसी तरह की परेशानी उत्पन्न होने की उम्मीद नहीं है. लेकिन फिर भी केंद्र सरकार से गुजारिश करेंगे कि जो कंपनियों को लगातार घाटा लग रहा है, उस घाटे की भरपाई किसी न किसी तरह से की जाए ताकि सभी कंपनी सुचारू रूप से पेट्रोल-डीजल दे सकें.चूंकि इस समय खेतों में बुवाई का समय है, ऐसे में किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की सप्लाई को सुचारू रखें.
राशनिंग की बात से इनकार, लेकिन...: सुनीत बगई ने सोशल मीडिया पर 9:00 बजे बाद पेट्रोल पंप बंद होने की खबर (Petrol Rationing In Rajasthan) का खंडन करते हुए कहा कि इस तरह का न तो कोई सुझाव है, और न ही किसी कंपनी की ओर से ऐसे निर्देश हैं. हालांकि डीलर्स को ये निर्देश जरूर दिए गए हैं कि इस समय नए ग्राहक न जोड़ें. अत्यधिक सप्लाई होल्डिंग के लिए न दें. उतनी ही सप्लाई दें, जितनी आवश्यकता है ताकि सप्लाई सुचारू रूप से मिलती रहे.
क्रूड ऑयल में तेजी से कम्पनियों को नुकसान: सुनीत बगई ने कहा कि क्रूड ऑयल के दाम $120 प्रति बैरल पहुंच गया है. उसके हिसाब से यदि ऑयल कंपनीज ने दाम नहीं बढ़ाए तो कंपनियों को नुकसान होगा और आखिर में वो सप्लाई नहीं कर पाएंगे. बगई ने सरकार से अपील की कि एक्साइज ड्यूटी और वैट कम कर कंपनियों को राहत दें जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम भी ना पड़े. इससे कंपनियों को घाटा भी न हो और वो निर्बाध तेल सप्लाई कर सकें.