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CM के निर्देश पर टिड्डी नियंत्रण के लिए धन और संसाधनों की कमी नहीं, SDRF से खरीदे जाएंगे 100 अग्निशमन वाहन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में टिड्डियों के नियंत्रण की समीक्षा की गई. वीडियो कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि टिड्डियों के नियंत्रण के लिए धन और संसाधनों की कोई कमी नहीं है.

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर टिड्डी नियंत्रण के लिए धन एवं संसाधनों की कोई कमी नहीं
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Published : Jun 4, 2020, 12:19 AM IST

जयपुर. राज्य सरकार जल्द ही 100 अग्निशमन वाहनों की खरीद करेगी. राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से खरीद होगी. ये वाहन आपदा राहत के साथ ही टिड्डी नियंत्रण में भी उपयोगी होंगे. एसडीआरफ से जिला कलक्टरों को एक करोड़ 47 लाख रूपए उपलब्ध कराए गए हैं.

ताकि जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर ही टिड्डी नियंत्रण के लिए ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर सहित अन्य वाहनों के साथ ही पानी के टैंकर किराए पर लेने के साथ ही जरूरी कीटनाशी का तत्काल प्रबंध कर सकें. साथ ही मानवीय संसाधनों की पूर्ति के लिए कृषि विभाग में 290 सहायक कृषि अधिकारियों तथा एक हजार 900 कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को भी जल्द पूरा किया जाएगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में टिड्डियों के नियंत्रण की समीक्षा की गई. वीडियो कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि टिड्डियों के नियंत्रण के लिए धन एवं संसाधनों की कोई कमी नहीं है. अफ्रीकी देशों में बड़ी संख्या में टिड्डियों का प्रजनन हो रहा है. बड़ी संख्या में इन दलों के राजस्थान पहुंचने की आशंका है.

पढ़ें: अलवर: बिजली चोरी की सूचना पर पहुंची विद्युत विभाग की टीम पर हमला

ऐसे में हमें जिलावार रणनीति पर काम करना होगा. इस काम में टिड्डी चेतावनी संगठन एवं राज्य सरकार के प्रयासों के साथ ही स्थानीय किसानों का सहयोग भी लिया जाए. वीडियो कांफ्रेंस के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि बरसात का सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है. इसके साथ ही किसान खेतों में बुवाई प्रारंभ कर देंगे. यदि समय रहते इस समस्या पर काबू नहीं पाया गया तो फसलों को नुकसान होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.

टिड्डी नियंत्रण संगठन हो मजबूत

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि टिड्डी दल के रात्रि पड़ाव के साथ ही वहीं उन्हें नष्ट करने से प्रभावी नियंत्रण हो पाएगा. उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कहा कि लगातार हो रहे टिड्डियों के आक्रमण को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि टिड्डी चेतावनी संगठन को और मजबूत बनाया जाए. इसके लिए राज्य सरकार केन्द्र पर दबाव बनाए.

बीएसएफ से​ लिया जा रहा सहयोग

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि जिला कलक्टरों को टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यकतानुसार वित्तीय एवं मानवीय संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि अब तक करीब 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है. सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दलों के आगमन की पुख्ता सूचना मिल सके, इसके लिए बीएसएफ से भी सहयोग लिया जा रहा है.

मुआवजे की कार्यवाही जारी

आपदा प्रबंधन एवं राहत सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि केन्द्र सरकार ने एसडीआरफ मद से टिड्डी नियंत्रण कार्य के लिए आवश्यक वाहन किराए पर लेने तथा पौध संरक्षी रसायन की खरीद को अनुमत कर दिया है. टिड्डियों के प्रकोप के कारण गंगानगर, बीकानेर एवं नागौर जिले के कुछ क्षेत्र में फसल खराबे की सूचना मिली है. इस पर मुआवजे के संबंध में कार्यवाही की जा रही है.

जयपुर. राज्य सरकार जल्द ही 100 अग्निशमन वाहनों की खरीद करेगी. राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से खरीद होगी. ये वाहन आपदा राहत के साथ ही टिड्डी नियंत्रण में भी उपयोगी होंगे. एसडीआरफ से जिला कलक्टरों को एक करोड़ 47 लाख रूपए उपलब्ध कराए गए हैं.

ताकि जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर ही टिड्डी नियंत्रण के लिए ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर सहित अन्य वाहनों के साथ ही पानी के टैंकर किराए पर लेने के साथ ही जरूरी कीटनाशी का तत्काल प्रबंध कर सकें. साथ ही मानवीय संसाधनों की पूर्ति के लिए कृषि विभाग में 290 सहायक कृषि अधिकारियों तथा एक हजार 900 कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को भी जल्द पूरा किया जाएगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में टिड्डियों के नियंत्रण की समीक्षा की गई. वीडियो कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि टिड्डियों के नियंत्रण के लिए धन एवं संसाधनों की कोई कमी नहीं है. अफ्रीकी देशों में बड़ी संख्या में टिड्डियों का प्रजनन हो रहा है. बड़ी संख्या में इन दलों के राजस्थान पहुंचने की आशंका है.

पढ़ें: अलवर: बिजली चोरी की सूचना पर पहुंची विद्युत विभाग की टीम पर हमला

ऐसे में हमें जिलावार रणनीति पर काम करना होगा. इस काम में टिड्डी चेतावनी संगठन एवं राज्य सरकार के प्रयासों के साथ ही स्थानीय किसानों का सहयोग भी लिया जाए. वीडियो कांफ्रेंस के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि बरसात का सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है. इसके साथ ही किसान खेतों में बुवाई प्रारंभ कर देंगे. यदि समय रहते इस समस्या पर काबू नहीं पाया गया तो फसलों को नुकसान होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.

टिड्डी नियंत्रण संगठन हो मजबूत

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि टिड्डी दल के रात्रि पड़ाव के साथ ही वहीं उन्हें नष्ट करने से प्रभावी नियंत्रण हो पाएगा. उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कहा कि लगातार हो रहे टिड्डियों के आक्रमण को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि टिड्डी चेतावनी संगठन को और मजबूत बनाया जाए. इसके लिए राज्य सरकार केन्द्र पर दबाव बनाए.

बीएसएफ से​ लिया जा रहा सहयोग

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि जिला कलक्टरों को टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यकतानुसार वित्तीय एवं मानवीय संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि अब तक करीब 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है. सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दलों के आगमन की पुख्ता सूचना मिल सके, इसके लिए बीएसएफ से भी सहयोग लिया जा रहा है.

मुआवजे की कार्यवाही जारी

आपदा प्रबंधन एवं राहत सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि केन्द्र सरकार ने एसडीआरफ मद से टिड्डी नियंत्रण कार्य के लिए आवश्यक वाहन किराए पर लेने तथा पौध संरक्षी रसायन की खरीद को अनुमत कर दिया है. टिड्डियों के प्रकोप के कारण गंगानगर, बीकानेर एवं नागौर जिले के कुछ क्षेत्र में फसल खराबे की सूचना मिली है. इस पर मुआवजे के संबंध में कार्यवाही की जा रही है.

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