जयपुर. प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. रणथंभौर नेशनल पार्क में सोमवार को t-25 बाघ की मौत हो गई, जिसका एनटीसीए प्रोटोकॉल के मुताबिक पोस्टमार्टम किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण ब्रेन इंजरी मानी गई है. वहीं टाइगर के सिर पर दातों के निशान पाए गए हैं, t-25 के शरीर के बाकी हिस्से पूर्णता ठीक हैं, इस बाघ की उम्र करीब 15 से 16 साल के बीच में बताई जा रही है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने t-25 के मरने पर ट्विटर पर अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि यह बेहद दुखद समाचार है. रणथंभौर के प्रसिद्ध बाघ t-25 अब नहीं रहा है. ये वो बाघ था, जिसने दो अनाथ शावकों की देखभाल की, साथ ही संरक्षण वादियों के आश्चर्य को बढ़ाने और उन्हें बचाने में पित्र प्रवृत्ति को प्रदर्शित भी किया है.
बाघ के मरने बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भी इसको लेकर दुख जताया है. सुखराम बिश्नोई ने कहा है कि t-25 का जाना हमारे लिए एक बड़ा नुकसान है. मंत्री ने कहा कि t-25 ने नेचर से बिल्कुल अलग हटकर काम किया और अपनी दो नन्हें बच्चों को खुद पाल पोस कर बड़ा भी किया है.
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मंत्री ने कहा कि बाघ उस वक्त करीब 4 महीने की थी, जब शावकों की मां T-5 की इंफेक्शन के कारण मौत हो गई थी. मंत्री ने कहा कि बाद में -25 ने मां की भूमिका निभाते हुए इन बच्चों को पाला पोसा है, जबकि बाघ के मामले में ऐसा कम ही होता है. मंत्री ने कहा कि हालांकि t-25 अपने आक्रामक रवैये के लिए जाना जाता था , लेकिन t-25 का जाना रणथंभौर नेशनल पार्क के लिए एक बड़ा नुकसान है.