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दो शावकों को पालने वाले बाघ ने दुनिया को कहा अलविदा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया शोक व्यक्त

सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क में सोमवार को बाघ t-25 मृत अवस्था में मिला, जिसके बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम में उसकी मौत का कारण ब्रेन इंजरी को बताया गया है. वहीं बाघ की मौत पर वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख व्यक्त किया है.

jaipur news, जयपुर न्यूज
रणथंबोर नेशनल पार्क में t-25 मिला मृत अवस्था में
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Published : Jan 21, 2020, 1:26 AM IST

जयपुर. प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. रणथंभौर नेशनल पार्क में सोमवार को t-25 बाघ की मौत हो गई, जिसका एनटीसीए प्रोटोकॉल के मुताबिक पोस्टमार्टम किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण ब्रेन इंजरी मानी गई है. वहीं टाइगर के सिर पर दातों के निशान पाए गए हैं, t-25 के शरीर के बाकी हिस्से पूर्णता ठीक हैं, इस बाघ की उम्र करीब 15 से 16 साल के बीच में बताई जा रही है.

रणथंबोर नेशनल पार्क में t-25 मिला मृत अवस्था में

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने t-25 के मरने पर ट्विटर पर अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि यह बेहद दुखद समाचार है. रणथंभौर के प्रसिद्ध बाघ t-25 अब नहीं रहा है. ये वो बाघ था, जिसने दो अनाथ शावकों की देखभाल की, साथ ही संरक्षण वादियों के आश्चर्य को बढ़ाने और उन्हें बचाने में पित्र प्रवृत्ति को प्रदर्शित भी किया है.

बाघ के मरने बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भी इसको लेकर दुख जताया है. सुखराम बिश्नोई ने कहा है कि t-25 का जाना हमारे लिए एक बड़ा नुकसान है. मंत्री ने कहा कि t-25 ने नेचर से बिल्कुल अलग हटकर काम किया और अपनी दो नन्हें बच्चों को खुद पाल पोस कर बड़ा भी किया है.

पढ़ें- अलवर: पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का नामांकन पूरा, 29 जनवरी को डाले जाएंगे वोट

मंत्री ने कहा कि बाघ उस वक्त करीब 4 महीने की थी, जब शावकों की मां T-5 की इंफेक्शन के कारण मौत हो गई थी. मंत्री ने कहा कि बाद में -25 ने मां की भूमिका निभाते हुए इन बच्चों को पाला पोसा है, जबकि बाघ के मामले में ऐसा कम ही होता है. मंत्री ने कहा कि हालांकि t-25 अपने आक्रामक रवैये के लिए जाना जाता था , लेकिन t-25 का जाना रणथंभौर नेशनल पार्क के लिए एक बड़ा नुकसान है.

जयपुर. प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. रणथंभौर नेशनल पार्क में सोमवार को t-25 बाघ की मौत हो गई, जिसका एनटीसीए प्रोटोकॉल के मुताबिक पोस्टमार्टम किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण ब्रेन इंजरी मानी गई है. वहीं टाइगर के सिर पर दातों के निशान पाए गए हैं, t-25 के शरीर के बाकी हिस्से पूर्णता ठीक हैं, इस बाघ की उम्र करीब 15 से 16 साल के बीच में बताई जा रही है.

रणथंबोर नेशनल पार्क में t-25 मिला मृत अवस्था में

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने t-25 के मरने पर ट्विटर पर अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि यह बेहद दुखद समाचार है. रणथंभौर के प्रसिद्ध बाघ t-25 अब नहीं रहा है. ये वो बाघ था, जिसने दो अनाथ शावकों की देखभाल की, साथ ही संरक्षण वादियों के आश्चर्य को बढ़ाने और उन्हें बचाने में पित्र प्रवृत्ति को प्रदर्शित भी किया है.

बाघ के मरने बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भी इसको लेकर दुख जताया है. सुखराम बिश्नोई ने कहा है कि t-25 का जाना हमारे लिए एक बड़ा नुकसान है. मंत्री ने कहा कि t-25 ने नेचर से बिल्कुल अलग हटकर काम किया और अपनी दो नन्हें बच्चों को खुद पाल पोस कर बड़ा भी किया है.

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मंत्री ने कहा कि बाघ उस वक्त करीब 4 महीने की थी, जब शावकों की मां T-5 की इंफेक्शन के कारण मौत हो गई थी. मंत्री ने कहा कि बाद में -25 ने मां की भूमिका निभाते हुए इन बच्चों को पाला पोसा है, जबकि बाघ के मामले में ऐसा कम ही होता है. मंत्री ने कहा कि हालांकि t-25 अपने आक्रामक रवैये के लिए जाना जाता था , लेकिन t-25 का जाना रणथंभौर नेशनल पार्क के लिए एक बड़ा नुकसान है.

Intro:जयपुर एंकर-- सवाई माधोपुर के रणथंबोर नेशनल पार्क आज बाग T 25 मृत अवस्था में मिला, जिसके बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया और पोस्टमार्टम में उसकी मौत का कारण ब्रेन इंजरी को भी बताया गया है, जिसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टाइगर की मौत को लेकर दुख भी व्यक्त किया है.




Body:जयपुर-- राजस्थान प्रदेश में आए दिन बाघों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, रणथंबोर नेशनल पार्क में आज बाग t 25 की मौत का मामला सामने आया है, आपको बता दें कि t 25 टाईगर का एनटीसीए प्रोटोकॉल के मुताबिक पोस्टमार्टम किया गया है , जिसमें ब्रेन इंजरी से टाइगर की मौत सामने आई है , टाइगर के सिर पर दातों के निशान पाए गए हैं, वहीं भाग t 25 के शरीर के बाकी हिस्से पूर्णता ठीक भी है, इस बाघ की उम्र करीब 15 से 16 साल के बीच में भी बताई जा रही है, बाघ के मरने बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भी इसको लेकर दुख जताया है , सुखराम बिश्नोई ने कहा है कि t 25 का जाना हमारे लिए एक बड़ा नुकसान है, मंत्री ने कहा कि t 25 ने नेचर से बिल्कुल अलग हटकर काम किया और अपनी दो नन्हे बच्चों को खुद पाल पोस कर बड़ा भी किया है, मंत्री ने कहा कि यह बाघ ने उस वक्त करीब 4 महीने की थी जब उनकी मां T5 की इंफेक्शन के कारण मौत हो गई थी, मंत्री ने कहा कि बाद में t25 ने मां की भूमिका निभाते हुए इन बच्चों को पाला पोसा है, जबकि बाग के मामले में ऐसा कम ही होता है, मंत्री ने कहा कि हालांकि t 25 अपने आक्रामक रवैया के लिए जाना जाता था , लेकिन t 25 का जाना रणथंबोर नेशनल पार्क के लिए एक बड़ा ही नुकसान है, मंत्री ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि t 25 के जाने से एक बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, और और हम सब इसको हमेशा याद करेंगे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने t 25 के मरने के बाद ट्विटर पर अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि , यह बेहद दुखद समाचार है , रणथंबोर के प्रसिद्ध टायर t 25 अब नहीं है , यह एक विशाल बाघ था, जिसने दो अनाथ शावकों की देखभाल की, साथ ही संरक्षण वादियों के आश्चर्य को बढ़ाने और उन्हें बचाने में पित्र प्रवृत्ति को प्रदर्शित भी किया है,


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