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Jaipur News: कलेक्टरों का रिपोर्ट कार्ड तैयार! एक क्लिक में पढ़िये कौन से जिले ने मारी बाजी, कौन रहा पीछे...

सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने (welfare schemes of the government) के लिए सरकार कलेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार कर रही है. रैंकिंग सिस्टम की दूसरी रिपोर्ट सरकार ने शनिवार को जारी की. सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कौन रहे आग और कौन रहे पीछे...यहां पढ़िये पूरी खबर.

welfare schemes of the government
राजस्थान सचिवालय की तस्वीर
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Published : Apr 30, 2022, 11:14 PM IST

Updated : May 1, 2022, 12:45 AM IST

जयपुर. सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए सरकार कलेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार कर रही है . रैंकिंग सिस्टम की दूसरी रिपोर्ट सरकार ने जारी कर (ranking of district collectors of Rajasthan) दी है . जिसमें कई जिला कलक्टरों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया तो कई नीचे के पायदान पर पहुंच गए हैं . देखिए इस रिपोर्ट में कौन पास रहा और कौन फेल.

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने पद संभालने के साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को विशेष निर्देश दिए . इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कलेक्टरों की रैंकिंग सिस्टम भी लागू की. जिसमें यह देखा जा सकता है कि सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में किस जिला कलेक्टर ने अच्छी भूमिका निभाई . मुख्य सचिव की ओर से किए गए इस रैंकिंग सिस्टम की दूसरी लिस्ट जारी हो गई . इसमें करीब आधा दर्जन जिलों के जिला कलेक्टर पूरी तरीके से फेल हो गए . जबकि एक दर्जन एवरेज हैं .

13 विभागों की 26 योजनाओं का रिपोर्ट कार्डः रैंकिंग सिस्टम में 13 विभागों की 26 योजनाएं जो आमजन से सीधे जुड़ी हुई हैं . जिसकी मार्च तक की रिपोर्ट को आधार मानकर दूसरी रिपोर्ट जारी कर दी है . सरकार की मंशा है कि आम जनता से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं सरकार ने लागू की है , उसका लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे . इसके लिए इस रैंकिंग सिस्टम से सरकार के पास इस बात को लेकर फीडबैक तैयार हो रहा है कि किस जिले में कितना लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है? .

यहां देखिए कौनसा जिला किस पायदान पर

शुद्ध के लिए युद्ध अभियानः इस अभियान में सभी जिलों ने अपना टारगेट पूरा किया , सबसे ज्यादा सैंपल कलेक्ट करने में सिरोही पहले नंबर पर बना हुआ है. राजसमंद 2 से 26 नंबर पर पहुंचा ,जयपुर भी 5वें से 8वें नंबर पर पहुंचा . सैंपल कलेक्ट करने में कोटा दूसरे पर, जालोर आखिरी पायदान पर है. पहली रैंकिंग में पाली आखिरी पायदान पर था, इस बार 23वें पर पहुंचा. निरोगी राजस्थान ,स्वास्थ्य मित्रों के चयन और ट्रैनिंग की रिपोर्ट पहली और दूसरी रैंकिंग एक समान है . सभी जिलों ने लक्ष्य हासिल किया, 7 जिलों को मिली 1 रैंक. इसमें भीलवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही हैं. आखिरी पायदान पर 5 जिले हैं. जिसमें बांसवाड़ा, सवाईमाधोपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर हैं.

पढ़े:जैसलमेरः मंत्री बीडी कल्ला ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारियों की ली समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजनाः निशुल्क दवा वितरण में बीकानेर जिला पहले नंबर पर है. बीकानेर दूसरे नंबर से पहले नंबर पर आया है. झुंझुनूं पहले नंबर से दूसरे पर पहुंचा, हनुमानगढ़ तीसरे, गंगानगर चौथे और भीलवाड़ा पांचवें पर है. निशुल्क दवा वितरण में बाड़मेर दूसरी रैंकिंग में भी आखिरी पायदान पर है. साथ ही चुरू, झालावाड़ भी आखिरी पायदान पर हैं.

मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजनाः निशुल्क जांचें करने में झालावाड़ पहले पायदान पर है. वहीं जालोर पहले से 30वें नंबर पर पहुंच गया. जैसलेर दूसरे से 26 नंबर पर पहुंचा है. अब दूसरे नंबर पर कोटा , दौसा तीसरे से 11वें नबर पर पहुंचा, जोधपुर तीसरे नंबर पर पहुंचा , झालावाड़ आखिरी से पहले पायदान पर पहुंचा है. वहीं डूंगरपुर, सिरोही, बारां भी आखिरी में पायदान पर हैं.

चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजनाः बीमा योजना में परिवारों के नाम जोड़ने में जयपुर दूसरी रैंकिग में भी पहले पायदान पर है. वहीं डूंगरपुर की जगह अब जालोर आखिरी पायदान पर पहुंच गया है.

1 रूपए किलो गेहूं वितरणः इस योजना में परिवारों को राशन वितरण में डूंगरपुर पहले नंबर पर, बांसवाड़ा दूसरे नंबर पर बना हुआ है. 93 प्रतिशत से नीचे राशन वितरण में करौली, जयपुर, बीकानेर शामिल हैं.

मुख्यमंत्री कन्यादान योजनाः कन्यादान योजना में आवेदनों के निस्तारण में 5 जिले अजमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, पहले नंबर पर हैं. आवेदनों के निस्तारण में भीलवाड़ा दूसरे से आखिरी पायदान पर पहुंचा है.

सामाजिक सुरक्षा पेंशनः पेंशनों के आवेदन और उन्हें वेरिफाई करने को लेकर जिलों की निस्तारण की गति बढ़ी है. पहले पायदान पर 18 जिले हैं जहां 100 प्रतिशत निस्तारण हुआ है. पहली रैंकिंग में 8 जिले पहले नंबर पर थे. अब अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, चूरू, कोटा, पाली, गंगानगर, बीकानेर, नागौर, प्रतापगढ़, हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, उदयपुर, झुंझुनूं, टोंक, करौली, डूंगरपुर, जोधपुर पहले पायदान पर हैं. जयपुर कलक्टर 99.81 प्रतिशत आवेदनों को वेरिफाई कर आखिरी पायदान पर हैं.

पालनहार योजनाः पालनहार योजना में 100 प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण कर 6 जिले पहले नंबर पर हैं. पहले केवल बूंदी पहले नंबर पर था. लेकिन अब पहले पायदान पर अलवर, बूंदी, हनुमानगढ़, जैसलमेर, करौली, कोटा हैं. आवेदनों के निस्तारण में डूंगरपुर, सिरोही, जयपुर आखिरी पायदान पर हैं.

सिलिकोसिस नीति 2019 के तहत लाभार्थीः सिलिकोसिस नीति के तहत 100 प्रतिशत आवेदनों के निस्तारण के साथ 10 जिले पहले पायदान पर हैं. पहली रैंकिंग में 6 जिले थे पहले नंबर पर.

मुख्ममंत्री युवा संबल योजनाः संबल योजना में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन और इंटर्नशिप कराने में झालावाड़ पहले नंबर पर है. जबकि टोंक जिला पहले से 13वें नंबर पर पहुंच गया है. पाली जिला आखिरी नंबर पर है.

जयपुर. सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए सरकार कलेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार कर रही है . रैंकिंग सिस्टम की दूसरी रिपोर्ट सरकार ने जारी कर (ranking of district collectors of Rajasthan) दी है . जिसमें कई जिला कलक्टरों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया तो कई नीचे के पायदान पर पहुंच गए हैं . देखिए इस रिपोर्ट में कौन पास रहा और कौन फेल.

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने पद संभालने के साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को विशेष निर्देश दिए . इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कलेक्टरों की रैंकिंग सिस्टम भी लागू की. जिसमें यह देखा जा सकता है कि सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में किस जिला कलेक्टर ने अच्छी भूमिका निभाई . मुख्य सचिव की ओर से किए गए इस रैंकिंग सिस्टम की दूसरी लिस्ट जारी हो गई . इसमें करीब आधा दर्जन जिलों के जिला कलेक्टर पूरी तरीके से फेल हो गए . जबकि एक दर्जन एवरेज हैं .

13 विभागों की 26 योजनाओं का रिपोर्ट कार्डः रैंकिंग सिस्टम में 13 विभागों की 26 योजनाएं जो आमजन से सीधे जुड़ी हुई हैं . जिसकी मार्च तक की रिपोर्ट को आधार मानकर दूसरी रिपोर्ट जारी कर दी है . सरकार की मंशा है कि आम जनता से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं सरकार ने लागू की है , उसका लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे . इसके लिए इस रैंकिंग सिस्टम से सरकार के पास इस बात को लेकर फीडबैक तैयार हो रहा है कि किस जिले में कितना लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है? .

यहां देखिए कौनसा जिला किस पायदान पर

शुद्ध के लिए युद्ध अभियानः इस अभियान में सभी जिलों ने अपना टारगेट पूरा किया , सबसे ज्यादा सैंपल कलेक्ट करने में सिरोही पहले नंबर पर बना हुआ है. राजसमंद 2 से 26 नंबर पर पहुंचा ,जयपुर भी 5वें से 8वें नंबर पर पहुंचा . सैंपल कलेक्ट करने में कोटा दूसरे पर, जालोर आखिरी पायदान पर है. पहली रैंकिंग में पाली आखिरी पायदान पर था, इस बार 23वें पर पहुंचा. निरोगी राजस्थान ,स्वास्थ्य मित्रों के चयन और ट्रैनिंग की रिपोर्ट पहली और दूसरी रैंकिंग एक समान है . सभी जिलों ने लक्ष्य हासिल किया, 7 जिलों को मिली 1 रैंक. इसमें भीलवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही हैं. आखिरी पायदान पर 5 जिले हैं. जिसमें बांसवाड़ा, सवाईमाधोपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर हैं.

पढ़े:जैसलमेरः मंत्री बीडी कल्ला ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारियों की ली समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजनाः निशुल्क दवा वितरण में बीकानेर जिला पहले नंबर पर है. बीकानेर दूसरे नंबर से पहले नंबर पर आया है. झुंझुनूं पहले नंबर से दूसरे पर पहुंचा, हनुमानगढ़ तीसरे, गंगानगर चौथे और भीलवाड़ा पांचवें पर है. निशुल्क दवा वितरण में बाड़मेर दूसरी रैंकिंग में भी आखिरी पायदान पर है. साथ ही चुरू, झालावाड़ भी आखिरी पायदान पर हैं.

मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजनाः निशुल्क जांचें करने में झालावाड़ पहले पायदान पर है. वहीं जालोर पहले से 30वें नंबर पर पहुंच गया. जैसलेर दूसरे से 26 नंबर पर पहुंचा है. अब दूसरे नंबर पर कोटा , दौसा तीसरे से 11वें नबर पर पहुंचा, जोधपुर तीसरे नंबर पर पहुंचा , झालावाड़ आखिरी से पहले पायदान पर पहुंचा है. वहीं डूंगरपुर, सिरोही, बारां भी आखिरी में पायदान पर हैं.

चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजनाः बीमा योजना में परिवारों के नाम जोड़ने में जयपुर दूसरी रैंकिग में भी पहले पायदान पर है. वहीं डूंगरपुर की जगह अब जालोर आखिरी पायदान पर पहुंच गया है.

1 रूपए किलो गेहूं वितरणः इस योजना में परिवारों को राशन वितरण में डूंगरपुर पहले नंबर पर, बांसवाड़ा दूसरे नंबर पर बना हुआ है. 93 प्रतिशत से नीचे राशन वितरण में करौली, जयपुर, बीकानेर शामिल हैं.

मुख्यमंत्री कन्यादान योजनाः कन्यादान योजना में आवेदनों के निस्तारण में 5 जिले अजमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, पहले नंबर पर हैं. आवेदनों के निस्तारण में भीलवाड़ा दूसरे से आखिरी पायदान पर पहुंचा है.

सामाजिक सुरक्षा पेंशनः पेंशनों के आवेदन और उन्हें वेरिफाई करने को लेकर जिलों की निस्तारण की गति बढ़ी है. पहले पायदान पर 18 जिले हैं जहां 100 प्रतिशत निस्तारण हुआ है. पहली रैंकिंग में 8 जिले पहले नंबर पर थे. अब अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, चूरू, कोटा, पाली, गंगानगर, बीकानेर, नागौर, प्रतापगढ़, हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, उदयपुर, झुंझुनूं, टोंक, करौली, डूंगरपुर, जोधपुर पहले पायदान पर हैं. जयपुर कलक्टर 99.81 प्रतिशत आवेदनों को वेरिफाई कर आखिरी पायदान पर हैं.

पालनहार योजनाः पालनहार योजना में 100 प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण कर 6 जिले पहले नंबर पर हैं. पहले केवल बूंदी पहले नंबर पर था. लेकिन अब पहले पायदान पर अलवर, बूंदी, हनुमानगढ़, जैसलमेर, करौली, कोटा हैं. आवेदनों के निस्तारण में डूंगरपुर, सिरोही, जयपुर आखिरी पायदान पर हैं.

सिलिकोसिस नीति 2019 के तहत लाभार्थीः सिलिकोसिस नीति के तहत 100 प्रतिशत आवेदनों के निस्तारण के साथ 10 जिले पहले पायदान पर हैं. पहली रैंकिंग में 6 जिले थे पहले नंबर पर.

मुख्ममंत्री युवा संबल योजनाः संबल योजना में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन और इंटर्नशिप कराने में झालावाड़ पहले नंबर पर है. जबकि टोंक जिला पहले से 13वें नंबर पर पहुंच गया है. पाली जिला आखिरी नंबर पर है.

Last Updated : May 1, 2022, 12:45 AM IST
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