जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव, प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक और भरतपुर डीईओ को नोटिस जारी कर पूछा है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता सहित अन्य परिलाभ क्यों नहीं दिए गए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मोहन सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए है.
याचिका में अधिवक्ता टीसी व्यास ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षा विभाग में वर्ष 1987 में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर लगे थे. वहीं विभाग ने उन्हें वर्ष 1993 में नियमित किया था. याचिका में कहा गया कि विभाग की ओर से वरिष्ठता सहित अन्य परिलाभ देते समय उनकी सेवाकाल की गणना वर्ष 1993 से ही की जा रही है.
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जबकि वे विभाग में 1987 से काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें परिलाभ देने के लिए सेवाकाल की गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से ही की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.