जयपुर. राजधानी के थिएटर फेस्ट जयरंगम फेस्टिवल के दौरान रविवार रात को पहली प्रस्तुति दी गई, जिसमें नाटककार मोलिरे के काम को 'बीवियन का मदरसा' के रूप में प्रस्तुत किया गया. सूफियान खान द्वारा निर्देशित एक आउट एंड आउट कॉमेडी नाटक था, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया.
थिएटर जयरंगम फेस्टिवल में दूसरी प्रस्तुति राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्माता-निर्देशक सुनील शानबाग के 'वर्ड्स हैव बीन यूटल्ड' थी. इस अनूठी सामाजिक टिप्पणी ने लोकतांत्रिक समाज और राजनीति में असंतोष, तर्क और सहमति की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला.
रंग सामवेद पैनल चर्चा ग्रामीण क्षेत्रों में थिएटर परिदृश्य पर आधारित 'कही अनकही' पर चर्चा के साथ शुरू हुई. बता दें कि इसमें छोटे शहरों और बड़े शहरों में प्रसिद्ध थिएटर व्यक्तित्व अशोक राही संयोजक के रूप में शामिल थे. तो वहीं पैनलिस्टों में गिरिजा शंकर, साबिर खान, संजय उपाध्याय और अनुजा शामिल रहे.
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इसके साथ ही बिरला ऑडिटोरियम में अतुल सत्य कौशिक द्वारा निर्देशित 'द लीजेंड ऑफ राम' नाटक का मंचन किया गया. जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया गया, जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता अरुण गोविल ने शीर्षक भूमिका निभाई भव्यता और मंच प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.