जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण जयपुर में तेजी से पांव पसारने लगा है और रामगंज तो इसका मुख्य केंद्र बन चुका है. अपनी जान की परवाह किए बिना कई स्वास्थ्यकर्मी यहां दिन रात संदिग्धों की सैंपलिंग लेने में जुटे हैं. लेकिन जिस इलाके में यह कोरोना योद्धा रहते हैं. वहां के लोग ही अब इनसे दूर होने लगे हैं. रामगंज में तैनात नर्स अनीता कुमारी इन दिनों ऐसी ही परिस्थितियों से गुजर रही है. लेकिन प्रशासन पुलिस की ओर से अब तो कुछ खास राहत इस नर्स को नहीं मिल पाई.
घर आने का लोग करते हैं विरोध
दरअसल, यह नर्स ब्रह्मपुरी रोड स्थित कृष्णा नगर में पिछले 3 साल से किराए पर रह रही हैं. लेकिन मौजूदा समय में इनकी ड्यूटी कोविड-19 संक्रमण का केंद्र बन चुके रामगंज में लगी है. इसकी जानकारी जब मोहल्ले और आसपास के लोगों को हुई, तो वही अनिता कुमारी के दुश्मन बन गए.
बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया जाता है रास्ता
आलम यह है कि जब यह नर्स अपनी ड्यूटी करके शाम को घर लौटती है, तो मोहल्ले की गलियों में बैरिकेडिंग लगाकर इनका रास्ता रोक लेते हैं. मकान मालिक पर भी मोहल्ले के लोग इस नर्स से मकान खाली कराने का दबाव बना रहे हैं. इसकी शिकायत नर्स ने ब्रहमपुरी थाने में भी की लेकिन शिकायत के बाद से अब तक नर्स के साथ अभद्रता करने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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पीड़ित नर्स के पति दिल्ली पुलिस में निजामुद्दीन थाने में तैनात है. ऐसे में अकेली महिला नर्स को अब अपनी जान का भी खतरा सता रहा है. नर्स अनिता कुमारी के अनुसार कोरोना वायरस से तो वे निपट लेगी. लेकिन समाज में छुपे इन वायरसों से वो अकेली कैसे निपटें. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए थे. लेकिन इस नर्स की व्यथा सुनने के बाद लगता है कि निर्देशों पर अमल अब तक नहीं हो पाया है.