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किसानों को राहत : कुसुम कंपोनेंट-A योजना की अंतिम तिथि 7 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 की गई

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Published : Sep 10, 2021, 7:18 PM IST

राज्य की कुसुम कम्पोनेंट-ए योजना के अन्तर्गत अपनी बंजर और अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना करने वाले चयनित कृषकों और विकासकर्ताओं को सरकार बड़ी राहत प्रदान दी है. सरकार ने इस योजना से जुड़ने की अंतिम तिथि को 7 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया है.

कुसुम कंपोनेंट-A योजना
कुसुम कंपोनेंट-A योजना

जयपुर. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जानकारी दी कि राज्य की कुसुम कम्पोनेंट-ए योजना के तहत ऊर्जा संयंत्र स्थापना के इच्छुक किसानों के लिए अंतिम तिथि 7 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई है.

इसके अलावा जो किसान और विकासकर्ता योजना के तहत सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए बैंकों से वित्तीय ऋण हासिल नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे आवेदकों की ओर से जमा करवायी गई एक लाख रूपये प्रति मेगावाट धरोहर राशि और 5 लाख रूपये प्रति मेगावाट परियोजना सुरक्षा राशि वापस लौटाए जाने का निर्णय हाल ही में लिया गया है.

इसके साथ कुसुम कंपोनेंट-ए योजना में किसानों/विकासकर्ताओं से क्रय की गई विद्युत का भुगतान राजस्थान विद्युत वितरण निगमों की ओर से नियत समय पर किया जा रहा है. साथ ही विद्युत वितरण निगमों की ओर से सौर ऊर्जा उत्पादकों के पक्ष में लैटर ऑफ क्रेडिट भी जारी किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप इस योजना के अंतर्गत कृषकों और विकासकर्ताओं को परियोजना स्थापना के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करना और सुलभ हो गया है.

पढ़ें- अगर आपके पास भी है बंजर जमीन तो कर सकते हैं लाखों की कमाई, जानें क्या करना होगा

डॉ. अग्रवाल के अनुसार कृषकों की बंजर और अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर कृषकों की अतिरिक्त आय सृजित करवाने के राज्य सरकार ने यह योजना बनाई है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में 623 कृषकों/विकासकर्ताओं की ओर से 722 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का आवंटन किया गया है, जिसमें से 7 परियोजनाओं से 9 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है तथा लगभग 15 अन्य परियोजनाएं स्थापनाधीन हैं.

इस तरह से मिलता है लाभ

राज्य सरकार सौर ऊर्जा उत्पादकों को बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाए जाते हैं. जिसके तहत राजस्थान विद्युत वितरण निगमों द्वारा त्रिपक्षीय अनुबंध कर एसको एकाउंट खोले जा रहे हैं. इसके अंतर्गत ऋणदाता बैंक, कृषक / विकासकर्ता और राजस्थान विद्युत वितरण निगमों के बीच एक अनुबंध किया जाता है.

साथ ही वितरण निगम की ओर से बिजली बिल के भुगतान की राशि में से प्रथमतः ऋणदाता बैंक की मासिक किश्त की जाती है. विद्युत वितरण निगम की ओर से एल.सी. और एस्क्रो अकाउंट खोले जाने के कारण बैंकों का ऋण सुरक्षित हो जाने से बैंकों की ओर से बिना रहन कृषकों/विकासकर्ताओं को ऋण उपलब्ध कराया जाना संभव हो सकेगा.

जयपुर. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जानकारी दी कि राज्य की कुसुम कम्पोनेंट-ए योजना के तहत ऊर्जा संयंत्र स्थापना के इच्छुक किसानों के लिए अंतिम तिथि 7 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई है.

इसके अलावा जो किसान और विकासकर्ता योजना के तहत सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए बैंकों से वित्तीय ऋण हासिल नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे आवेदकों की ओर से जमा करवायी गई एक लाख रूपये प्रति मेगावाट धरोहर राशि और 5 लाख रूपये प्रति मेगावाट परियोजना सुरक्षा राशि वापस लौटाए जाने का निर्णय हाल ही में लिया गया है.

इसके साथ कुसुम कंपोनेंट-ए योजना में किसानों/विकासकर्ताओं से क्रय की गई विद्युत का भुगतान राजस्थान विद्युत वितरण निगमों की ओर से नियत समय पर किया जा रहा है. साथ ही विद्युत वितरण निगमों की ओर से सौर ऊर्जा उत्पादकों के पक्ष में लैटर ऑफ क्रेडिट भी जारी किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप इस योजना के अंतर्गत कृषकों और विकासकर्ताओं को परियोजना स्थापना के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करना और सुलभ हो गया है.

पढ़ें- अगर आपके पास भी है बंजर जमीन तो कर सकते हैं लाखों की कमाई, जानें क्या करना होगा

डॉ. अग्रवाल के अनुसार कृषकों की बंजर और अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर कृषकों की अतिरिक्त आय सृजित करवाने के राज्य सरकार ने यह योजना बनाई है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में 623 कृषकों/विकासकर्ताओं की ओर से 722 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का आवंटन किया गया है, जिसमें से 7 परियोजनाओं से 9 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है तथा लगभग 15 अन्य परियोजनाएं स्थापनाधीन हैं.

इस तरह से मिलता है लाभ

राज्य सरकार सौर ऊर्जा उत्पादकों को बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाए जाते हैं. जिसके तहत राजस्थान विद्युत वितरण निगमों द्वारा त्रिपक्षीय अनुबंध कर एसको एकाउंट खोले जा रहे हैं. इसके अंतर्गत ऋणदाता बैंक, कृषक / विकासकर्ता और राजस्थान विद्युत वितरण निगमों के बीच एक अनुबंध किया जाता है.

साथ ही वितरण निगम की ओर से बिजली बिल के भुगतान की राशि में से प्रथमतः ऋणदाता बैंक की मासिक किश्त की जाती है. विद्युत वितरण निगम की ओर से एल.सी. और एस्क्रो अकाउंट खोले जाने के कारण बैंकों का ऋण सुरक्षित हो जाने से बैंकों की ओर से बिना रहन कृषकों/विकासकर्ताओं को ऋण उपलब्ध कराया जाना संभव हो सकेगा.

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