जयपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को किया गया. इस अवसर पर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में बच्चे भी मौजूद रहे. मुख्य अतिथि के रूप में जस्टिस सबीना सहित कई जज मौजूद रहीं.
कार्यक्रम में बच्चों ने गीत, कविता, नुक्कड़ नाटक, नृत्य आदि के जरिए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया. बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए संदेश दिया कि लड़कियों को पढ़ाने से देश और घर दोनों का भविष्य सुरक्षित रहता है. बेटियों को बचाने के साथ-साथ उनकी शिक्षा भी बहुत जरूरी है.
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अमित माहेश्वरी ने कार्यक्रम में एक चिरैया.. गीत सुनाया, तो बच्चे जोर जोर से तालियां बजाने लगे और झूमने लगे. जिस तरह से चिरैया दोनों पंख फैलाकर खुले आसमान में उड़ती है, उसी तरह से वहां मौजूद बच्चों ने अपने दोनों हाथ हवा में लहराते हुए झूमने लगी. यह दृश्य देखकर सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए. कार्यक्रम में मौजूद बच्चे अपने हाथों में बेटी बचाने का संदेश लिखी तख्तियां भी लिए हुए थे.
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक जैन ने बताया कि पूरे प्रदेश में 36553 जगह पर राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. अल्बर्ट हॉल के सामने हुए कार्यक्रम में जस्टिस सबीना मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थी. इनके अलावा जस्टिस प्रकाश गुप्ता, जस्टिस एस पी शर्मा, जस्टिस नरेंद्र लड्ढा रजिस्टार जनरल सतीश शर्मा आदि मौजूद रहे.
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जस्टिस सबीना ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में पढ़ाई बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि आप में से कई बच्चे ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं और ऊंची उड़ान भरने के लिए पढ़ाई बहुत जरूरी है. पढ़ाई का गहना सबसे अच्छा गहना है इसलिए 'सारे गहने छोड़ कर पढ़ाई का गहना पहनो'. जस्टिस सबीना ने कहा कि अपने टीचरों को गुरु मानकर उनसे सीखो तभी आपके सपने पूरे होंगे. पढ़ोगे तो अंधविश्वास से दूर रहोगे और अपने सपने पूरे कर पाओगे.