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पंचायत सहायकों का मानदेय 6000 से होगा 12000...सरकार को भेजी गई प्रस्ताव की फाइल

विभाग ने भेजे गए प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया है कि वर्तमान में पंचायत सहायकों को जो 6000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं वह न्यूनतम मजदूरी से भी कम है.

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पंचायत सहायकों का मानदेय
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Published : Mar 9, 2021, 10:40 PM IST

जयपुर. पिछले 4 साल से राज्य की पंचायत और स्कूलों में सेवा दे रहे 24578 पंचायत सहायकों के मानदेय बढ़ाने के लिए 389 करोड़ की फाइल राज्य सरकार को भेजी गई है. वर्तमान में पंचायत सहायकों को मात्र 6000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं. वह भी दो से पांच महीनों बाद. अब उनके मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए प्रतिमाह 12 हजार का प्रस्ताव भेजा गया है.

विभाग ने भेजे गए प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया है कि वर्तमान में पंचायत सहायकों को जो 6000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं वह न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी का कहना है कि महंगाई को देखते हुए 12 हजार भी बहुत कम है. परंतु इससे एक गरीब पंचायत सहायक अपना गुजारा कर पाएगा.

पढ़ें- टोंक: महिलाओं ने मां-बेटी को निर्वस्त्र कर सरेआम पीटा, दुष्कर्म मामले में राजीनामा के लिए बुलाया था...Video Viral

उन्होंने मांग की कि सरकार न्यूनतम मानदेय महंगाई को देखते हुए कम से कम 18000 करे. पंचायत सहायकों का नियमितीकरण करे. न्यायालय में चल रहे मामलों का निस्तारण करे. वंचित विद्यार्थी मित्रों के लिए पंचायत राज परिषद की ओर से पंचायत सहायक के पदों में वृद्धि के भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करके उनको पंचायत सहायक पद पर नियुक्ति दे.

अगर सरकार यह सब नहीं कर सकती तो पूर्व में रद्द की गई शिक्षा सहायक भर्ती को रिओपन करे और उसमें पंचायत सहायकों को स्थायीकरण का मौका दे. इन सभी मांगों के लिए 15 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

जयपुर. पिछले 4 साल से राज्य की पंचायत और स्कूलों में सेवा दे रहे 24578 पंचायत सहायकों के मानदेय बढ़ाने के लिए 389 करोड़ की फाइल राज्य सरकार को भेजी गई है. वर्तमान में पंचायत सहायकों को मात्र 6000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं. वह भी दो से पांच महीनों बाद. अब उनके मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए प्रतिमाह 12 हजार का प्रस्ताव भेजा गया है.

विभाग ने भेजे गए प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया है कि वर्तमान में पंचायत सहायकों को जो 6000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं वह न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी का कहना है कि महंगाई को देखते हुए 12 हजार भी बहुत कम है. परंतु इससे एक गरीब पंचायत सहायक अपना गुजारा कर पाएगा.

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उन्होंने मांग की कि सरकार न्यूनतम मानदेय महंगाई को देखते हुए कम से कम 18000 करे. पंचायत सहायकों का नियमितीकरण करे. न्यायालय में चल रहे मामलों का निस्तारण करे. वंचित विद्यार्थी मित्रों के लिए पंचायत राज परिषद की ओर से पंचायत सहायक के पदों में वृद्धि के भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करके उनको पंचायत सहायक पद पर नियुक्ति दे.

अगर सरकार यह सब नहीं कर सकती तो पूर्व में रद्द की गई शिक्षा सहायक भर्ती को रिओपन करे और उसमें पंचायत सहायकों को स्थायीकरण का मौका दे. इन सभी मांगों के लिए 15 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

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