जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर पालिका पिलानी की कार्यपालक और वित्त समिति के कामकाज को याचिका के निर्णयाधीन रखा है. वहीं, अदालत ने मामले में स्वायत्त शासन सचिव व निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश नगर पालिका चेयरमैन हीरालाल नायक की याचिका पर दिए.
याचिका में बताया कि याचिकाकर्ता नगरपालिका के चेयरमैन पद पर निर्वाचित हुआ था. इस दौरान अधिशासी अधिकारी ने 6 नवंबर 2020 को नगर पालिका की विभिन्न समितियों का गठन किया और इसकी सूचना स्वायत्त शासन विभाग को भिजवा दी, लेकिन सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने 19 जनवरी 2021 को नगरपालिका द्वारा भेजी गई समितियों से अलग 9 समितियों का गठन कर लिया.
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स्वायत्त शासन विभाग की इस कार्रवाई को याचिका में चुनौती देते हुए कहा कि सरकार ने नियमों की अनदेखी करते हुए अपने चहेतों को लाभ देने के लिए समितियों का गठन किया है, जबकि नियम 56 के तहत यह प्रावधान है कि कार्यपालक समिति में कोई भी मनोनीत सदस्य समिति में सदस्य नहीं हो सकता.
वहीं, किसी भी समिति में एक तिहाई से ज्यादा मनोनीत सदस्य नहीं हो सकते, इसलिए कार्यपालक व वित्त समिति के काम-काज पर रोक लगाई जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नगर पालिका की कार्यपालक व वित्त समिति के कामकाज को याचिका के निर्णयाधीन रखते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं.