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2 MARCH 2020 के दिन ही राजस्थान में सामने आया था कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला - Rajasthan first corona case

राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला बीते साल 2 मार्च को देखने को मिला था. जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. कोविड-19 संक्रमण का यह मामला जयपुर में देखने को मिला था.

राजस्थान कोरोना केस, corona cases in rajasthan
दो मार्च 2020 को आया था पहला कोविड केस
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Published : Mar 2, 2021, 4:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला बीते साल 2 मार्च को देखने को मिला था. जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. कोविड-19 संक्रमण का यह मामला जयपुर में देखने को मिला था. जहां इटली से आया एक दंपति कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाया गया था.

दो मार्च 2020 को आया था पहला कोविड केस

पढ़ेंः BSNL से संबंधित समस्याओं का निस्तारण नहीं होने पर जताई नाराजगी

कोविड-19 संक्रमण का जब यह पहला मामला सामने आया तो चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड़ पर आ चुका था और इटली के दंपति के संपर्क में आए सभी लोगों की लिस्ट तैयार करवाई गई. मोर्चा संभाला जयपुर सीएमएचओ प्रथम डॉक्टर नरोत्तम शर्मा और उनकी टीम ने डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने इस मौके पर बताया कि जब यह पहला मामला जयपुर में देखने को मिला तो यह दंपत्ति जयपुर के एक निजी होटल में रुके हुए थे. ऐसे में संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

जांच व्यवस्था नहीं:

राजस्थान में जब पहला मामला कोविड-19 संक्रमण का देखने को मिला तो उस समय प्रदेश में कहीं भी कोविड-19 की जांच की सुविधा नहीं थी. ऐसे में इटली के दंपत्ति के सैंपल भी पुणे स्थित वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे. इसके बाद रामगंज से भी एक मामला संक्रमण का सामने आया और सभी के सैंपल राजस्थान के बाहर जांच के लिए भेजे गए. इसके अलावा ना तो कोई दवा और ना ही वैक्सीन इसके इलाज को लेकर थी.

1 साल पर बदली व्यवस्थाएं:

जयपुर सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण का पहला केस आने के बाद बीते 1 साल में चिकित्सा व्यवस्थाओं में काफी बदलाव देखने को मिला है. राजस्थान में अब लगभग सभी मेडिकल कॉलेज और निजी लैब में कोविड-19 की जांच उपलब्ध है.

पढ़ेंः BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत...

इसके अलावा पहले निजी लैब में कोविड-19 की जांच करीब 5 हजार रुपए रखी गई थी तो वह अब सरकार ने जांच की दर 400 रुपए कर दी है. तो वहीं, लगभग सभी जिलों में डेडीकेटेड कोविड-19 सेंटर भी तैयार किए गए हैं. वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज में आईसीयू वेंटीलेटर और अन्य मेडिकल इक्विपमेंट्स की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई.

अब तक कितने मरीज आए सामनेः

प्रदेश में जब 2 मार्च 2020 को संक्रमण का पहला मामला देखने को मिला तो उसके बाद लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा. राजस्थान में बीते 1 साल में 3,20,455 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं, तो वहीं, इस बीमारी से 2787 मरीजों की मौत भी अभी तक हो चुकी है. इसके अलावा चिकित्सा विभाग की ओर से 6311140 टेस्ट किए जा चुके हैं तो वही 1304 अभी भी एक्टिव केस राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण के मौजूद है.

पढ़ेंः जेपी नड्डा पहुंचे बिरला सभागार, भंवरलाल शर्मा की याद में लगाई प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

16 जनवरी से वैक्सीनेशनः

कोविड-19 के वैक्सीन को लेकर काफी चर्चाएं रही और जिस तरह से संक्रमण के मामले हर दिन बढ़ रहे थे तो उसके बाद यही उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार की जाए और वैक्सीन के ट्रायल पूरे होने के बाद 16 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन से जुड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया. जहां पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को और अब वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तीसरे चरण में 60 साल से अधिक की आयु के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है.

जयपुर. राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला बीते साल 2 मार्च को देखने को मिला था. जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. कोविड-19 संक्रमण का यह मामला जयपुर में देखने को मिला था. जहां इटली से आया एक दंपति कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाया गया था.

दो मार्च 2020 को आया था पहला कोविड केस

पढ़ेंः BSNL से संबंधित समस्याओं का निस्तारण नहीं होने पर जताई नाराजगी

कोविड-19 संक्रमण का जब यह पहला मामला सामने आया तो चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड़ पर आ चुका था और इटली के दंपति के संपर्क में आए सभी लोगों की लिस्ट तैयार करवाई गई. मोर्चा संभाला जयपुर सीएमएचओ प्रथम डॉक्टर नरोत्तम शर्मा और उनकी टीम ने डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने इस मौके पर बताया कि जब यह पहला मामला जयपुर में देखने को मिला तो यह दंपत्ति जयपुर के एक निजी होटल में रुके हुए थे. ऐसे में संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

जांच व्यवस्था नहीं:

राजस्थान में जब पहला मामला कोविड-19 संक्रमण का देखने को मिला तो उस समय प्रदेश में कहीं भी कोविड-19 की जांच की सुविधा नहीं थी. ऐसे में इटली के दंपत्ति के सैंपल भी पुणे स्थित वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे. इसके बाद रामगंज से भी एक मामला संक्रमण का सामने आया और सभी के सैंपल राजस्थान के बाहर जांच के लिए भेजे गए. इसके अलावा ना तो कोई दवा और ना ही वैक्सीन इसके इलाज को लेकर थी.

1 साल पर बदली व्यवस्थाएं:

जयपुर सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण का पहला केस आने के बाद बीते 1 साल में चिकित्सा व्यवस्थाओं में काफी बदलाव देखने को मिला है. राजस्थान में अब लगभग सभी मेडिकल कॉलेज और निजी लैब में कोविड-19 की जांच उपलब्ध है.

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इसके अलावा पहले निजी लैब में कोविड-19 की जांच करीब 5 हजार रुपए रखी गई थी तो वह अब सरकार ने जांच की दर 400 रुपए कर दी है. तो वहीं, लगभग सभी जिलों में डेडीकेटेड कोविड-19 सेंटर भी तैयार किए गए हैं. वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज में आईसीयू वेंटीलेटर और अन्य मेडिकल इक्विपमेंट्स की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई.

अब तक कितने मरीज आए सामनेः

प्रदेश में जब 2 मार्च 2020 को संक्रमण का पहला मामला देखने को मिला तो उसके बाद लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा. राजस्थान में बीते 1 साल में 3,20,455 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं, तो वहीं, इस बीमारी से 2787 मरीजों की मौत भी अभी तक हो चुकी है. इसके अलावा चिकित्सा विभाग की ओर से 6311140 टेस्ट किए जा चुके हैं तो वही 1304 अभी भी एक्टिव केस राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण के मौजूद है.

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16 जनवरी से वैक्सीनेशनः

कोविड-19 के वैक्सीन को लेकर काफी चर्चाएं रही और जिस तरह से संक्रमण के मामले हर दिन बढ़ रहे थे तो उसके बाद यही उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार की जाए और वैक्सीन के ट्रायल पूरे होने के बाद 16 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन से जुड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया. जहां पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को और अब वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तीसरे चरण में 60 साल से अधिक की आयु के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है.

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