अजमेर. बिजली के बिलों के माध्यम से की जा रही वसूली के विरोध में ग्राहक पंचायत संस्था से जुड़े कार्यकर्त्ताओं ने जिला मुख्यालय पर लामबंद जोकर अपना रोष जताया है. संस्था की मांग है कि बिजली के बिलों में फ्यूल एवं स्थाई शुल्क के नाम पर वसूली पर रोक लगाने की मांग की है. कार्यकर्त्ताओं ने ऊर्जा मंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन भी दिया.
बिजली के बिलों में बेतहाशा बढ़ोतरी को लोगों में रोष व्याप्त है. कोरोना महामारी के चलते लोगों के कारोबार धंधे चौपट हो गए हैं, ऐसे में बिजली का बिल उनकी तकलीफ को और बढ़ा रहा है. ग्राहक पंचायत संस्था अजमेर ने भी बिजली के बिलों के नाम पर की जा रही वसूली को रोकने की मांग उठाई है. संस्था से जुड़े कार्यकर्ता रूपक शर्मा ने बताया कि अजमेर में टाटा पावर लिमिटेड ने उपभोक्ताओं को बिजली के बिल जारी किए थे, इनमें स्थाई शुल्क के अतिरिक्त फ्यूल चार्ज और स्थाई शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई है.
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उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों को उपभोक्ताओं के निर्धारित पते पर पहुंचाने का कार्य विभाग का है. इसके संबंध में विद्युत उपभोग का शुल्क स्थाई शुल्क वसूल किया जाता रहा है. बावजूद इसके फ्यूल चार्ज और स्थाई शुल्क में बढ़ोतरी कर बिलों में उन्हें जोड़कर टाटा पॉवर लिमिटेड उपभोक्ताओं से वसूल कर रही है. यह उपभोक्ताओं के साथ कुठाराघात किया जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि टाटा पावर की ओर से बिना मीटर रीडिंग लिए औसत के आधार पर भी अधिकार बिल जारी किए जा रहे हैं, जो नियम विरुद्ध हैं. इस कारण उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग से अधिक राशि का बिल थमाया जा रहा है. इसके अलावा ग्राहक पंचायत संस्था अजमेर में मीडिया में प्रकाशित विज्ञापनों की सत्यता पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि मीडिया में विज्ञापन का प्रकाशन और प्रसारण सत्यता के आधार पर होना चाहिए, ताकि लोग ऐसे विज्ञापनों से भ्रमित ना हों और ठगी का शिकार ना बने.