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Corona Effect: जयपुर के जीप-टैक्सी संचालकों पर रोजी-रोटी का संकट

कोरोना महामारी से पर्यटन उद्योग ( Tourism Industry) से जुड़े लोग काफी प्रभावित हुए हैं. जिसके चलते कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. पर्यटन नगरी आमेर में जीप-टैक्सी संचालकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 17, 2021, 7:36 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 10:03 PM IST

जयपुर में जीप संचालकों पर रोजी का संकट

जयपुर. विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी आमेर (Amer fort ) देसी-विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. कोरोना महामारी की वजह से यहां पर्यटन गतिविधियां सामान्य नहीं हो पाईं हैं. आमेर महल में पर्यटकों की कमी से करीब 250 जीप-टैक्सी संचालकों पर आर्थिक समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा है.

आमेर के मावठा झील से महल तक पर्यटकों को जीप सवारी कराई जाती है. जीप संचालक पर्यटकों को जीप सवारी कराकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने रोजगार छीन लिया.

जयपुर में जीप संचालकों पर रोजी का संकट

फाइनेंस की भी टेंशन

जीप संचालकों का कहना है कि कई जीप फाइनेंस पर चल रही है. अब किस्त देना भी मुश्किल हो रहा है. फाइनेंस वाले भी किस्त के लिए परेशान कर रहे हैं. इंश्योरेंस और फिटनेस भी ड्यू चल रहे हैं. कई लोगों को कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

पढ़ें: SPECIAL : निजी शिक्षण संस्थान बंद होने से लाखों शिक्षकों के सामने रोटी का संकट

'कोरोना की दूसरी लहर ने सब चौपट कर दिया'

आमेर मावठा टैक्सी जीप यूनियन के प्रचार मंत्री एवं जीप संचालक अहसान कबीर ने बताया कि कोरोना की पहली लहर की मार से जूझ रहे थे. काम थोड़ा पटरी पर लौटने ही लगा था कि दूसरी लहर ने फिर सब कुछ चौपट कर दिया.

आमेर में साल 1963 से जीप संचालित हो रही है. प्रदेशभर के सभी मॉन्यूमेंट्स में पर्यटन गतिविधियों की रफ्तार सुस्त पड़ने से काम-धंधा ठप है. जीप संचालकों और चालकों के पास कमाई का दूसरा संसाधन भी नहीं है. शासन- प्रशासन से भी कोई मदद नहीं मिली है.

पढ़ें: SPECIAL : कोरोना में स्टार्टअप धड़ाम! लाखों लोगों की गई जॉब लेकिन टेक स्टार्टअप की बल्ले-बल्ले

जीप-टैक्सी यूनियन पर निर्भर हैं 250 परिवार

जीप संचालकों का कहना है कि सरकार की तरफ से सहायता की जाए ताकि इन परिवारों को थोड़ी राहत मिल सके. जीप यूनियन अध्यक्ष रफीक खान ने बताया कि जीप संचालकों के पास जीप सवारी के अलावा कोई दूसरा काम भी नहीं है. काम-धंधा ठप होने से सभी जीप संचालक परेशान हैं. कुछ जीप संचालक तो जीप बेचने पर भी मजबूर हो गए हैं.

सरकार से भी कोई राहत नहीं

आमेर जीप टैक्सी यूनियन और आमेर महल टैक्सी संचालकों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आमेर विधायक डॉ. सतीश पूनिया को सरकार से राहत पैकेज दिलाने की मांग की है ताकि पर्यटन उद्योग से जुड़े जीप-टैक्सी संचालकों को मदद मिल सके.

पढ़ें: Special : ईटीवी भारत पर छलका लोक कलाकारों का दर्द, बोले- कोरोना काल में न ताली मिल रही और न थाली...

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को दिया ज्ञापन

भाजपा नेता शहजाद खान ने बताया कि कुछ दिन पहले ही जीप संचालकों की समस्या को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया को ज्ञापन दिया गया है. जीप संचालकों की पीड़ा को सरकार तक पहुंचाया गया है. कुछ दिन पहले सतीश पूनिया ने आमेर के हाथी महावतों को राशन देकर सहायता की थी.

पिछले 50 सालों से आमेर के 50 प्रतिशत लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए राहत पैकेज की मांग की गई है. सरकार सुनवाई नहीं करेगी तो आंदोलन किया जाएगा.

बेरोजगारी से डिप्रेशन का शिकार

जीप चालकों ने बताया कि परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो रहा है. गंभीर बात यह है कि आर्थिक स्थिति खराब होने से कई जीप संचालक डिप्रेशन में भी आ गए हैं.

जयपुर. विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी आमेर (Amer fort ) देसी-विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. कोरोना महामारी की वजह से यहां पर्यटन गतिविधियां सामान्य नहीं हो पाईं हैं. आमेर महल में पर्यटकों की कमी से करीब 250 जीप-टैक्सी संचालकों पर आर्थिक समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा है.

आमेर के मावठा झील से महल तक पर्यटकों को जीप सवारी कराई जाती है. जीप संचालक पर्यटकों को जीप सवारी कराकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने रोजगार छीन लिया.

जयपुर में जीप संचालकों पर रोजी का संकट

फाइनेंस की भी टेंशन

जीप संचालकों का कहना है कि कई जीप फाइनेंस पर चल रही है. अब किस्त देना भी मुश्किल हो रहा है. फाइनेंस वाले भी किस्त के लिए परेशान कर रहे हैं. इंश्योरेंस और फिटनेस भी ड्यू चल रहे हैं. कई लोगों को कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

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'कोरोना की दूसरी लहर ने सब चौपट कर दिया'

आमेर मावठा टैक्सी जीप यूनियन के प्रचार मंत्री एवं जीप संचालक अहसान कबीर ने बताया कि कोरोना की पहली लहर की मार से जूझ रहे थे. काम थोड़ा पटरी पर लौटने ही लगा था कि दूसरी लहर ने फिर सब कुछ चौपट कर दिया.

आमेर में साल 1963 से जीप संचालित हो रही है. प्रदेशभर के सभी मॉन्यूमेंट्स में पर्यटन गतिविधियों की रफ्तार सुस्त पड़ने से काम-धंधा ठप है. जीप संचालकों और चालकों के पास कमाई का दूसरा संसाधन भी नहीं है. शासन- प्रशासन से भी कोई मदद नहीं मिली है.

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जीप-टैक्सी यूनियन पर निर्भर हैं 250 परिवार

जीप संचालकों का कहना है कि सरकार की तरफ से सहायता की जाए ताकि इन परिवारों को थोड़ी राहत मिल सके. जीप यूनियन अध्यक्ष रफीक खान ने बताया कि जीप संचालकों के पास जीप सवारी के अलावा कोई दूसरा काम भी नहीं है. काम-धंधा ठप होने से सभी जीप संचालक परेशान हैं. कुछ जीप संचालक तो जीप बेचने पर भी मजबूर हो गए हैं.

सरकार से भी कोई राहत नहीं

आमेर जीप टैक्सी यूनियन और आमेर महल टैक्सी संचालकों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आमेर विधायक डॉ. सतीश पूनिया को सरकार से राहत पैकेज दिलाने की मांग की है ताकि पर्यटन उद्योग से जुड़े जीप-टैक्सी संचालकों को मदद मिल सके.

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को दिया ज्ञापन

भाजपा नेता शहजाद खान ने बताया कि कुछ दिन पहले ही जीप संचालकों की समस्या को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया को ज्ञापन दिया गया है. जीप संचालकों की पीड़ा को सरकार तक पहुंचाया गया है. कुछ दिन पहले सतीश पूनिया ने आमेर के हाथी महावतों को राशन देकर सहायता की थी.

पिछले 50 सालों से आमेर के 50 प्रतिशत लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए राहत पैकेज की मांग की गई है. सरकार सुनवाई नहीं करेगी तो आंदोलन किया जाएगा.

बेरोजगारी से डिप्रेशन का शिकार

जीप चालकों ने बताया कि परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो रहा है. गंभीर बात यह है कि आर्थिक स्थिति खराब होने से कई जीप संचालक डिप्रेशन में भी आ गए हैं.

Last Updated : Jun 17, 2021, 10:03 PM IST
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