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ठाकुरजी को श्रृंगार के बाद लगाया फलों का लगाया भोग, गर्मी से बचाने के लिए AC-कूलर भी लगाए

पूरे देश में लॉकडाउन की पालना करते हुए अक्षय तृतीया का पर्व मनाया गया. ऐसे में मंदिर में भगवान को शीतल ऋतु फल अर्पित किए गए. साथ ही मंदिर में ठाकुर जी का अभिषेक किया गया. इसके बाद चंदन का लेपन कर पीले रंग की नई धोती-दुपट्टा धारण करवाई गई. वहीं विशेष अलंकार श्रृंगार भी किया गया.

आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, Aradhya Dev Govind Dev Ji Temple
ठाकुरजी को चढ़ाया भोग
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Published : Apr 26, 2020, 11:09 PM IST

Updated : May 24, 2020, 8:30 PM IST

जयपुर. वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया रविवार को अक्षय तृतीया का पर्व विशेष संयोग के बीच मनाया गया. लॉकडाउन होने के चलते पहली बार अक्षय तृतीया का पर्व सुना रहा. शहर में हजारों शादियां रद्द रही. वहीं आमजन ने जरूरतमंदों की मदद के लिए दान पुण्य किया. जप, हवन करने के साथ ही भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना भी की गई.

वहीं मंदिर में भगवान को शीतल ऋतु फल आम, संतरा, तरबूज, खरबूज, ककड़ी मटके में सत्तू, आम चीनी और बिझणी रखी ठाकुर जी के समक्ष अर्पित किए गए. साथ ही विशेष झांकियां सजाई गई. इसके साथ ही सेवा पूजा में भी बदलाव हुआ.

पढ़ेंःदाने-दाने को तरस रहे मजदूरों ने ईटीवी भारत से साझा किया दर्द...कहा हमें कैसे भी घर भिजवा दो...वरना भूखे मर जाएंगे

गर्भगृह में ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के लिए कूलर, खस की टाटी और AC लगाए गए. आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर जी का अभिषेक किया गया. इसके बाद चंदन का लेपन कर पीले रंग की नई धोती-दुपट्टा धारण करवाई गई. वहीं विशेष अलंकार श्रृंगार भी किया गया.

प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि फल, पंच मेवा, भीगी हुई दाल, सतू भोग, शर्बत, लड्डू का भोग अर्पण किया गया. शीतलता प्रदान करने के लिए जल का फव्वारा और कूलर लगाया गया. इसके अलावा जाट के कुएं का रास्ता स्थित महादेव मंदिर में जलयात्रा झांकी हुई.

पढ़ेंःप्लाज्मा थेरेपी के लिए हम तैयार, ICMR की हरी झंडी का इंतजार: चिकित्सा मंत्री

वहीं पहली बार ऐसा हुआ कि जहां हजारों श्रद्धालुओं के जगह पर वहां सिर्फ लॉकडाउन की पालना के लिए मंदिर प्रबंधन के सदस्य और महंत ही मौजूद रहे. इसके लिए श्रद्धालुओं ने घर बैठे ऑनलाइन दर्शन किए.

जयपुर. वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया रविवार को अक्षय तृतीया का पर्व विशेष संयोग के बीच मनाया गया. लॉकडाउन होने के चलते पहली बार अक्षय तृतीया का पर्व सुना रहा. शहर में हजारों शादियां रद्द रही. वहीं आमजन ने जरूरतमंदों की मदद के लिए दान पुण्य किया. जप, हवन करने के साथ ही भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना भी की गई.

वहीं मंदिर में भगवान को शीतल ऋतु फल आम, संतरा, तरबूज, खरबूज, ककड़ी मटके में सत्तू, आम चीनी और बिझणी रखी ठाकुर जी के समक्ष अर्पित किए गए. साथ ही विशेष झांकियां सजाई गई. इसके साथ ही सेवा पूजा में भी बदलाव हुआ.

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गर्भगृह में ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के लिए कूलर, खस की टाटी और AC लगाए गए. आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर जी का अभिषेक किया गया. इसके बाद चंदन का लेपन कर पीले रंग की नई धोती-दुपट्टा धारण करवाई गई. वहीं विशेष अलंकार श्रृंगार भी किया गया.

प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि फल, पंच मेवा, भीगी हुई दाल, सतू भोग, शर्बत, लड्डू का भोग अर्पण किया गया. शीतलता प्रदान करने के लिए जल का फव्वारा और कूलर लगाया गया. इसके अलावा जाट के कुएं का रास्ता स्थित महादेव मंदिर में जलयात्रा झांकी हुई.

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वहीं पहली बार ऐसा हुआ कि जहां हजारों श्रद्धालुओं के जगह पर वहां सिर्फ लॉकडाउन की पालना के लिए मंदिर प्रबंधन के सदस्य और महंत ही मौजूद रहे. इसके लिए श्रद्धालुओं ने घर बैठे ऑनलाइन दर्शन किए.

Last Updated : May 24, 2020, 8:30 PM IST
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