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कल सोने-चांदी से होगा बांके बिहारी का शृंगार, जयपुर और दिल्ली से आए वस्त्र

इस बार शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांके बिहारी महाराज दिल्ली और जयपुर में तैयार किए गए पोशाक और मुकुट पहनेंगे. शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर ही ठाकुर बांके बिहारी महाराज को धारण कराए जाने वाली विशेष पोशाक और शृंगार के दर्शन सेवायत गोस्वामियों ने मीडिया और भक्तों को कराया.

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Published : Oct 29, 2020, 10:06 PM IST

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सोने-चांदी से होगा बांके बिहारी की शृंगार

जयपुर/मथुरा. विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में विराजमान ठाकुर बांके बिहारी महाराज इस बार शरद पूर्णिमा पर विशेष पोशाक धारण करेंगे. शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को ठाकुर बांके बिहारी महाराज को धारण कराए जाने वाली विशेष पोशाक और शृंगार के दर्शन सेवायत गोस्वामियों द्वारा कराए गए. इस बार विशेष पोशाक और मुकुट को सेवायत गोस्वामियों ने जयपुर एवं दिल्ली से तैयार कराया गया.

सोने-चांदी से होगा बांके बिहारी की शृंगार

ठाकुरजी के श्रृंगार और पोशाक का कराया दर्शन...

ठाकुर बांके बिहारी महाराज साल में केवल एक ही दिन शरद पूर्णिमा के दिन मोर, मुकुट, कटि काछनी एवं बंशी धारण करते हैं, जिसे ठाकुरजी को धारण कराने से पूर्व मीडिया के माध्यम से भक्तों को दर्शन कराए गए. विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर बांके बिहारी शुक्रवार को शरद पूर्णिमा पर्व पर विशेष पोशाक और शृंगार धारण करेंगे. मंदिर के सेवायत गोस्वामियों द्वारा श्रृंगार धारण कराने से पूर्व ही शृंगार का भक्तों को दर्शन कराया. मंदिर सेवायत अतुल कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि शुक्रवार को ठाकुर जी का शरद महोत्सव है. शरद शरद महोत्सव पर सेवा अधिकारी प्रदीप गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, मुन्ना श्याम आदि द्वारा ठाकुरजी का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाएगा. क्योंकि शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के श्रृंगार का बड़ा महत्व है, जो कि साल में एक ही दिन होता है.

ठाकुरजी के शृंगार का श्रीमद्भागवत में है वर्णन...

महारास का शृंगार जो ठाकुर जी का श्रीमद्भागवत में वर्णन है. महारास में ठाकुरजी ने मोर, मुकुट, कटि काछनी एवं बंशी में धारण की थी. उस रात का जो श्रृंगार होता है, वह शरद पूर्णिमा पर ठाकुर जी बांके बिहारी महाराज धारण करेंगे, जो कि साल में एक ही दिन होता है. पुजारी ने बताया कि बिहारी जी महाराज रोज 12 श्रीपेश धारण करते हैं.

सोने और चांदी से बना है ठाकुरजी का मुकुट...

ठाकुरजी शरद पूर्णिमा पर जो मुकुट धारण करेंगे वह एक तरफ चांदी का होगा और एक तरफ सोने का होगा. यह मुकुट विशेष रूप से जयपुर से बनवाया गया है. ठाकुर जी का सारा श्रृंगार सोने-चांदी से तैयार कराया गया है. पुजारी ने बताया कि ठाकुरजी की पोशाक सफेद रंग की है, वह दिल्ली से तैयार होकर आई है. यह विशेष रूप से कारीगरों द्वारा बनाई गई है.

ठाकुरजी को लगेगा खीर और चंद्रकला का भोग...

शुक्रवार की शाम 8:15 बजे ठाकुर जी मंदिर में जब चंद्रमा ठाकुर जी के मुखारविंद के सामने आ जाएगा, तब मंदिर की सारी लाइटें सेवा अधिकारी बंद करा देंगे. इसके बाद चंद्रमा के दर्शन ठाकुरजी करेंगे. चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ठाकुरजी को खीर और चंद्रकला का भोग लगेगा, जो कि भक्तों में बांटा जाएगा.

ठाकुरजी की फोटो खींचने पर प्रतिबंध...

विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार को शरद महोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दौरान ठाकुरजी शृंगार के साथ विशेष पोशाक धारण करेंगे. ठाकुरजी की फोटो खींचना किसी के लिए भी संभव नहीं है. इसलिए ठाकुरजी को धारण कराए जाने वाली विशेष पोशाक और श्रृंगार के दर्शन सेवायत गोस्वामियों द्वारा पर्व की पूर्व संध्या पर ही कराए गए.

जयपुर/मथुरा. विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में विराजमान ठाकुर बांके बिहारी महाराज इस बार शरद पूर्णिमा पर विशेष पोशाक धारण करेंगे. शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को ठाकुर बांके बिहारी महाराज को धारण कराए जाने वाली विशेष पोशाक और शृंगार के दर्शन सेवायत गोस्वामियों द्वारा कराए गए. इस बार विशेष पोशाक और मुकुट को सेवायत गोस्वामियों ने जयपुर एवं दिल्ली से तैयार कराया गया.

सोने-चांदी से होगा बांके बिहारी की शृंगार

ठाकुरजी के श्रृंगार और पोशाक का कराया दर्शन...

ठाकुर बांके बिहारी महाराज साल में केवल एक ही दिन शरद पूर्णिमा के दिन मोर, मुकुट, कटि काछनी एवं बंशी धारण करते हैं, जिसे ठाकुरजी को धारण कराने से पूर्व मीडिया के माध्यम से भक्तों को दर्शन कराए गए. विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर बांके बिहारी शुक्रवार को शरद पूर्णिमा पर्व पर विशेष पोशाक और शृंगार धारण करेंगे. मंदिर के सेवायत गोस्वामियों द्वारा श्रृंगार धारण कराने से पूर्व ही शृंगार का भक्तों को दर्शन कराया. मंदिर सेवायत अतुल कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि शुक्रवार को ठाकुर जी का शरद महोत्सव है. शरद शरद महोत्सव पर सेवा अधिकारी प्रदीप गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, मुन्ना श्याम आदि द्वारा ठाकुरजी का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाएगा. क्योंकि शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के श्रृंगार का बड़ा महत्व है, जो कि साल में एक ही दिन होता है.

ठाकुरजी के शृंगार का श्रीमद्भागवत में है वर्णन...

महारास का शृंगार जो ठाकुर जी का श्रीमद्भागवत में वर्णन है. महारास में ठाकुरजी ने मोर, मुकुट, कटि काछनी एवं बंशी में धारण की थी. उस रात का जो श्रृंगार होता है, वह शरद पूर्णिमा पर ठाकुर जी बांके बिहारी महाराज धारण करेंगे, जो कि साल में एक ही दिन होता है. पुजारी ने बताया कि बिहारी जी महाराज रोज 12 श्रीपेश धारण करते हैं.

सोने और चांदी से बना है ठाकुरजी का मुकुट...

ठाकुरजी शरद पूर्णिमा पर जो मुकुट धारण करेंगे वह एक तरफ चांदी का होगा और एक तरफ सोने का होगा. यह मुकुट विशेष रूप से जयपुर से बनवाया गया है. ठाकुर जी का सारा श्रृंगार सोने-चांदी से तैयार कराया गया है. पुजारी ने बताया कि ठाकुरजी की पोशाक सफेद रंग की है, वह दिल्ली से तैयार होकर आई है. यह विशेष रूप से कारीगरों द्वारा बनाई गई है.

ठाकुरजी को लगेगा खीर और चंद्रकला का भोग...

शुक्रवार की शाम 8:15 बजे ठाकुर जी मंदिर में जब चंद्रमा ठाकुर जी के मुखारविंद के सामने आ जाएगा, तब मंदिर की सारी लाइटें सेवा अधिकारी बंद करा देंगे. इसके बाद चंद्रमा के दर्शन ठाकुरजी करेंगे. चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ठाकुरजी को खीर और चंद्रकला का भोग लगेगा, जो कि भक्तों में बांटा जाएगा.

ठाकुरजी की फोटो खींचने पर प्रतिबंध...

विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार को शरद महोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दौरान ठाकुरजी शृंगार के साथ विशेष पोशाक धारण करेंगे. ठाकुरजी की फोटो खींचना किसी के लिए भी संभव नहीं है. इसलिए ठाकुरजी को धारण कराए जाने वाली विशेष पोशाक और श्रृंगार के दर्शन सेवायत गोस्वामियों द्वारा पर्व की पूर्व संध्या पर ही कराए गए.

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