जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार(gehlot goverment in rajastha) ने टेक्सटाइल इकाइयों (textile units in rajasthan) को बड़ी राहत दी है. अब राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (Rajasthan Investment Promotion Scheme) (रिप्स) के तहत प्रदेश की उन टेक्सटाइल इकाइयों को भी मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान (interest subsidy for the moratorium period) का लाभ मिलेगा, जिन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मोरेटोरियम सुविधा (moratorium facility of rbi) का लाभ लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड के चलते औद्योगिक इकाइयों के लिए मोरेटोरियम अवधि का ब्याज अनुदान जारी किया था.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने इस संबंध में रिप्स योजना में सकारात्मक संशोधन का निर्णय लेते हुए टेक्सटाइल इकाइयों को कोरोना काल में बड़ी राहत दी है. बता दें कि रिप्स-2014 और रिप्स-2019 के तहत प्रदेश में नई और विस्तार इकाई के रूप में निवेश करने पर टेक्सटाइल इकाइयों को टर्म लोन पर वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि से पांच साल तक की अवधि के लिए 5 से 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है.
आरबीआई की मोरेटोरियम अवधि
कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक की अवधि को मोरेटोरियम अवधि घोषित किया था. राज्य में मोरेटोरियम की सुविधा प्राप्त करने वाली इन टेक्सटाइल इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि का ब्याज अनुदान रिप्स के वर्तमान नियमों के अनुसार देय नहीं था. ऐसे में इन इकाइयों को 6 माह की मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान से वंचित होना पड़ रहा था. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन टेक्सटाइल इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि के 5 साल की अवधि के बाद भी ब्याज अनुदान देय होगा, जिससे इन इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के अप्राप्त अनुदान की भरपाई हो सके.
करीब 70 इकाइयां होंगी लाभांवित
गहलोत सरकार के इस निर्णय से अब इन इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान का लाभ भी मिल सकेगा. इससे भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, भिवाड़ी, पाली, जोधपुर सहित अन्य जिलों की लगभग 70 औद्योगिक इकाइयां लाभान्वित होंगी.