जयपुर. शहर में सैकड़ों आरओ प्लांट के जरिए लोग तक पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है और लगातार आरओ प्लांट का कारोबार फल फूल रहा है. आरओ प्लांट के पानी की शुद्धता जांचने का काम पहले कोई भी एजेंसी नहीं करती थी, लेकिन अब पीएचईडी विभाग इन आरओ प्लांट की शुद्धता जांचने का काम कर रहा है और अब तक 26 से अधिक आरओ प्लांट के पानी की जांच पीएचईडी विभाग कर चुका है.
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जयपुर शहर के आम लोगों, दफ्तरों और अन्य संस्थानों में आरओ प्लांट पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं और लगभग सैकड़ों आरओ प्लांट कैन और बॉटल के जरिए पानी पिलाने का काम कर रहा है. यह आरओ प्लांट बिना पानी की शुद्धता नापे पानी सप्लाई कर रहे थे. आरओ प्लांट अपने स्तर पर ही पानी की जांच करते हैं और उसके बाद पानी सप्लाई करते हैं.
ईटीवी भारत ने पहले जयपुर शहर में चल रहे सैकड़ों आरओ प्लांट की शुद्धता को लेकर खबर प्रसारित की थी. इसके बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार ने पीएचईडी विभाग को इन आर ओ प्लांट्स के पानी की शुद्धता नापने के निर्देश दिए थे. इसके बाद संबंधित अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को आर ओ प्लांट के पानी की शुद्धता मापने के निर्देश दिए और लगातार यह काम आज भी चल रहा है.
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जयपुर शहर में 26 आरओ प्लांट के पानी की शुद्धता की जांच हो चुकी है, इनमें से एक आरओ प्लांट के पानी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. इसके बाद आरओ प्लांट के मालिक को पानी की शुद्धता सुधारने के निर्देश दिए और जब दोबारा इस आरओ प्लांट के पानी की जांच की गई तो पानी शुद्ध मिला. अधीक्षण अभियंता अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश के बाद एक अभियान चलाया गया और आरओ प्लांट का सर्वे किया गया. राठौड़ ने कहा कि आरओ प्लांट के पानी के सैपलिंग की जांच आगे भी जारी रहेगी.