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जयपुर: वनों में आग बुझाने के लिए रेंजर्स को दी गई फायर कंट्रोल की तकनीकी ट्रेनिंग

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Published : Feb 27, 2021, 11:59 AM IST

जयपुर में राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की ओर से फारेस्ट फायर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान रेंजर्स और स्टाफ को बनो में लगने वाली आग को बुझाते समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुए नुकसान कम से कम रखने के उपाय बताए गए.

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वनों में आग बुझाने के लिए रेंजर्स को दी गई फायर कंट्रोल की तकनीकी ट्रेनिंग

जयपुर. वन क्षेत्रों में अक्सर आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. ज्यादातर गर्मी के मौसम में वन क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं होती है. वहीं वनों में आग बुझाते समय दूसरों के साथ खुद को भी आग से बचाना आवश्यक है. ऐसे में वनों में आग बुझाने के लिए रेंजर्स को फायर कंट्रोल की तकनीकी जानकारी दी गई.

बता दें कि राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की ओर से फारेस्ट फायर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान रेंजर्स और स्टाफ को बनो में लगने वाली आग को बुझाते समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुए नुकसान कम से कम रखने के उपाय बताए गए. इसके साथ ही आग बुझाते समय दूसरों के साथ खुद का बचाव किस तरह किया जाए इसकी भी तकनीकी जानकारी दी गई.

इंस्टीट्यूट के ट्रेनिंग कोर्स डायरेक्टर नरेश चंद शर्मा के मुताबिक प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने ट्रेनिंग सत्र का उद्घाटन किया. ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग विशेषज्ञ अधिकारियों ने रेंजर्स और स्टाफ को वनों में लगने वाली आग को बुझाने संबंधित तकनीकी जानकारी दी. वहीं ट्रेनिंग के दौरान रेंजर्स को बताया गया कि किस तरह से आग को बुझाते समय उन्हें खुद के साथ-साथ अपने साथियों और ग्रामीणों को भी बचाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: उपचुनाव : किसान सम्मेलनों के जरिए कांग्रेस का चुनावी शंखनाद आज, एक मंच पर दिखेंगे गहलोत और पायलट

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर किसी वजह से दुर्घटना या अनहोनी हो जाती है तो वह किस तरह से लोगों और वन्यजीवों को बचाते हुए आग से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं. वहीं उन्होंने रेंजर्स को काउंटर फायर तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से इसके सहारे वनों में आग से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही ट्रेनिंग के दौरान इंस्टिट्यूट निदेशक केसी अरुण प्रसाद ने भी रेंजर्स को उपयोगी जानकारी देते हुए वनों में लगने वाली आग के प्रकार बताते हुए समय रहते आवश्यक उपाय करने की जानकारी दी.

अरण्य भवन के डीएफओ सुरेश मिश्रा ने वनों में आग लगने के दौरान ग्रामीणों का सहयोग किस तरह से ले सकते हैं इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने रेंजर्स को गैस सिलेंडर समेत अन्य स्थानों पर आग लगने के बाद उसे बुझाने के उपाय बताते हुए प्रैक्टिकल डेमो भी दिया.

जयपुर. वन क्षेत्रों में अक्सर आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. ज्यादातर गर्मी के मौसम में वन क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं होती है. वहीं वनों में आग बुझाते समय दूसरों के साथ खुद को भी आग से बचाना आवश्यक है. ऐसे में वनों में आग बुझाने के लिए रेंजर्स को फायर कंट्रोल की तकनीकी जानकारी दी गई.

बता दें कि राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की ओर से फारेस्ट फायर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान रेंजर्स और स्टाफ को बनो में लगने वाली आग को बुझाते समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुए नुकसान कम से कम रखने के उपाय बताए गए. इसके साथ ही आग बुझाते समय दूसरों के साथ खुद का बचाव किस तरह किया जाए इसकी भी तकनीकी जानकारी दी गई.

इंस्टीट्यूट के ट्रेनिंग कोर्स डायरेक्टर नरेश चंद शर्मा के मुताबिक प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने ट्रेनिंग सत्र का उद्घाटन किया. ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग विशेषज्ञ अधिकारियों ने रेंजर्स और स्टाफ को वनों में लगने वाली आग को बुझाने संबंधित तकनीकी जानकारी दी. वहीं ट्रेनिंग के दौरान रेंजर्स को बताया गया कि किस तरह से आग को बुझाते समय उन्हें खुद के साथ-साथ अपने साथियों और ग्रामीणों को भी बचाना चाहिए.

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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर किसी वजह से दुर्घटना या अनहोनी हो जाती है तो वह किस तरह से लोगों और वन्यजीवों को बचाते हुए आग से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं. वहीं उन्होंने रेंजर्स को काउंटर फायर तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से इसके सहारे वनों में आग से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही ट्रेनिंग के दौरान इंस्टिट्यूट निदेशक केसी अरुण प्रसाद ने भी रेंजर्स को उपयोगी जानकारी देते हुए वनों में लगने वाली आग के प्रकार बताते हुए समय रहते आवश्यक उपाय करने की जानकारी दी.

अरण्य भवन के डीएफओ सुरेश मिश्रा ने वनों में आग लगने के दौरान ग्रामीणों का सहयोग किस तरह से ले सकते हैं इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने रेंजर्स को गैस सिलेंडर समेत अन्य स्थानों पर आग लगने के बाद उसे बुझाने के उपाय बताते हुए प्रैक्टिकल डेमो भी दिया.

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