जयपुर. स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को कभी जनगणना तो कभी चुनाव कार्य में लगा दिया जाता है. इन दिनों शिक्षक कोरोना वॉरियर्स बनकर क्वॉरेंटाइन सेंटर और शेल्टर होम में भी ड्यूटी दे रहे हैं. कमोबेश सरकार के हर अभियान में शिक्षक कहीं ना कहीं काम करते देखे जा सकते हैं. लेकिन अब शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डियों को उड़ाने और बाढ़ नियंत्रण कक्ष में भी लगा दी गई है.
दरअसल, कोटा जिले के इटावा उपखंड के एसडीएम ने बाकायदा ऑर्डर निकालकर शिक्षकों को टिड्डी निगरानी दल में शामिल किया है. आदेशानुसार प्रधानाचार्य अधीनस्थ कार्मिकों की मॉनिटरिंग करेंगे और समय-समय पर उच्चाधिकारियों से मिले आदेशों-निर्देशों की पालना कराएंगे. इसी तरह प्रतापगढ़ जिले के छोटीसादड़ी उपखंड के एसडीएम ने आर्डर निकाल कर कोरोना नियंत्रण कक्ष में लगे व्याख्याता और अध्यापकों को बाढ़ नियंत्रण कक्ष का भी कार्यभार संभलवाया है. इस पर शिक्षक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है.
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शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि शिक्षकों का मूल उद्देश्य शैक्षणिक कार्य होता है. हालांकि कोरोना आपदा में प्रदेश के 2 लाख शिक्षक कोरोना वॉरियर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन अब उनकी ड्यूटी टिड्डी बचाओ और बाढ़ नियंत्रण दल में लगाई जा रही है, जिसका शिक्षक संगठन विरोध करता है. उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर ऐसे उपखंड अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की.
वहीं, एक अन्य शिक्षक संगठन ने राज्य सरकार पर शिक्षकों की गरिमा और दायित्व को नुकसान पहुंचा कर अन्य कार्यों में लगाए जाने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय के फैसले और आरटीई के नियमों को याद दिलाया. साथ ही इस तरह के आदेश वापस नहीं लिए जाने की स्थिति में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी दी.