जयपुर. दौसा जिले में अवाप्त की जा रही भूमि के विरोध में किसानों का जमीन सत्याग्रह आंदोलन जारी है. इस बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया. किसानों की इस बैठक में सभी बिंदुओं पर सकरात्मक वार्ता हुई, लेकिन वार्ता कोई नतीजे पर नहीं पहुंच सकी क्योंकि किसानों ने आंदोलन स्थगित करने का फैसला मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद करने की घोषणा की है.
दौसा जिले में जमीन के बदले जमीन या फिर जमीन की बाजार कीमत की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन लंबे समय से जारी है . इस बीच सरकार के साथ किसानों की वार्ता भी हुई लेकिन यह वार्ता किसी नतीजे पर नही पहुंची. तो किसानों ने जमीन सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया. किसानों के बढ़ते आंदोलन के बीच सोमवार को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई. बैठक में किसान नेता हिम्मत सिंह के नेतृत्व में 21 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा की. इस दौरान किसानों के आंदोलन को समर्थन दे रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हुए.
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वहीं, करीब 2 घंटे से अधिक चली बैठक के बाद किसान नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि अधिकारियों के साथ जो वार्ता हुई है, वह सकारात्मक है. किसानों ने एक-एक बिंदु पर गंभीरता के साथ चर्चा की और उनके समाधान पर आश्वासन दिया गया. लेकिन आंदोलन समाप्ति की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद ही होगी. उधर, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी यही कहा कि आंदोलन समाप्ति की घोषणा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के बाद ही होगी. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से जब पूछा गया की भूमि अधिकरण मुआवजा के फैक्टर सिस्टम उन्हीं की पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार की ओर से लागू किया गया है.
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जिस पर मीणा ने कहा कि भले ही भाजपा सरकार ने इसे लागू किया हो, लेकिन किसानों के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. पिछली सरकार ने लागू किया, इसलिए सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह इस फैक्टर सिस्टम को बदलें. किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने वार्ता के बाद अपनी मांग पत्र की एक कॉपी सचिवालय स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास भी रखी.