जयपुर: राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reorganization) की कवायद पूरी हो चुकी है और मंत्रिमंडल में बसपा से कांग्रेस (BSP To Congress) में आए 6 में से केवल एक विधायक राजेंद्र गुढ़ा को राज्यमंत्री बनाया गया. बाकी पांच, संसदीय सचिव या अन्य किसी पद का इंतजार कर रहे हैं. ये पांच नाराज भी हैं. इनकी नाराजगी के बीच मंत्री राजेंद्र गुढ़ा काफी सुर्खियां (Talk Of The Town) बटोर रहे हैं. कारण बयानबाजी और Actions हैं.
कटरीना वाले बयान (Cheeks Of Katrina Kaif) पर तो बवाल मचा ही है लेकिन इसके साथ इनकी नदारदगी भी चर्चा ए आम का सबब बनी है. दरअसल, मंत्री जी शपथ लेने के बाद सचिवालय पदभार ग्रहण नहीं पहुंचे हैं. इतना ही नहीं मंत्री बनने के बाद जिस पहली कैबिनेट (Rajendra Gudha Skips Cabinet Meet) मीटिंग का हर मंत्री को इंतजार होता है उस मीटिंग से भी राजेंद्र गुढ़ा ने कन्नी काट ली.
राजनीति में हर एक्शन कुछ कहता है!
राजनीतिक पंडित उनके इन एक्शन्स का मतलब निकाल रहे हैं. चर्चा अपने साथियों को फिट करने की जिद की है. कहा जा रहा है कि 2 बार के विधायक होने के चलते राजेंद्र गुढ़ा को बाकी 6 विधायकों के ऊपर तरजीह दी गई. वो एक मात्र गहलोत कैबिनेट में शामिल हो सकने वाले मंत्री रहे. अब वो शायद अपने बाकी बचे पांच साथियों का Adjustment चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक जब तक उनके 5 साथी सरकार में किसी पद पर आसीन नहीं हो जाते हैं तब तक शायद राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) पदभार ग्रहण नहीं करेंगे. यही उनके इंतजार का कारण भी है.
गुढ़ा समेत 6 जिन्होंने थामा 'हाथ' का साथ
सरकार बनने के करीब 1 साल बाद बसपा (BSP) के टिकट पर जीत कर आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगिंदर अवाना ,वाजिब अली ,लाखन मीणा, संदीप यादव और दीपचंद खेरिया ने अपना विलय कांग्रेस पार्टी (Merged Into Congress) में कर लिया था. इसके बाद इन सभी विधायकों को उम्मीद थी कि इन सभी को सरकार में हिस्सेदारी मिलेगी.
कांग्रेस में आने का इंतजार लम्बा होता गया. 2 साल बाद मौका मिला तो केवल एक राजेंद्र गुढ़ा को. बाकी 5 विधायक अभी Wait And Watch की ही मुद्रा में हैं. वैसे खबर ये भी है कि सभी 5 बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जाएगा. अब शायद इन नियुक्तियों के बाद ही मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा अपनी जिम्मेदारियां सम्भालें!
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सरकारी गाड़ी भी लौटाई
पांच बसपा से कांग्रेस में आए साथियों का दबाव कहें या फिर सरकार पर दबाव बनाने की पॉलिटिक्स. लेकिन बसपा से कांग्रेस में आए राज्य मंत्री बने राजेंद्र गुढ़ा अभी नाराज हैं. गुढ़ा ने ना तो अब तक अपना पदभार ग्रहण किया है ना ही वह बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए. साथ ही राजेंद्र गुढ़ा मंत्री बनने के बावजूद अब तक अपने निजी वाहन में ही यात्रा कर रहे हैं. राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री बनने के बाद मोटर गैराज से भिजवाई गई सरकारी गाड़ी उन्होंने लौटा दी है. इससे साफ है कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा या तो अपने पांच साथियों के दबाव में हैं या फिर अपने पांच साथियों को संसदीय सचिव पद मिले, इसके लिए दबाव बना रहे हैं.