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रिश्वत केस में पकड़े गए IPS मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि 180 दिन बढ़ाई, जानें पूरा मामला

रिश्वत केस (Bribery case) के मामले में जेल में बंद दौसा के तत्कालीन एसपी आईपीएस मनीष अग्रवाल (IPS Manish Aggarwal) की निलंबन अवधि 180 दिन बढ़ा दी गई है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य के अध्यक्षता में गठित रिव्यू कमेटी ने यह अनुशंसा की है.

suspension period of IPS Manish Aggarwal, IPS मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि बढ़ी
IPS मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि बढ़ी
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Published : Jul 14, 2021, 12:23 PM IST

जयपुर. रिश्वत केस मामले में जेल में बंद दौसा (Dausa) के तत्कालीन एसपी आईपीएस मनीष अग्रवाल (IPS Manish Aggarwal) की निलंबन अवधि एक बार फिर से 180 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. जहां मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि (Manish Aggarwal's suspension period) समाप्त हो रही थी. जिसके बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य के अध्यक्षता में गठित रिव्यू कमेटी ने निलंबन अवधि बढ़ाने की अनुशंसा की.

कमेटी का मत था कि आरोपित मनीष अग्रवाल अभी न्यायिक अभिरक्षा में है. ऐसे में उन्हें बहाल नहीं किया जा सकता. जिसके बाद कमेटी ने तुरंत उनके निलंबन अवधि 14 जुलाई से 180 दिन बढ़ाने की सिफारिश की. बता दें कि एसीबी ने 2 फरवरी को रिश्वत मांगने के आरोप में मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. ACB ने दलाल नीरज मीणा के मार्फत मोटी रकम रिश्वत में मांगने के आरोप में पुख्ता सबूत मिलने पर मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया था.

6 फरवरी को राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिक जांच में लिप्त पाए जाने पर आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल को निलंबित कर दिया था. 2 फरवरी से ही निलंबित करने के आदेश जारी करते हुए निलंबन काल में उनका मुख्यालय महानिदेशक जयपुर रखा गया है.

पढ़ें- RAS 2018 Result : अनलॉक के बाद सबसे बड़ी भर्ती का परिणाम जारी, झुंझुनू की मुक्ता राव बनीं टॉपर

दरअसल, आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल पर दौसा जिले के एसपी रहते हुए भ्रष्टाचार करने के कई आरोप हैं. एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था. अग्रवाल को हाईवे बनाने वाली कंपनी से घूस लेने के आरोप में 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. एसीबी ने 13 जनवरी को इस मामले में दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था. इन पर जयपुर आगरा हाईवे बनाने वाली दो कंपनियों से लाखों रुपए घूस लेने के आरोप हैं.

आईपीएस मनीष अग्रवाल भी इस मामले में एसीबी के रडार पर थे. IPS अग्रवाल के निलंबन के दौरान मुख्यालय डीजीपी राजस्थान जयपुर के कार्यालय में रहेगा. कार्मिक (क-3/ शिकायत) विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवाएं नियम 1969 के नियम 3 के उप नियम (2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 2 फरवरी से निलंबित माने जाने के आदेश जारी किए गए थे.

जयपुर. रिश्वत केस मामले में जेल में बंद दौसा (Dausa) के तत्कालीन एसपी आईपीएस मनीष अग्रवाल (IPS Manish Aggarwal) की निलंबन अवधि एक बार फिर से 180 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. जहां मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि (Manish Aggarwal's suspension period) समाप्त हो रही थी. जिसके बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य के अध्यक्षता में गठित रिव्यू कमेटी ने निलंबन अवधि बढ़ाने की अनुशंसा की.

कमेटी का मत था कि आरोपित मनीष अग्रवाल अभी न्यायिक अभिरक्षा में है. ऐसे में उन्हें बहाल नहीं किया जा सकता. जिसके बाद कमेटी ने तुरंत उनके निलंबन अवधि 14 जुलाई से 180 दिन बढ़ाने की सिफारिश की. बता दें कि एसीबी ने 2 फरवरी को रिश्वत मांगने के आरोप में मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. ACB ने दलाल नीरज मीणा के मार्फत मोटी रकम रिश्वत में मांगने के आरोप में पुख्ता सबूत मिलने पर मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया था.

6 फरवरी को राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिक जांच में लिप्त पाए जाने पर आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल को निलंबित कर दिया था. 2 फरवरी से ही निलंबित करने के आदेश जारी करते हुए निलंबन काल में उनका मुख्यालय महानिदेशक जयपुर रखा गया है.

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दरअसल, आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल पर दौसा जिले के एसपी रहते हुए भ्रष्टाचार करने के कई आरोप हैं. एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था. अग्रवाल को हाईवे बनाने वाली कंपनी से घूस लेने के आरोप में 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. एसीबी ने 13 जनवरी को इस मामले में दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था. इन पर जयपुर आगरा हाईवे बनाने वाली दो कंपनियों से लाखों रुपए घूस लेने के आरोप हैं.

आईपीएस मनीष अग्रवाल भी इस मामले में एसीबी के रडार पर थे. IPS अग्रवाल के निलंबन के दौरान मुख्यालय डीजीपी राजस्थान जयपुर के कार्यालय में रहेगा. कार्मिक (क-3/ शिकायत) विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवाएं नियम 1969 के नियम 3 के उप नियम (2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 2 फरवरी से निलंबित माने जाने के आदेश जारी किए गए थे.

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