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हाईकोर्ट सुनवाई : निलंबित IPS मनीष अग्रवाल का आपराधिक रिकॉर्ड तलब

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में दर्ज एफआईआर का रिकॉर्ड 31 मार्च तक पेश करने को कहा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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निलंबित IPS मनीष अग्रवाल का आपराधिक रिकॉर्ड तलब
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Published : Mar 23, 2021, 8:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में दर्ज एफआईआर का रिकॉर्ड 31 मार्च तक पेश करने को कहा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि उसने न तो रिश्वत की डिमांड की है और ना ही उससे रिश्वत राशि की बरामदगी हुई है. इसके अलावा जिस दलाल के जरिए रिश्वत लेना बताया जा रहा है, वह अपने पेट्रोल पंप पर तीन बार हुई लूट को लेकर याचिकाकर्ता से मिला था. वहीं प्रकरण में एसीबी ने जांच कर उसके खिलाफ आरोप पत्र भी पेश कर दिया है.

पढ़ें- बस और ट्रेलर में आमने-सामने से भिड़ंत, करीब 25 लोग घायल, 20 यात्री अजमेर रेफर

आरोप पत्र पेश होने के चलते समान मामले में आरएएस पिंकी मीणा को भी जमानत मिल चुकी है. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता भ्रष्टाचार करने का आदतन आरोपी है. जम्मू-कश्मीर में नियुक्त रहने के दौरान उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. जिसमें आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

इस पर अदालत ने सरकारी वकील को कहा है कि वह 31 मार्च तक याचिकाकर्ता के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में दर्ज प्रकरण का रिकॉर्ड पेश करे. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने बहन की शादी में शामिल होने के लिए आरोपी आईपीएस को गत 10 मार्च को दस दिन की अंतरिम जमानत देते हुए उसे 21 मार्च को सरेंडर करने के आदेश दिए थे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में दर्ज एफआईआर का रिकॉर्ड 31 मार्च तक पेश करने को कहा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि उसने न तो रिश्वत की डिमांड की है और ना ही उससे रिश्वत राशि की बरामदगी हुई है. इसके अलावा जिस दलाल के जरिए रिश्वत लेना बताया जा रहा है, वह अपने पेट्रोल पंप पर तीन बार हुई लूट को लेकर याचिकाकर्ता से मिला था. वहीं प्रकरण में एसीबी ने जांच कर उसके खिलाफ आरोप पत्र भी पेश कर दिया है.

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आरोप पत्र पेश होने के चलते समान मामले में आरएएस पिंकी मीणा को भी जमानत मिल चुकी है. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता भ्रष्टाचार करने का आदतन आरोपी है. जम्मू-कश्मीर में नियुक्त रहने के दौरान उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. जिसमें आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

इस पर अदालत ने सरकारी वकील को कहा है कि वह 31 मार्च तक याचिकाकर्ता के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में दर्ज प्रकरण का रिकॉर्ड पेश करे. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने बहन की शादी में शामिल होने के लिए आरोपी आईपीएस को गत 10 मार्च को दस दिन की अंतरिम जमानत देते हुए उसे 21 मार्च को सरेंडर करने के आदेश दिए थे.

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