जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झोटवाडा थाने के तत्कालीन एसीपी आस मोहम्मद को जमानत देने से इंकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि आरोपी चाहे तो आरोप पत्र पेश होने के बाद जमानत याचिका दायर कर सकता है.
न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश आस मोहम्मद की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिए. जमानत अर्जी में कहा गया कि उसने किसी से कोई राशि नहीं ली थी. एसीबी ने दूसरे पुलिसकर्मी को एक लाख रुपए के साथ ट्रेप किया था. एसीबी ने उसे प्रकरण में फंसाया है. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रकरण का मुख्य आरोपी है.
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सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी ने परिवादी राजवीर को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार नहीं करने की एवज में ढाई लाख रुपए मांगे थे. प्रकरण के सह आरोपी थानाधिकारी प्रदीप चारण और एएसआई रामलाल अभी भी फरार चल रहे हैं. यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है.
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दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए आरोप पत्र पेश होने के बाद याचिका दायर करने की छूट दी है. आपको बता दें कि मामले में करीब छह माह तक फरार रहने के बाद आस मोहम्मद ने गत दिनों एसीबी के जांच अधिकारी के समक्ष समर्पण किया था.