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जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण, PHC के सरकारी डॉक्टर का निजी क्लीनिक

जयपुर संभागीय आयुक्त का पदभार संभालने के बाद से ही डॉ. समित शर्मा एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. उनकी टीम सरकारी कार्यालय का लगातार निरीक्षण कर रही है. शुक्रवार को शर्मा ने जयपुर जिले के कई सरकारी कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान जयपुर उप पंजीयक कार्यालय में अधिकारी सहित 7 में से 6 कर्मचारी अनुपस्थित मिले. जिस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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Published : Jan 9, 2021, 10:12 AM IST

Jaipur divisional commissioner, जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण
जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण

जयपुर. पदभार संभालने के बाद से ही संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. वो खुद और उनकी टीम सरकारी कार्यालय का लगातार निरीक्षण कर रही है. शुक्रवार को शर्मा ने जयपुर जिले के कई सरकारी कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान जयपुर उप पंजीयक कार्यालय में अधिकारी सहित 7 में से 6 कर्मचारी अनुपस्थित मिले और मानपुरा माचेड़ी पीएचसी में मरीज बाहर इन्तजार करते रहे थे और स्टाफ नदारद मिला. यहां के डॉक्टर का निजी क्लीनिक में निरीक्षण में संभागीय आयुक्त को मिला.

निरीक्षण के दौरान कुछ कार्यालयों में कार्मिक नदारद मिले और कुछ में कार्यालय समय से देरी से पहुंचते पाए गए. कार्यालयों में दिशा-निर्देशों के बावजूद दो समय का उपस्थिति रजिस्टर, मूवमेन्ट रजिस्टर संधारित नहीं किया जाना पाया गया. इस पर डॉ. शर्मा ने नाराजगी जाहिर कर संबंधित उच्च अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ेंः भरतपुर: दो बाइकों के बीच हुई जोरदार टक्कर, बाइक सवार दोनों युवकों की मौत

डॉ. शर्मा ने उप पंजीयक कार्यालय नवम का औचक निरीक्षण किया, जहां 7 कार्मिकों में से मात्र 1 ही कार्मिक (सूचना सहायक) ही उपस्थित पाया गया. हाजिरी रजिस्टर के कॉलम भी खाली पाए गए.

उप पंजीयक कार्यालय की इंचार्ज मिली गैरहाजिर

निरीक्षण में पाया गया कि कार्यालय की इन्चार्ज कनक जैन अनुपस्थित हैं और उपस्थिति रजिस्टर के कॉलम भी तीन दिन से खाली पाए गए. इसी प्रकार रेखा कुमारी मीणा भी चार दिन से अनुपस्थित हैं, जिनके उपस्थिति रजिस्टर के कॉलम भी खाली पाए गए. कनक जैन से फ़ोन से बात करने पर उन्होंने अतिरिक्त चार्ज सब रजिस्ट्रार-द्वितीय ऑफिस का भी होना बताया. वहां पर भी वे अनुपस्थित मिलीं.

Jaipur divisional commissioner, जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण
जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण

इसके बाद जैन खुद को फील्ड में होना बताया तो उनसे तत्काल व्हॉट्सअप लोकेशन मांगी गई और सुबह से फील्ड में एक घण्टे के दौरान किए गए कार्यों का विवरण मांगा गया, जिसे बताने में वे असमर्थ रहीं. इस मामले में उनकी नियंत्रक अधिकारी डीआईजी-प्रथम प्रतिभा पारीक से पूछे जाने पर छुट्टी या फील्ड में होने की जानकारी से अनभिज्ञ होना बताया, इस पर डॉ. शर्मा ने कनक जैन दोनों कार्यालयों से और फील्ड से कार्य दिवस के दौरान कार्यालय समय में प्रातः 10.35 ड्यूटी से बिना पूर्व सूचना और अनुमति के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए जाने पर संबंधित उप महानिरीक्षक पंजीयक अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. संभागीय आयुक्त के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्होंने 8 कार्मिकों को 17 सीसीए का नोटिस जारी कर दिए.

यह भी पढ़ेंः KBC में छाई कोटा की 'मुस्कान की रसोई'...जहां 5 रुपए में दिया जाता है भोजन

रजिस्टर में मिले अगले दिन के एडवांस हस्ताक्षर

उप पंजीयक कार्यालय दशम के इन्चार्ज राजीव बड़ गुर्जर के कॉलम भी खाली पाए गए. पूछने पर उन्होंने छुट्टी पर होना बताया. उनके कार्यालय के दो अन्य कार्मिक भी अनुपस्थित पाए गए और रजिस्टर कॉलम भी खाली मिले. 11 बजे सहायक अभियन्ता जेवीवीएनएल, जयपुर के कार्यालय का निरीक्षण किया गया, जहां पर 52 कार्मिक पदस्थापित हैं. मौके पर कुछ कार्मिक अनुपस्थित मिले और कुछ के हाजिरी कॉलम दो-दो दिन से खाली थे. वहीं, दो कार्मिकों ने तो अग्रिम दिनांक के हस्ताक्षर भी कर रखे थे.

इसके साथ ही सहायक अभियंता देवेन्द्र शर्मा ने भी 10.50 पर टीम के पहुंचने के बाद आकर रजिस्टर में हस्ताक्षर किए. इस पर संभागीय आयुक्त ने चीफ इंजिनियर को संबंधित सहायक अभियंता और अन्य कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ेंः किसानों को अगली बैठक के लिए 7 दिन बाद का समय देना मोदी सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है: CM गहलोत

मरीज करते रहे इंतजार और स्टाफ मिला नदारद

संभागीय आयुक्त ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुरा माचेड़ी का औचक निरीक्षण किया, वहां भी हालात जस के तस पाए गए. वहां, पर पदस्थापित डॉ. संजय गोयल, बसन्ता एलएचवी, प्रेमलता शर्मा एएनएम, शफी मोहम्मद वार्ड बॉय और उगन्ता सैनी एएनएम ड्यूटी समय में हॉस्पिटल से अनुपस्थित मिले और मरीज बाहर इंतजार करते रहे. निर्देशों के बावजूद दो समय का उपस्थिति रजिस्टर भी संधारित नहीं किया गया था और मौके पर उपस्थित स्टाफ यूनिफार्म में नहीं था. इस संबंध में ब्लांक सीएमएचओ और जयपुर सीएमएचओ- प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा को नाराजगी प्रकट करते हुए अनुपस्थित कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने औक भविष्य में और अधिक सतर्कता से पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए

निजी लैब में 350 जांच, सरकारी अस्पताल में एक भी नहीं

मानपुरा माचेड़ी में सरकारी लैब का भी निरीक्षण किया गया. सरकारी लैब में सैल कांउटर उपलब्ध है और चालू स्थिति में हैं और रिजेन्ट भी उपलब्ध है. लेकिन, पिछले तीन महीने से अधिक समय से सीबीसी की कोई भी जांच नहीं की गई. इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की लाखों की बिल्डिंग और 11 स्टाफ की नियुक्ति होने के बावजूद अस्पताल के ठीक सामने एक डायंग्नोस्टिक सेन्टर है और एक अन्य सरकारी डॉक्टर का निजी क्लिनिक संचालित है. पिछले तीन महीनों में निजी लैब में सीबीसी की लगभग 350 जांचे हुईं, जबकि राजकीय चिकित्सालय में एक भी नहीं हुई. यह हमें हमारी व्यवस्थाओं पर सोचने पर विवश करता है.

यह भी पढ़ेंः तबादलों का दौर : राज्य सरकार ने 32 आरएएस अधिकारियों के किए तबादले...सूची देखें, कौन किधर गया

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने सरकारी चिकित्सक डॉ. नरेन्द्र कुमार डांगी का निजी क्लिनिक भी संचालित है. वहां पर उन्होंने बोर्ड लगा रखा है और अपना मोबाइल नम्बर और रजिस्ट्रेशन नम्बर भी लिखा रखा है. ग्रामीणों से पूछे जाने पर पाया गया कि शाम को हॉस्पिटल के बाद किराए की इस जगह पर डॉ. डांगी मरीज देखते हैं. डॉ. डांगी की ओर से प्रतिमाह नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस भी लिया जाता है, उसके बावजूद भी वह नियम विरूद्ध निजी प्रैटिक्स करते हैं.

डाक्टर और स्टाफ को नोटिस, जांच कमेटी गठित

संभागीय आयुक्त ने संयुक्त निदेशक को 24 घण्टे में जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. निर्दशों की पालना में ब्लांक सीएमएचओ विराटनगर डॉ. सुनील कुमार मीणा ने अनुपस्थित चिकित्सक और स्टाफ को नोटिस जारी कर दिया और डॉ. कमलेश बेनीवाल, डॉ. रामकिशोर जाट व डॉ. हंसराज गुर्जर वरिष्ठ सहायक की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर जारी...अब तक 2,166 पक्षियों की मौत ने बढ़ाई सरकार की चिंता

संभागीय आयुक्त ने जयपुर (ग्रामीण) क्षेत्र में पुलिस थाना शाहपुरा का भी निरीक्षण किया, जहां रिकॉर्ड, एफआईआर दर्ज करने की व्यवस्था, मालखाने की व्यवस्था माकूल मिली. शाहापुरा उपखण्ड अधिकारी मनमोहन मीणा उपस्थित नहीं थे, वहां मौजूद नायब तहसीलदार ने एसडीएम और तहसीलदार का सीमा ज्ञान करने जाना बताया और उपखण्ड अधिकारी से पूछने पर कानून व्यवस्था में जाना बताया. इस पर जिला कलक्टर से बात करने पर उन्होंने भी अनभिज्ञता प्रकट की. उपखण्ड अधिकारी के उपस्थित पंजिका में दो दिन से हस्ताक्षर नहीं पाए गए, उनके द्वारा राजस्व अधिकारियों के ग्रुप में उपस्थिति नहीं भेजी जा रही है. इस पर संभागीय आयुक्त ने राज्य आदेश की अवहेलना पर जिला कलक्टर जयपुर को संबंधित एसडीएम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

कई कार्यालयों में व्यवस्था मिली ठीक

संभागीय आयुक्त कार्यालय की वरिष्ठ टीम की ओर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धौली कोठी विराटनगर में निरीक्षण किया गया, जहां सभी अध्यापक उपस्थित पाए गए. इसके अलावा विराट नगर में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तहसील कार्यालय पंचायत समिति कार्यालय, मुख्य ब्लांक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, महिला बाल विकास अधिकारी कार्यालय खुले मिले, जिस पर डॉ. शर्मा ने प्रसन्नता जाहिर की. शर्मा ने शाहपुरा में इंदिरा रसोई का भी निरीक्षण किया, जहां कार्य व्यवस्था सही पाई गई.

यह भी पढ़ेंः पाली में बर्ड फ्लू की दस्तक, भोपाल भेजे सैंपल की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

इंदिरा रसोई में खाना बनाने के स्थान पर पूरी साफ-सफाई थी, प्रतिदिन 500 से अधिक लोगों को खाना 8 रुपये प्रति प्लेट की दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है. भोजन की क्वालिटी भी बहुत अच्छी है. पावटा तहसील में सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लगा पाया गया और ई-मित्र प्लस मषीन चालू मिली पर सर्वर की गति कम होने से उसका उपयोग कम होना पाया गया.

जयपुर. पदभार संभालने के बाद से ही संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. वो खुद और उनकी टीम सरकारी कार्यालय का लगातार निरीक्षण कर रही है. शुक्रवार को शर्मा ने जयपुर जिले के कई सरकारी कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान जयपुर उप पंजीयक कार्यालय में अधिकारी सहित 7 में से 6 कर्मचारी अनुपस्थित मिले और मानपुरा माचेड़ी पीएचसी में मरीज बाहर इन्तजार करते रहे थे और स्टाफ नदारद मिला. यहां के डॉक्टर का निजी क्लीनिक में निरीक्षण में संभागीय आयुक्त को मिला.

निरीक्षण के दौरान कुछ कार्यालयों में कार्मिक नदारद मिले और कुछ में कार्यालय समय से देरी से पहुंचते पाए गए. कार्यालयों में दिशा-निर्देशों के बावजूद दो समय का उपस्थिति रजिस्टर, मूवमेन्ट रजिस्टर संधारित नहीं किया जाना पाया गया. इस पर डॉ. शर्मा ने नाराजगी जाहिर कर संबंधित उच्च अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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डॉ. शर्मा ने उप पंजीयक कार्यालय नवम का औचक निरीक्षण किया, जहां 7 कार्मिकों में से मात्र 1 ही कार्मिक (सूचना सहायक) ही उपस्थित पाया गया. हाजिरी रजिस्टर के कॉलम भी खाली पाए गए.

उप पंजीयक कार्यालय की इंचार्ज मिली गैरहाजिर

निरीक्षण में पाया गया कि कार्यालय की इन्चार्ज कनक जैन अनुपस्थित हैं और उपस्थिति रजिस्टर के कॉलम भी तीन दिन से खाली पाए गए. इसी प्रकार रेखा कुमारी मीणा भी चार दिन से अनुपस्थित हैं, जिनके उपस्थिति रजिस्टर के कॉलम भी खाली पाए गए. कनक जैन से फ़ोन से बात करने पर उन्होंने अतिरिक्त चार्ज सब रजिस्ट्रार-द्वितीय ऑफिस का भी होना बताया. वहां पर भी वे अनुपस्थित मिलीं.

Jaipur divisional commissioner, जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण
जयपुर संभागीय आयुक्त का औचक निरीक्षण

इसके बाद जैन खुद को फील्ड में होना बताया तो उनसे तत्काल व्हॉट्सअप लोकेशन मांगी गई और सुबह से फील्ड में एक घण्टे के दौरान किए गए कार्यों का विवरण मांगा गया, जिसे बताने में वे असमर्थ रहीं. इस मामले में उनकी नियंत्रक अधिकारी डीआईजी-प्रथम प्रतिभा पारीक से पूछे जाने पर छुट्टी या फील्ड में होने की जानकारी से अनभिज्ञ होना बताया, इस पर डॉ. शर्मा ने कनक जैन दोनों कार्यालयों से और फील्ड से कार्य दिवस के दौरान कार्यालय समय में प्रातः 10.35 ड्यूटी से बिना पूर्व सूचना और अनुमति के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए जाने पर संबंधित उप महानिरीक्षक पंजीयक अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. संभागीय आयुक्त के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्होंने 8 कार्मिकों को 17 सीसीए का नोटिस जारी कर दिए.

यह भी पढ़ेंः KBC में छाई कोटा की 'मुस्कान की रसोई'...जहां 5 रुपए में दिया जाता है भोजन

रजिस्टर में मिले अगले दिन के एडवांस हस्ताक्षर

उप पंजीयक कार्यालय दशम के इन्चार्ज राजीव बड़ गुर्जर के कॉलम भी खाली पाए गए. पूछने पर उन्होंने छुट्टी पर होना बताया. उनके कार्यालय के दो अन्य कार्मिक भी अनुपस्थित पाए गए और रजिस्टर कॉलम भी खाली मिले. 11 बजे सहायक अभियन्ता जेवीवीएनएल, जयपुर के कार्यालय का निरीक्षण किया गया, जहां पर 52 कार्मिक पदस्थापित हैं. मौके पर कुछ कार्मिक अनुपस्थित मिले और कुछ के हाजिरी कॉलम दो-दो दिन से खाली थे. वहीं, दो कार्मिकों ने तो अग्रिम दिनांक के हस्ताक्षर भी कर रखे थे.

इसके साथ ही सहायक अभियंता देवेन्द्र शर्मा ने भी 10.50 पर टीम के पहुंचने के बाद आकर रजिस्टर में हस्ताक्षर किए. इस पर संभागीय आयुक्त ने चीफ इंजिनियर को संबंधित सहायक अभियंता और अन्य कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ेंः किसानों को अगली बैठक के लिए 7 दिन बाद का समय देना मोदी सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है: CM गहलोत

मरीज करते रहे इंतजार और स्टाफ मिला नदारद

संभागीय आयुक्त ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुरा माचेड़ी का औचक निरीक्षण किया, वहां भी हालात जस के तस पाए गए. वहां, पर पदस्थापित डॉ. संजय गोयल, बसन्ता एलएचवी, प्रेमलता शर्मा एएनएम, शफी मोहम्मद वार्ड बॉय और उगन्ता सैनी एएनएम ड्यूटी समय में हॉस्पिटल से अनुपस्थित मिले और मरीज बाहर इंतजार करते रहे. निर्देशों के बावजूद दो समय का उपस्थिति रजिस्टर भी संधारित नहीं किया गया था और मौके पर उपस्थित स्टाफ यूनिफार्म में नहीं था. इस संबंध में ब्लांक सीएमएचओ और जयपुर सीएमएचओ- प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा को नाराजगी प्रकट करते हुए अनुपस्थित कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने औक भविष्य में और अधिक सतर्कता से पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए

निजी लैब में 350 जांच, सरकारी अस्पताल में एक भी नहीं

मानपुरा माचेड़ी में सरकारी लैब का भी निरीक्षण किया गया. सरकारी लैब में सैल कांउटर उपलब्ध है और चालू स्थिति में हैं और रिजेन्ट भी उपलब्ध है. लेकिन, पिछले तीन महीने से अधिक समय से सीबीसी की कोई भी जांच नहीं की गई. इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की लाखों की बिल्डिंग और 11 स्टाफ की नियुक्ति होने के बावजूद अस्पताल के ठीक सामने एक डायंग्नोस्टिक सेन्टर है और एक अन्य सरकारी डॉक्टर का निजी क्लिनिक संचालित है. पिछले तीन महीनों में निजी लैब में सीबीसी की लगभग 350 जांचे हुईं, जबकि राजकीय चिकित्सालय में एक भी नहीं हुई. यह हमें हमारी व्यवस्थाओं पर सोचने पर विवश करता है.

यह भी पढ़ेंः तबादलों का दौर : राज्य सरकार ने 32 आरएएस अधिकारियों के किए तबादले...सूची देखें, कौन किधर गया

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने सरकारी चिकित्सक डॉ. नरेन्द्र कुमार डांगी का निजी क्लिनिक भी संचालित है. वहां पर उन्होंने बोर्ड लगा रखा है और अपना मोबाइल नम्बर और रजिस्ट्रेशन नम्बर भी लिखा रखा है. ग्रामीणों से पूछे जाने पर पाया गया कि शाम को हॉस्पिटल के बाद किराए की इस जगह पर डॉ. डांगी मरीज देखते हैं. डॉ. डांगी की ओर से प्रतिमाह नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस भी लिया जाता है, उसके बावजूद भी वह नियम विरूद्ध निजी प्रैटिक्स करते हैं.

डाक्टर और स्टाफ को नोटिस, जांच कमेटी गठित

संभागीय आयुक्त ने संयुक्त निदेशक को 24 घण्टे में जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. निर्दशों की पालना में ब्लांक सीएमएचओ विराटनगर डॉ. सुनील कुमार मीणा ने अनुपस्थित चिकित्सक और स्टाफ को नोटिस जारी कर दिया और डॉ. कमलेश बेनीवाल, डॉ. रामकिशोर जाट व डॉ. हंसराज गुर्जर वरिष्ठ सहायक की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर जारी...अब तक 2,166 पक्षियों की मौत ने बढ़ाई सरकार की चिंता

संभागीय आयुक्त ने जयपुर (ग्रामीण) क्षेत्र में पुलिस थाना शाहपुरा का भी निरीक्षण किया, जहां रिकॉर्ड, एफआईआर दर्ज करने की व्यवस्था, मालखाने की व्यवस्था माकूल मिली. शाहापुरा उपखण्ड अधिकारी मनमोहन मीणा उपस्थित नहीं थे, वहां मौजूद नायब तहसीलदार ने एसडीएम और तहसीलदार का सीमा ज्ञान करने जाना बताया और उपखण्ड अधिकारी से पूछने पर कानून व्यवस्था में जाना बताया. इस पर जिला कलक्टर से बात करने पर उन्होंने भी अनभिज्ञता प्रकट की. उपखण्ड अधिकारी के उपस्थित पंजिका में दो दिन से हस्ताक्षर नहीं पाए गए, उनके द्वारा राजस्व अधिकारियों के ग्रुप में उपस्थिति नहीं भेजी जा रही है. इस पर संभागीय आयुक्त ने राज्य आदेश की अवहेलना पर जिला कलक्टर जयपुर को संबंधित एसडीएम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

कई कार्यालयों में व्यवस्था मिली ठीक

संभागीय आयुक्त कार्यालय की वरिष्ठ टीम की ओर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धौली कोठी विराटनगर में निरीक्षण किया गया, जहां सभी अध्यापक उपस्थित पाए गए. इसके अलावा विराट नगर में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तहसील कार्यालय पंचायत समिति कार्यालय, मुख्य ब्लांक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, महिला बाल विकास अधिकारी कार्यालय खुले मिले, जिस पर डॉ. शर्मा ने प्रसन्नता जाहिर की. शर्मा ने शाहपुरा में इंदिरा रसोई का भी निरीक्षण किया, जहां कार्य व्यवस्था सही पाई गई.

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इंदिरा रसोई में खाना बनाने के स्थान पर पूरी साफ-सफाई थी, प्रतिदिन 500 से अधिक लोगों को खाना 8 रुपये प्रति प्लेट की दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है. भोजन की क्वालिटी भी बहुत अच्छी है. पावटा तहसील में सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लगा पाया गया और ई-मित्र प्लस मषीन चालू मिली पर सर्वर की गति कम होने से उसका उपयोग कम होना पाया गया.

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