जयपुर. राजधानी में स्थित उत्तर पश्चिम रेलवे के केंद्रीय रेलवे अस्पताल ने सराहनीय कार्य किया है. रेलवे अस्पताल के चिकित्सा निदेशक एमएल चौधरी के अनुसार एक मामले में मरीज अंडकोष में दर्द और सूजन की तकलीफ के कारण रेलवे अस्पताल में भर्ती हुआ. डॉ. प्रदीप कुमार वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी रेडियोलॉजी ने रोगी की सोनोग्राफी की, जिसमें वृषण मरोड़ पाया गया.
ऐसे में चिकित्सक ने आपातकालीन शल्य-क्रिया की सलाह दी. रोगी को तुरंत ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया और डॉक्टर शिवांग माथुर सर्जन ने ओटी टीम के डॉक्टर पिंकी मीणा और सीएनएस मंजू पारीक के साथ ऑपरेशन किया, जिसमें पर्णपाती वृषण मरोड़ पाया गया. ऑपरेशन बिना किसी जटिलता के सफल रहा और इस तरह से रोगी के वृषण को बचाकर नपुसंक होने से छुटकारा दिलाया गया.
यह भी पढ़ेंः सूनी गोद के लिए वरदान बनी IVF तकनीक...भरतपुर संभाग में पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म
वहीं दूसरे मामले में एक 34 वर्षीय युवा मरीज पेट दर्द की शिकायत के साथ केंद्रीय रेलवे अस्पताल में भर्ती हुआ. डॉक्टर प्रदीप कुमार वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी रेडियोलॉजी ने रोगी की सोनोग्राफी की, जिसमें अपेंडिक्स का फटना निदान किया गया. मरीज को डॉक्टरों द्वारा आपातकालीन लेप्रोटोमी की सलाह दी गई. मरीज को तुरंत ऑपरेशन थिएटर ले जाकर मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शिवांग माथुर ने ओटी टीम के साथ ऑपरेशन किया. ऑपरेशन बिना किसी जटिलता के सफल रहा और इस तरह से रोगी के जीवन को बचाया गया.
दोनों ही केसों में रेलवे अस्पताल की टीम ने सफलता से ऑपरेशन किया और मरीजों की जान बचाई. केंद्रीय रेलवे अस्पताल के डॉक्टर्स की इस सफलता के लिए सभी ने सराहना की है. रेलवे अधिकारियों ने भी डॉक्टर्स टीम के कार्य को सराहा है.