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राजस्थान में 'राजे' की सक्रियता से समर्थक उत्साहित, राजनीति में नई हलचल के संकेत... - राजेंद्र राठौड़

प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता ने तपस बढ़ा दी है. वसुंधरा राजे की सक्रियता पर विरोधी खेमा सवाल उठा रहा है तो कई नेता समर्थन में उतर गए हैं. कोरोना की दूसरी लहर में वसुंधरा रोसोई के बाद अब राजे सीधे जनता के बीच में उतर गई हैं. ऐसे में विरोधी खेमा सजग हो गया है.

वसुंधरा राजे, Rajasthan News
वसुंधरा राजे
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Published : Aug 12, 2021, 7:24 PM IST

जयपुर. प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता नया संदेश दे रही है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में राजे के दौरे और सक्रियता से उनके समर्थक उत्साहित हैं, लेकिन इसी सक्रियता ने विरोधी खेमे की परेशानी भी बढ़ा दी है, जिससे उसके नेता पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं.

राजे समर्थक खुश, लेकिन सक्रियता पर भी उठा रहे

वसुंधरा राजे की सक्रियता, प्रदेश भाजपा में नई हलचल पैदा कर दी है. वसुंधरा राजे की सक्रियता को भाजपा से जुड़े उनके समर्थक और विधायक पार्टी के लिए भी महत्वपूर्ण और लाभदायक बता रहे हैं. हाल ही में विधायक अशोक लाहोटी और फिर राजेंद्र राठौड़ का बयान इसी ओर इशारा करता है. वहीं, विधायक रूपराम और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बयानों को तौला जाए तो पता चलता है कि वो वसुंधरा राजे की सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं.

वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता

रसोई अभियान के बाद जनता के बीच पहुंचीं वसुंधरा

दरअसल, राजे का बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा और मीडिया के जरिए प्रदेश सरकार पर आरोपों की बौछार इस बात का प्रमाण है कि अब राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे फिर से अपनी सियासी धार दिखाने लगी हैं. कोरोना की पहली लहर जहां वसुंधरा राजे, प्रदेश और उसकी राजनीति से पूरी तरह दूर दिखीं, वहीं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजे ने अपने समर्थकों के जरिए सक्रिय हो गई थीं.

यह भी पढ़ेंः वसुंधरा हमारी नेता हैं और रहेंगी, प्रदेश की राजनीति में उनकी भूमिका को कोई नकार नहीं सकताः राजेंद्र राठौड़

इसके लिए वसुंधरा ने जन रसोई और ऑफिस वसुंधरा राजे ट्विटर हैंडल को जरिया बनाया था. इसके जरिए कोरोना से पीड़ित परिवारों की मदद की गई. यह दोनों ही कार्य पार्टी संगठन से अलग हटकर किए गए थे और राजनीतिक विश्लेषक तो इसे पार्टी संगठन के समानांतर चलाए जा रहे सेवा कार्य भी करार दे रहे थे. तब भी ये तमाम घटनाक्रम सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना था, अब राजे जब खुद जनता के बीच पहुंची हैं तो ये भी सुर्ख़ियों में है.

आगामी मुख्यमंत्री के चेहरों में राजे भी शामिल

प्रदेश भाजपा में आगामी मुख्यमंत्री के चेहरों की लड़ाई जगजाहिर है. राजनीतिक गलियारों में होने वाली चर्चाओं में आगामी मुख्यमंत्री के चेहरों में वसुंधरा राजे का नाम भी शामिल है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से ढाई साल पहले अगर वसुंधरा राजे की जनता के बीच राजस्थान में सक्रियता बढ़ती है तो फिर यह सक्रियता अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.

विरोधी खेमा पहले से ज्यादा सजग, राजे समर्थकों को मिलेगा बल

वसुंधरा राजे की सक्रियता इस बात का भी प्रमाण है कि जो भी मीडिया कवरेज इन दिनों हो रही है, उसे बकायदा ऑफिस वसुंधरा राजे के जरिए ट्विटर पर साझा किया जा रहा है. इसे खुद राजे अपने ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर भी करती हैं. इस बात का भी सबूत है कि विधानसभा चुनाव भले ही ढाई साल बाद हो, लेकिन वसुंधरा राजे अब राजस्थान में अपने विरोधी खेमे के नेताओं को ज्यादा ढील देने के मूड में नहीं हैं.

अगले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में अपनी सियासी पकड़ और अधिक मजबूत करने के साथ ही समर्थकों को एकजुट करने की दृष्टि से भी उनकी इस सक्रियता को देखा जा रहा है और राजे समर्थक भी इससे बेहद खुश हैं. हालांकि, पार्टी के ही एक खेमे से जुड़े नेता अब पहले से अधिक सजग हो गए हैं. हालांकि, मौजूदा घटनाक्रम पर वे केवल अपनी नजर बनाए हुए हैं और किसी भी प्रकार का बयान देने से बच रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः पंचायती राज चुनाव को लेकर बैठक में 'रार': डोटासरा बोले- टिकट कांग्रेस के निष्ठावान प्रत्याशियों को ही मिलेगा

पंचायत चुनाव में शायद ही दिखे राजे की चहलकदमी

वसुंधरा राजे ने हाड़ौती के जिन क्षेत्रों का दौरा और जनसंवाद किया वो राजे और उनके पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह का राजनीतिक क्षेत्र है. लेकिन, प्रदेश में जिन 6 जिलों में पंचायत चुनाव होने हैं वहां वसुंधरा राजे की सियासी चहल कदमी शायद ही हो. उसके पीछे बड़ा कारण यही है कि मौजूदा चुनाव काफी छोटे चुनाव हैं और वसुंधरा राजे का फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर है.

लाहोटी और राजेंद्र राठौड़ वसुंधरा राजे को बता चुके हैं प्रभावी नेता

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हाल ही में बढ़ी सक्रियता के बाद विधायक अशोक लाहोटी और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने वसुंधरा राजे को पार्टी का नेता बता चुके हैं और उनकी सक्रियता का पार्टी को लाभ मिलने की बात भी कही है.

राठौड़ ने तो यहां तक कह दिया कि राजे जनता में लोकप्रिय हैं और राजस्थान की राजनीति में राजे की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता. हालांकि, विधायक रूपाराम ने राजे की सक्रियता पर सवाल जरूर खड़े किए थे, लेकिन राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे का सियासी कद किसी से छुपा नहीं है. लिहाजा, उनकी राजनीति सक्रियता के भी कई सियासी संकेत हैंस जो आने वाले दिनों में प्रदेश में नई राजनीतिक हलचल पैदा करेंगे.

जयपुर. प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता नया संदेश दे रही है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में राजे के दौरे और सक्रियता से उनके समर्थक उत्साहित हैं, लेकिन इसी सक्रियता ने विरोधी खेमे की परेशानी भी बढ़ा दी है, जिससे उसके नेता पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं.

राजे समर्थक खुश, लेकिन सक्रियता पर भी उठा रहे

वसुंधरा राजे की सक्रियता, प्रदेश भाजपा में नई हलचल पैदा कर दी है. वसुंधरा राजे की सक्रियता को भाजपा से जुड़े उनके समर्थक और विधायक पार्टी के लिए भी महत्वपूर्ण और लाभदायक बता रहे हैं. हाल ही में विधायक अशोक लाहोटी और फिर राजेंद्र राठौड़ का बयान इसी ओर इशारा करता है. वहीं, विधायक रूपराम और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बयानों को तौला जाए तो पता चलता है कि वो वसुंधरा राजे की सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं.

वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता

रसोई अभियान के बाद जनता के बीच पहुंचीं वसुंधरा

दरअसल, राजे का बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा और मीडिया के जरिए प्रदेश सरकार पर आरोपों की बौछार इस बात का प्रमाण है कि अब राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे फिर से अपनी सियासी धार दिखाने लगी हैं. कोरोना की पहली लहर जहां वसुंधरा राजे, प्रदेश और उसकी राजनीति से पूरी तरह दूर दिखीं, वहीं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजे ने अपने समर्थकों के जरिए सक्रिय हो गई थीं.

यह भी पढ़ेंः वसुंधरा हमारी नेता हैं और रहेंगी, प्रदेश की राजनीति में उनकी भूमिका को कोई नकार नहीं सकताः राजेंद्र राठौड़

इसके लिए वसुंधरा ने जन रसोई और ऑफिस वसुंधरा राजे ट्विटर हैंडल को जरिया बनाया था. इसके जरिए कोरोना से पीड़ित परिवारों की मदद की गई. यह दोनों ही कार्य पार्टी संगठन से अलग हटकर किए गए थे और राजनीतिक विश्लेषक तो इसे पार्टी संगठन के समानांतर चलाए जा रहे सेवा कार्य भी करार दे रहे थे. तब भी ये तमाम घटनाक्रम सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना था, अब राजे जब खुद जनता के बीच पहुंची हैं तो ये भी सुर्ख़ियों में है.

आगामी मुख्यमंत्री के चेहरों में राजे भी शामिल

प्रदेश भाजपा में आगामी मुख्यमंत्री के चेहरों की लड़ाई जगजाहिर है. राजनीतिक गलियारों में होने वाली चर्चाओं में आगामी मुख्यमंत्री के चेहरों में वसुंधरा राजे का नाम भी शामिल है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से ढाई साल पहले अगर वसुंधरा राजे की जनता के बीच राजस्थान में सक्रियता बढ़ती है तो फिर यह सक्रियता अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.

विरोधी खेमा पहले से ज्यादा सजग, राजे समर्थकों को मिलेगा बल

वसुंधरा राजे की सक्रियता इस बात का भी प्रमाण है कि जो भी मीडिया कवरेज इन दिनों हो रही है, उसे बकायदा ऑफिस वसुंधरा राजे के जरिए ट्विटर पर साझा किया जा रहा है. इसे खुद राजे अपने ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर भी करती हैं. इस बात का भी सबूत है कि विधानसभा चुनाव भले ही ढाई साल बाद हो, लेकिन वसुंधरा राजे अब राजस्थान में अपने विरोधी खेमे के नेताओं को ज्यादा ढील देने के मूड में नहीं हैं.

अगले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में अपनी सियासी पकड़ और अधिक मजबूत करने के साथ ही समर्थकों को एकजुट करने की दृष्टि से भी उनकी इस सक्रियता को देखा जा रहा है और राजे समर्थक भी इससे बेहद खुश हैं. हालांकि, पार्टी के ही एक खेमे से जुड़े नेता अब पहले से अधिक सजग हो गए हैं. हालांकि, मौजूदा घटनाक्रम पर वे केवल अपनी नजर बनाए हुए हैं और किसी भी प्रकार का बयान देने से बच रहे हैं.

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पंचायत चुनाव में शायद ही दिखे राजे की चहलकदमी

वसुंधरा राजे ने हाड़ौती के जिन क्षेत्रों का दौरा और जनसंवाद किया वो राजे और उनके पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह का राजनीतिक क्षेत्र है. लेकिन, प्रदेश में जिन 6 जिलों में पंचायत चुनाव होने हैं वहां वसुंधरा राजे की सियासी चहल कदमी शायद ही हो. उसके पीछे बड़ा कारण यही है कि मौजूदा चुनाव काफी छोटे चुनाव हैं और वसुंधरा राजे का फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर है.

लाहोटी और राजेंद्र राठौड़ वसुंधरा राजे को बता चुके हैं प्रभावी नेता

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हाल ही में बढ़ी सक्रियता के बाद विधायक अशोक लाहोटी और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने वसुंधरा राजे को पार्टी का नेता बता चुके हैं और उनकी सक्रियता का पार्टी को लाभ मिलने की बात भी कही है.

राठौड़ ने तो यहां तक कह दिया कि राजे जनता में लोकप्रिय हैं और राजस्थान की राजनीति में राजे की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता. हालांकि, विधायक रूपाराम ने राजे की सक्रियता पर सवाल जरूर खड़े किए थे, लेकिन राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे का सियासी कद किसी से छुपा नहीं है. लिहाजा, उनकी राजनीति सक्रियता के भी कई सियासी संकेत हैंस जो आने वाले दिनों में प्रदेश में नई राजनीतिक हलचल पैदा करेंगे.

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