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कटारिया ने उठाया सुखाड़िया विश्वविद्यालय वीसी नियुक्ति विवाद, मंत्री बोले- कमेटी करेगी जांच, जरूरत पड़ी तो दर्ज होगी FIR... - सुखाड़िया विश्वविद्यालय वीसी नियुक्ति विवाद

राजस्थान विधानसभा में उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह की कथित फर्जी दस्तावेज से नियुक्ति का मामला शुक्रवार को सदन में उठा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित (Kataria in Rajasthan Vidhan Sabha) तीन विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए मामला उठाया.

Kataria in Rajasthan Vidhan Sabha
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया
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Published : Mar 11, 2022, 5:41 PM IST

जयपुर. सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सुखाड़िया विश्वविद्यालय वीसी नियुक्ति का मामला (Kataria on Sukhadia University VC Appointment Controversy) उठाते हुए कहा कि सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर लगाए गए प्रोफेसर अमेरिका सिंह की नियुक्ति जिन दस्तावेजों के आधार पर हुई, उसमें ही गड़बड़ी है या फिर कहें कि वो दस्तावेज फर्जी हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए.

कटारिया ने इस दौरान नाराजगी जताई कि राजस्थान विधानसभा में उन्होंने इस संबंध में 28 जनवरी को प्रश्न लगाया, लेकिन सदन और विधानसभा की ओर से अब तक उसकी जानकारी नहीं दी गई. इसी तरह 13 अन्य सदस्यों ने भी सुखाड़िया विश्वविद्यालय कुलपति नियुक्ति को लेकर अलग-अलग प्रश्न लगाए, लेकिन विधानसभा से उसकी जानकारी नहीं मिली. क्योंकि विश्वविद्यालय में मौजूद लोग उस जानकारी को रोके रखे हैं कि समय निकल जाए और सत्र खत्म हो जाए तो मामला भी टल जाएगा.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने क्या कहा...

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वीसी पद पर नियुक्ति में जो योग्यताएं मांगी गई हैं, उसके आधार पर जो कागज लगाया गया है उसकी सत्यता पर भी संदेह है. क्योंकि जो कागज नियुक्ति के समय लगाए गए वो किस विश्वविद्यालय के हैं, उसकी कोई जानकारी नहीं है और न उसपर कुलसचिव की मोहर लगी है. केवल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सीतापुरा लिखा है.

वहीं, जो योग्यताएं लिखी गई हैं, उसमें साल 2007 से लेकर 2020 तक इसमें प्रोफेसर पद पर काम करने का अनुभव लिखा गया है, जबकि यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी जिससे इनका संबंध है उसकी 2008 की सूची में अमेरिका सिंह और सहायक प्रोफेसर दर्शाया गया है. उसके 1 साल बाद जारी किए गए प्रतिवेदन में भी यही है. ऐसे में जो योग्यता नियुक्ति के समय दर्शाई गई और प्रमाण पत्र लगाया गया, उसमें 2007 में ही उन्हें प्रोफेसर दर्शाया गया है.

पढ़ें : विधानसभा में याद आया राजनीतिक उठापटक का वो दौर, एक सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री ने CM की कार्यशैली पर ही उठा दिया सवाल!

जबकि यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रतिवेदन में इनका पद असिस्टेंट प्रोफेसर (Rajasthan Assembly Session) दर्शाया गया है. कटारिया ने स्पीकर को कहा कि आप स्वयं प्रोफेसर रहे हैं, शिक्षा के मंदिर में यदि इस प्रकार के लोग आएंगे तो फिर क्या स्तर रह जाएगा. कटारिया ने उच्च स्तर पर इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की.

उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया यह आश्वासन : उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि (Rajasthan Higher Education Minister Replied in Vidhan Sabha) कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी होती है जो सरकार के परामर्श पर पैनल में से किसी एक का चयन करती है. मंत्री ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज राज भवन में है और वहां से आज ही हमें प्राप्त हुए हैं. मंत्री ने कहा कि मामला गंभीर है और इसकी कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी. यदि जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.

वहीं, सदन में भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह देवल ने राज्य राजमार्ग 31 की मरम्मत और नवीनीकरण कार्य से जुड़ा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया, जिसके जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने आश्वासन दिया कि जून माह में इस स्टेट हाईवे के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. लेकिन उससे पहले जहां मरम्मत की जरूरत होगी वहां अप्रैल माह में मरम्मत करवा दी जाएगी.

जयपुर. सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सुखाड़िया विश्वविद्यालय वीसी नियुक्ति का मामला (Kataria on Sukhadia University VC Appointment Controversy) उठाते हुए कहा कि सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर लगाए गए प्रोफेसर अमेरिका सिंह की नियुक्ति जिन दस्तावेजों के आधार पर हुई, उसमें ही गड़बड़ी है या फिर कहें कि वो दस्तावेज फर्जी हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए.

कटारिया ने इस दौरान नाराजगी जताई कि राजस्थान विधानसभा में उन्होंने इस संबंध में 28 जनवरी को प्रश्न लगाया, लेकिन सदन और विधानसभा की ओर से अब तक उसकी जानकारी नहीं दी गई. इसी तरह 13 अन्य सदस्यों ने भी सुखाड़िया विश्वविद्यालय कुलपति नियुक्ति को लेकर अलग-अलग प्रश्न लगाए, लेकिन विधानसभा से उसकी जानकारी नहीं मिली. क्योंकि विश्वविद्यालय में मौजूद लोग उस जानकारी को रोके रखे हैं कि समय निकल जाए और सत्र खत्म हो जाए तो मामला भी टल जाएगा.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने क्या कहा...

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वीसी पद पर नियुक्ति में जो योग्यताएं मांगी गई हैं, उसके आधार पर जो कागज लगाया गया है उसकी सत्यता पर भी संदेह है. क्योंकि जो कागज नियुक्ति के समय लगाए गए वो किस विश्वविद्यालय के हैं, उसकी कोई जानकारी नहीं है और न उसपर कुलसचिव की मोहर लगी है. केवल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सीतापुरा लिखा है.

वहीं, जो योग्यताएं लिखी गई हैं, उसमें साल 2007 से लेकर 2020 तक इसमें प्रोफेसर पद पर काम करने का अनुभव लिखा गया है, जबकि यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी जिससे इनका संबंध है उसकी 2008 की सूची में अमेरिका सिंह और सहायक प्रोफेसर दर्शाया गया है. उसके 1 साल बाद जारी किए गए प्रतिवेदन में भी यही है. ऐसे में जो योग्यता नियुक्ति के समय दर्शाई गई और प्रमाण पत्र लगाया गया, उसमें 2007 में ही उन्हें प्रोफेसर दर्शाया गया है.

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जबकि यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रतिवेदन में इनका पद असिस्टेंट प्रोफेसर (Rajasthan Assembly Session) दर्शाया गया है. कटारिया ने स्पीकर को कहा कि आप स्वयं प्रोफेसर रहे हैं, शिक्षा के मंदिर में यदि इस प्रकार के लोग आएंगे तो फिर क्या स्तर रह जाएगा. कटारिया ने उच्च स्तर पर इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की.

उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया यह आश्वासन : उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि (Rajasthan Higher Education Minister Replied in Vidhan Sabha) कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी होती है जो सरकार के परामर्श पर पैनल में से किसी एक का चयन करती है. मंत्री ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज राज भवन में है और वहां से आज ही हमें प्राप्त हुए हैं. मंत्री ने कहा कि मामला गंभीर है और इसकी कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी. यदि जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.

वहीं, सदन में भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह देवल ने राज्य राजमार्ग 31 की मरम्मत और नवीनीकरण कार्य से जुड़ा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया, जिसके जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने आश्वासन दिया कि जून माह में इस स्टेट हाईवे के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. लेकिन उससे पहले जहां मरम्मत की जरूरत होगी वहां अप्रैल माह में मरम्मत करवा दी जाएगी.

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