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राजस्थान में बढ़ रहीं खुदकुशी की वारदातें, वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में 8.7 फीसदी बढ़ोतरी...घटनाएं रोकने को एक्सपर्ट्स दे रहे ये सलाह - 8.7 percent suicide increase

राजस्थान में खुदकुशी की वारदातें लगातार बढ़ रहीं हैं. एनसीआरबी (NCRB) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में आत्महत्या के मामलों में 8.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. विशेषज्ञों की माने तो व्यक्ति के व्यवहार में आ रहे बदलावों पर गौर करें और उससे बात करें तो खुदकुशी की वारदातों को कुछ हद तक रोका जा सकता है.

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राजस्थान में आत्महत्या की बढ़ती वारदातें
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Published : Nov 6, 2021, 7:40 PM IST

जयपुर. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से हाल ही में जारी किए गए वर्ष 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में सुसाइड के प्रकरणों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यहां राजस्थान में वर्ष 2019 में सुसाइड के कुल 4531 प्रकरण दर्ज किए गए थे तो वहीं 2020 में यह मामले बढ़कर 5658 हो गए थे. राजस्थान में वर्ष 2020 में 4027 पुरुष, 1630 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर ने सुसाइड किया. सुसाइड के इन प्रकरणों के पीछे अनेक कारण निकल कर सामने आए हैं.

इसमें दहेज उत्पीड़न में 124 महिलाओं ने सुसाइड किया, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण 140 लोगों ने खुदकुशी की, तलाक के चलते 140 लोगों ने अपनी जान दे दी तो वहीं बैंकरप्ट होने के कारण भी 8 लोगों ने मौत को गले लगा लिया. इसके साथ ही शादी से संबंधित अन्य समस्याओं के चलते 502 लोगों ने सुसाइड किया तो वहीं शादी के प्रकरणों में समझौता नहीं होने पर भी 163 लोगों ने आत्महत्या कर ली.

राजस्थान में आत्महत्या की बढ़ती वारदातें

पढ़ें. सड़क हादसे रोकने के लिए बाड़मेर पुलिस ने शुरू किया पशुधन और वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने का अभियान

इसी प्रकार परीक्षा में फेल होने पर 100 लोगों ने अपनी जान दे दी, पारिवारिक समस्याओं से परेशान होकर 2077 लोगों ने आत्महत्या कर ली, विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 818 लोगों ने सुसाइड किया. नशे की लत के चलते 160 लोगों ने खुदकुशी कर ली. आंकड़ों के अनुसार सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आने के चलते 29 लोगों ने सुसाइड किया, आइडियोलॉजिकल कारणों से भी एक व्यक्ति ने सुसाइड कर लिया. वहीं प्रेम-प्रसंग के चलते भी 661 लोगों ने अपनी जान दे दी. गरीबी के चलते 93 लोगों ने सुसाइड किया, बेरोजगारी के चलते 118 लोगों ने सुसाइड किया. प्रॉपर्टी संबंधित विवादों के चलते 140 लोगों ने सुसाइड किया, कैरियर प्रॉब्लम के चलते 48 लोगों ने सुसाइड किया. वहीं कृषि व्यवसाय से जुड़े 101 लोगों ने भी आर्थिक नुकसान के चलते खुदकुशी कर ली.

व्यवहार में बदलाव देखकर रोक सकते हैं सुसाइड

जयपुर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश जैन का कहना है कि किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में अचानक से हुए परिवर्तन पर गौर कर सुसाइड के प्रकरणों को टाला जा सकता है. अधिकांश लोग विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित होने के कारण या फिर तनाव के कारण सुसाइड कर लेते हैं. तनाव में रहने वाला व्यक्ति अचानक ही उन सभी लोगों से बातचीत करना बंद कर देता है जो उसके करीबी होते हैं या फिर उन लोगों से भी अपने संपर्क बढ़ाने लगता है जिनसे आज तक उसने कभी बातचीत नहीं की है.

पढ़ें. Special : आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई में 28 फीसदी की कमी, अब पूरे राजस्थान में चलेगा 'विशेष अभियान'

इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति अपनी पसंदीदा चीजों को अपने परिवार एवं मित्रों के बीच में बांटने लगता है. साथ ही इंटरनेट पर हमेशा ऐसी चीजों के बारे में सर्च करता है जिससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सके. इस प्रकार के व्यक्ति कि इन तमाम गतिविधियों को नोट कर सुसाइड को टाला जा सकता है. ऐसे व्यक्तियों से बात कर उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वह अकेले नहीं है. साथ ही ऐसे व्यक्तियों को उनकी भावनाओं को व्यक्त करने का समय देना चाहिए.

वर्ष 2020 में राजस्थान में 9252 लोगों ने एक्सीडेंट में गंवाई जान

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के वर्ष 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान में वर्ष 2020 में 19121 रोड एक्सीडेंट दर्ज किए गए. जिसमें 16783 लोग गंभीर रूप से घायल हुए तो वहीं 9252 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. सड़क दुर्घटनाओं में उन दुपहिया वाहन सवारों को अपनी जान गंवानी पड़ी जिन्होंने हेलमेट नहीं लगा रखा था और जो रॉन्ग साइड में तेजी से वाहन दौड़ा रहे थे. इसी प्रकार से चौपहिया वाहन में सवार ऐसे व्यक्ति जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी और जो हाईवे पर निर्धारित गति सीमा से तेज वाहन दौड़ा रहे थे, वे हादसे का शिकार हो गए.

जयपुर. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से हाल ही में जारी किए गए वर्ष 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में सुसाइड के प्रकरणों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यहां राजस्थान में वर्ष 2019 में सुसाइड के कुल 4531 प्रकरण दर्ज किए गए थे तो वहीं 2020 में यह मामले बढ़कर 5658 हो गए थे. राजस्थान में वर्ष 2020 में 4027 पुरुष, 1630 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर ने सुसाइड किया. सुसाइड के इन प्रकरणों के पीछे अनेक कारण निकल कर सामने आए हैं.

इसमें दहेज उत्पीड़न में 124 महिलाओं ने सुसाइड किया, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण 140 लोगों ने खुदकुशी की, तलाक के चलते 140 लोगों ने अपनी जान दे दी तो वहीं बैंकरप्ट होने के कारण भी 8 लोगों ने मौत को गले लगा लिया. इसके साथ ही शादी से संबंधित अन्य समस्याओं के चलते 502 लोगों ने सुसाइड किया तो वहीं शादी के प्रकरणों में समझौता नहीं होने पर भी 163 लोगों ने आत्महत्या कर ली.

राजस्थान में आत्महत्या की बढ़ती वारदातें

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इसी प्रकार परीक्षा में फेल होने पर 100 लोगों ने अपनी जान दे दी, पारिवारिक समस्याओं से परेशान होकर 2077 लोगों ने आत्महत्या कर ली, विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 818 लोगों ने सुसाइड किया. नशे की लत के चलते 160 लोगों ने खुदकुशी कर ली. आंकड़ों के अनुसार सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आने के चलते 29 लोगों ने सुसाइड किया, आइडियोलॉजिकल कारणों से भी एक व्यक्ति ने सुसाइड कर लिया. वहीं प्रेम-प्रसंग के चलते भी 661 लोगों ने अपनी जान दे दी. गरीबी के चलते 93 लोगों ने सुसाइड किया, बेरोजगारी के चलते 118 लोगों ने सुसाइड किया. प्रॉपर्टी संबंधित विवादों के चलते 140 लोगों ने सुसाइड किया, कैरियर प्रॉब्लम के चलते 48 लोगों ने सुसाइड किया. वहीं कृषि व्यवसाय से जुड़े 101 लोगों ने भी आर्थिक नुकसान के चलते खुदकुशी कर ली.

व्यवहार में बदलाव देखकर रोक सकते हैं सुसाइड

जयपुर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश जैन का कहना है कि किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में अचानक से हुए परिवर्तन पर गौर कर सुसाइड के प्रकरणों को टाला जा सकता है. अधिकांश लोग विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित होने के कारण या फिर तनाव के कारण सुसाइड कर लेते हैं. तनाव में रहने वाला व्यक्ति अचानक ही उन सभी लोगों से बातचीत करना बंद कर देता है जो उसके करीबी होते हैं या फिर उन लोगों से भी अपने संपर्क बढ़ाने लगता है जिनसे आज तक उसने कभी बातचीत नहीं की है.

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इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति अपनी पसंदीदा चीजों को अपने परिवार एवं मित्रों के बीच में बांटने लगता है. साथ ही इंटरनेट पर हमेशा ऐसी चीजों के बारे में सर्च करता है जिससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सके. इस प्रकार के व्यक्ति कि इन तमाम गतिविधियों को नोट कर सुसाइड को टाला जा सकता है. ऐसे व्यक्तियों से बात कर उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वह अकेले नहीं है. साथ ही ऐसे व्यक्तियों को उनकी भावनाओं को व्यक्त करने का समय देना चाहिए.

वर्ष 2020 में राजस्थान में 9252 लोगों ने एक्सीडेंट में गंवाई जान

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के वर्ष 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान में वर्ष 2020 में 19121 रोड एक्सीडेंट दर्ज किए गए. जिसमें 16783 लोग गंभीर रूप से घायल हुए तो वहीं 9252 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. सड़क दुर्घटनाओं में उन दुपहिया वाहन सवारों को अपनी जान गंवानी पड़ी जिन्होंने हेलमेट नहीं लगा रखा था और जो रॉन्ग साइड में तेजी से वाहन दौड़ा रहे थे. इसी प्रकार से चौपहिया वाहन में सवार ऐसे व्यक्ति जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी और जो हाईवे पर निर्धारित गति सीमा से तेज वाहन दौड़ा रहे थे, वे हादसे का शिकार हो गए.

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