जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट पीजी 2020 में निजी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई सीटों पर प्रवेश और इन सर्विस कोटा में न्यूनतम 3 साल की शर्त को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीजी में प्रवेश को याचिका के निर्णय अधीन रखा है.
न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. कविता मीणा और निलय गुप्ता सहित अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में चिकित्सा शिक्षा सचिव और पीजी बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
पढ़ेंः राज्यपाल कलराज मिश्र ने पंचायती राज दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी, कहा- गांव हमारी ताकत हैं
निजी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे की सीटें उपलब्ध नहीं होने के मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि 15 फीसदी सीटों पर NRI और मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश दिया जाएगा. एक निजी मेडिकल कॉलेज पूर्व में विज्ञप्ति जारी कर रेडियो डायग्नोसिस की 2 सीट एनआरआई और मैनेजमेंट कोटे की बता चुका है. जबकि पीजी बोर्ड ने इस साल प्रदेश में एनआरआई की सीट नहीं होने की जानकारी दी है.
पढ़ेंः खबर का असर: प्रशासन नहीं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि पाक विस्थापित परिवारों की मदद के लिए आए आगे
वहीं सीनियर डेमोंस्ट्रेटर के कोटे से पीजी करने के लिए 3 साल की सेवा की शर्तों को चुनौती देते हुए कहा गया कि RUHS के अध्यादेश में 3 साल की सेवा की शर्त का कोई प्रावधान नहीं हैं. ऐसे में इस शर्त को हटाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए प्रवेश को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.