जयपुर. लॉकडाउन में कॉलेज की क्लासेज के साथ-साथ परीक्षाओं को भी स्थगित करना पड़ा. हालांकि अब विद्यार्थियों की परीक्षाएं करवाने को लेकर कवायद शुरू की गई है. राजस्थान विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की कक्षाओं की परीक्षा 15 जुलाई से कराने जा रहा है. वहीं, एनएसयूआई के छात्रों ने एक बार फिर बिना परीक्षा प्रमोट करने की मांग को लेकर कुलपति सचिवालय पर सांकेतिक धरना दिया और मांग नहीं माने जाने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी.
राजस्थान यूनिवर्सिटी में फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्रों को प्रोविजनल प्रमोट करने के बजाए दूसरे राज्यों की तर्ज पर बिना परीक्षा प्रमोट करने की मांग उठ रही है. एनएसयूआई ने कुलपति सचिवालय के बाहर सांकेतिक धरना देते हुए एक बार फिर बिना परीक्षा छात्रों को प्रमोट करने की मांग उठाई. इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की स्थगित परीक्षाओं में 10वीं, 12वीं के छात्र और पर्यवेक्षक तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए, फिर विश्वविद्यालय का छात्र कैसे सुरक्षित परीक्षा दे सकेगा.
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उन्होंने यूजीसी की गाइडलाइन का हवाला देते हुए राज्य सरकार से छात्रों को प्रमोट करने की मांग की. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों को मारने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री को भी इस संबंध में अवगत कराया है, लेकिन वो इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं, छात्र नेता रणवीर सिंघानिया ने कहा कि प्रशासन को चेताने के लिए सांकेतिक धरना दिया गया है. यदि विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार उनकी जायज मांग को भी नहीं मानेगी तो छात्र भूख हड़ताल करेंगे.
उधर, राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने 15 जुलाई से छात्रों की परीक्षाएं कराए जाने का फैसला लिया है. राज्य सरकार से चर्चा करने के बाद 5 जुलाई को टाइम टेबल भी जारी कर दिया जाएगा. ऐसे में अब छात्र अपने प्रदर्शन को और तेज करने की तैयारी कर रहे हैं.