जयपुर. राजस्थान के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव एक महीना आगे खिसक सकते (Student union elections date in Rajasthan) हैं. चर्चा है कि चुनाव 26 अगस्त के बजाए 23 सितंबर को हो सकते हैं. दरअसल, राजस्थान प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रसंघ चुनाव 26 अगस्त को करवाए जाने की घोषणा की गई है. लेकिन प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होने और कई संकायों में परिणाम जारी नहीं होने से बड़ी संख्या में छात्र चुनाव से वंचित रह जाएंगे. इस पर आपत्ति जताते हुए जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर छात्रसंघ चुनाव प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद कराए जाने की अपील की है.
रामचरण बोहरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि अभी एलएलबी की वार्षिक परीक्षाएं चल रही (Ramcharan Bohra writes to CM) हैं. यूजी और पीजी की प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. ऐसे में राज्य सरकार किस मंशा से छात्रसंघ चुनाव करवाना चाहती है. उन्होंने कहा कि कहीं सरकार अपनी राजनीतिक पार्टी से जुड़े छात्र संगठन को तो चुनाव नहीं जीताना चाहती. जब छात्र ही नहीं होंगे, तो कैसा चुनाव. पहले भी अगस्त के बाद छात्रसंघ चुनाव हुए हैं, तो फिर इस बार जल्दबाजी क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस उत्सव में सभी छात्रों को शरीक होने का मौका दिया जाना चाहिए. ऐसे में सरकार चुनाव के कार्यक्रम को दोबारा रिवाइज करे.
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आपको बता दें कि इससे पहले सत्र 2019-20 में छात्रसंघ चुनाव हुए थे. 2 वर्ष से कोरोना के कारण चुनाव नहीं हुए. ऐसे में छात्र संगठन राज्य सरकार से चुनाव कराने की मांग कर रहे थे. लेकिन अभी राजस्थान विश्वविद्यालय में ही 3 से 10 अगस्त तक पीजी एंट्रेंस एग्जाम होने हैं. 13 अगस्त को लॉ कॉलेज में यूलेट प्रवेश परीक्षा होनी है. यूजी की पहली लिस्ट तक नहीं निकली है. जबकि पीजी के सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है. यही नहीं वर्तमान में लॉ की परीक्षाएं भी चल रही हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए सांसद रामचरण बोहरा ने छात्रसंघ चुनाव की तिथि संशोधन को लेकर सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. वहीं छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई भी इस पर ऐतराज जता चुके हैं.