जयपुर. आमतौर पर किसी भी प्राइवेट या सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए लाखों रुपए की आवश्यकता होती है. ऐसे में समाज का ऐसा तबका जो रुपये के अभाव में अपने बच्चों को एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं करा पाता है उनके लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने अपने 10 मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित सीटों पर एडमिशन देने की तैयारी कर ली है.
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों के बच्चे भी अब एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे. दरअसल, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की भारी-भरकम फीस के चलते कई बार कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत आने वाले बीमित व्यक्ति अपने बच्चों के डॉक्टर बनाने का अरमान पूरा नहीं कर पाते थे. कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति आते हैं जिनकी आय कम होती है और इस तबके से जुड़े लोगों के बच्चे कई बार नीट में वरीयता तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज की भारी-भरकम फीस वहन नहीं कर पाते और डॉक्टर नहीं बन पाते हैं.
दरअसल, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत ऐसे बीमित व्यक्ति आते हैं जो छोटी मोटी फैक्ट्री में काम करते हैं या फिर मजदूर वर्ग के होते है जिनकी आए ₹21,000 महीने से कम होती है. इतनी कम कमाई होने के कारण मजदूर वर्ग से जुड़े लोग अपने बच्चों को चिकित्सक नहीं बना पाते. इसी के चलते कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने ऐसे व्यक्तियों के लिए अपने 10 ईएसआई मेडिकल कॉलेज में आरक्षित सीटों पर प्रवेश देने की बात कही है.
क्षेत्रीय कार्यालय में बनाना होगा सर्टिफिकेट
जयपुर ईएसआईसी क्षेत्रीय निदेशक जीसी दरजी ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो कर्मचारी राज्य बीमा निगम में बीमित हैं और जिनके बच्चों ने हाल ही में नीट क्वालीफाई किया है उन्हें देश के 10 ईएसआई के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय कार्यालय से सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो 9 नवंबर रात 12 बजे तक चलेगी.
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411 सीट आरक्षित
ईएसआईसी जयपुर के क्षेत्रीय निदेशक जीसी दरजी ने ये भी बताया कि ईएसआई से बीमित व्यक्तियों के बच्चों के लिए 411 सीटें आरक्षित की गई है. फिलहाल देश भर में ईएसआई के 10 मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं. जहां इन बच्चों को एमबीबीएस में एडमिशन दिया जाएगा. इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है और आवेदन प्राप्त होने पर क्षेत्रीय ईएसआई कार्यालय से एक सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया जाएगा.
2017 में शुरू हुई योजना
गरीब तबके से जुड़े बच्चों के सपने पूरे करने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम की ओर से 2017 में इसकी शुरुआत की गई थी और राजस्थान की बात करें तो फिलहाल 50 से अधिक बच्चे इस कोटे के तहत ईएसआई के 10 मेडिकल कॉलेज में प्रवेश ले चुके हैं.