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COVID-19 के उपचार के लिए प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का मजबूत नेटवर्कः CM गहलोत - Treatment of corona in Rajasthan

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लोगों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है.

Corona treatment resources in Rajasthan, CM Ashok Gehlot News
सीएम अशोक गहलोत
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Published : Sep 6, 2020, 9:37 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास दिलाया है कि कोविड-19 महामारी से लोगों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी. चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और उन्हें मजबूत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. एक बयान जारी कर गहलोत ने कहा कि सरकार के लगातार प्रयासों और सतर्कता से प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में कोविड की जांच एवं उपचार के लिए राजधानी से लेकर जिलों तक चिकित्सा सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क स्थापित किया गया है.

ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की नहीं कोई कमी

सीएम गहलोत ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है. हमारे पास 3018 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 872 ही उपयोग में आ रहे हैं. इसी प्रकार 913 आईसीयू बेड में से 406 और 490 वेंटिलेटर में से 113 पर ही रोगी है. भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए जयपुर के आरयूएचएस जयपुरिया हॉस्पिटल और रेलवे हॉस्पिटल में 50-50 नए ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है.

पढ़ें- SMS अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी, सामने आ रही चौंकाने वाली बात

संभागीय मुख्यालयों के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. गहलोत ने कहा कि सरकार ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं आने देगी. प्रदेश में कोविड-19 के के लिए 130 डेडिकेटेड अस्पताल चिन्हित हैं. इसके अलावा 292 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं.

निजी अस्पतालों में उपचार कराने वालों के लिए दरें निर्धारित

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. हमने यह व्यवस्था भी की है कि यदि सरकारी अस्पताल में बेड पूरी तरह भर जाएं तब आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सालयों में भी कोविड रोगियों को निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी. जिला कलेक्टरों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं.

एसिंप्टोमेटिक मरीजों को होटल में रख सकेंगे निजी अस्पताल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए यह व्यवस्था भी की है कि जिन रोगियों (एसिम्प्टोमैटिक) की स्थिति गंभीर नहीं है, उन्हें वे निर्धारित दरों पर नजदीकी होटल में भी रख सकते हैं. ताकि अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी नहीं रहे. इसके लिए उनको जिला कलेक्टर की अनुमति लेनी होगी.

मृत्यु दर को न्यूनतम रखने में रहे हैं कामयाब

गहलोत ने कहा कि देशभर में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ रही है. प्रदेश में भी पॉजिटिव केस बढ़े हैं, लेकिन समन्वित प्रयासों से ही मृत्यु दर न्यूनतम रखने में कामयाब रहे हैं. पिछले 2 महीने में तो राज्य में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम रही है. वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.26 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.72 प्रतिशत, गुजरात में 3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.15, दिल्ली में 2.41 और उत्तर प्रदेश में 1.48 प्रतिशत है.

रिकवरी रेट कई बड़े राज्यों से बेहतर

मुख्यमंत्री की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कोरोना को लेकर हमारे कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में रिकवरी दर लगातार बेहतर हुई है. वर्तमान में यह 81.33 प्रतिशत है. इस मामले में राजस्थान राष्ट्रीय औसत 77.22 प्रतिशत के साथ ही अन्य बड़े राज्यों कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र आदि के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में हैं.

पढ़ें- गहलोत सरकार के कार्यकाल में दलितों के साथ बढ़ रहा अत्याचार...भाजपा ने दी चेतावनी

प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 15,577 है, जबकि राजस्थान से कम जनसंख्या वाले आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में 6 गुना से भी अधिक यानी करीब एक-एक लाख एक्टिव केसेज हैं. तमिलनाडु में 51,580 एक्टिव केस हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश में 59,963 एक्टिव केस हैं.

जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास दिलाया है कि कोविड-19 महामारी से लोगों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी. चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और उन्हें मजबूत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. एक बयान जारी कर गहलोत ने कहा कि सरकार के लगातार प्रयासों और सतर्कता से प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में कोविड की जांच एवं उपचार के लिए राजधानी से लेकर जिलों तक चिकित्सा सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क स्थापित किया गया है.

ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की नहीं कोई कमी

सीएम गहलोत ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है. हमारे पास 3018 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 872 ही उपयोग में आ रहे हैं. इसी प्रकार 913 आईसीयू बेड में से 406 और 490 वेंटिलेटर में से 113 पर ही रोगी है. भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए जयपुर के आरयूएचएस जयपुरिया हॉस्पिटल और रेलवे हॉस्पिटल में 50-50 नए ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है.

पढ़ें- SMS अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी, सामने आ रही चौंकाने वाली बात

संभागीय मुख्यालयों के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. गहलोत ने कहा कि सरकार ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं आने देगी. प्रदेश में कोविड-19 के के लिए 130 डेडिकेटेड अस्पताल चिन्हित हैं. इसके अलावा 292 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं.

निजी अस्पतालों में उपचार कराने वालों के लिए दरें निर्धारित

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. हमने यह व्यवस्था भी की है कि यदि सरकारी अस्पताल में बेड पूरी तरह भर जाएं तब आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सालयों में भी कोविड रोगियों को निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी. जिला कलेक्टरों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं.

एसिंप्टोमेटिक मरीजों को होटल में रख सकेंगे निजी अस्पताल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए यह व्यवस्था भी की है कि जिन रोगियों (एसिम्प्टोमैटिक) की स्थिति गंभीर नहीं है, उन्हें वे निर्धारित दरों पर नजदीकी होटल में भी रख सकते हैं. ताकि अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी नहीं रहे. इसके लिए उनको जिला कलेक्टर की अनुमति लेनी होगी.

मृत्यु दर को न्यूनतम रखने में रहे हैं कामयाब

गहलोत ने कहा कि देशभर में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ रही है. प्रदेश में भी पॉजिटिव केस बढ़े हैं, लेकिन समन्वित प्रयासों से ही मृत्यु दर न्यूनतम रखने में कामयाब रहे हैं. पिछले 2 महीने में तो राज्य में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम रही है. वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.26 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.72 प्रतिशत, गुजरात में 3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.15, दिल्ली में 2.41 और उत्तर प्रदेश में 1.48 प्रतिशत है.

रिकवरी रेट कई बड़े राज्यों से बेहतर

मुख्यमंत्री की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कोरोना को लेकर हमारे कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में रिकवरी दर लगातार बेहतर हुई है. वर्तमान में यह 81.33 प्रतिशत है. इस मामले में राजस्थान राष्ट्रीय औसत 77.22 प्रतिशत के साथ ही अन्य बड़े राज्यों कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र आदि के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में हैं.

पढ़ें- गहलोत सरकार के कार्यकाल में दलितों के साथ बढ़ रहा अत्याचार...भाजपा ने दी चेतावनी

प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 15,577 है, जबकि राजस्थान से कम जनसंख्या वाले आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में 6 गुना से भी अधिक यानी करीब एक-एक लाख एक्टिव केसेज हैं. तमिलनाडु में 51,580 एक्टिव केस हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश में 59,963 एक्टिव केस हैं.

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