जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ देशभर में किसानों के आंदोलन का असर राजस्थान में भी देखाल जा रहा है. दिल्ली कूच करने के लिए राजस्थान से कई किसान पहले ही रवाना हो चुके थे, लेकिन अब जब उन्हें रोक दिया गया है. तब दिल्ली कूच के 19 वें दिन प्रदेश में जिला मुख्यालय पर ही उन्होंने अपना विरोध जाहिर करने के लिए धरना दिया. जिसको लेकर जयपुर में सांकेतिक धरना शहीद स्मारक में दिया गया है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के निर्देश पर जयपुर में यह धरना किसान महापंचायत एरिया महापंचायत से जुड़े किसान प्रतिनिधियों ने सुबह 9 बजे शहीद स्मारक पहुंचकर यह धरना शुरू किया. धरने में शामिल महापंचायत से जुड़े किसान नेता धर्मेंद्र ने बताया कि केंद्र की सरकार खुद को किसान हितेषी हो जाती है लेकिन केंद्रीय कृषि कानून में जो भी कमी है उसे दूर करने में फिर परहेज क्यों करती है.
उनके अनुसार नए कृषि कानून में किसानों को देश भर में कहीं पर भी अपना माल भेजने की स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन यह स्वतंत्रता पहले भी थी किसान अपना माल कहीं पर भी बेच सकता था. वही, कॉन्ट्रैक्ट खेती को लेकर जो नियम बनाए गए हैं, वह किसान हितेषी नहीं है.
इसके अलावा भी नए कानून में ऐसे कई प्रावधान है जो किसानों के हित में नहीं है. वहीं धरने में शामिल अन्य किसान नेताओं का यह भी आरोप था कि केंद्र की मोदी सरकार या तो आंदोलनरत किसानों की मांग और सुझाव के अनुरूप नए कानून में बदलाव करें या फिर किसानों के उग्र आंदोलन के लिए तैयार हैं.