जयपुर. आमेंर एसडीम कोर्ट को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट से स्थानांतरित कर आमेर तहसील में स्थापित करने के बाद से वकीलों में आक्रोश है और वह लगातार आमेंर कोर्ट को वापस कलेक्ट्रेट परिसर में लाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में आक्रोशित वकीलों का आंदोलन शुक्रवार को 43वें दिन भी जारी रहा.
बता दें कि वकील पिछली 8 जनवरी से क्रमिक अनशन कर रहे हैं. वकील मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और जिला कलेक्टर को कई बार इस मामले को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं. साथ ही संभागीय आयुक्त ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. जिसमें कहा गया है कि एसडीएम कोर्ट को कलेक्ट्रेट परिसर में ही रखना चाहिए.
इन सब के बावजूद भी अभी तक वकीलों की सुनवाई नहीं हो रही है और इसे लेकर वकीलों में आक्रोश व्याप्त है. वकीलों ने शुक्रवार को पूरा कलेक्ट्रेट का चक्कर लगाकर अपनी मांग दोहराई.
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वकीलों के हड़ताल पर रहने से एक बार फिर जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में न्यायिक काम बंद रहा. यहां तक की रजिस्ट्री काम भी नहीं हुआ. उपपंजीयक कार्यालय में सभी रजिस्ट्री काउंटर सूने पड़े रहे. रजिस्ट्री नहीं होंने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान हुआ.
स्टांप वेंडरों ने भी अपना समर्थन हड़ताल को दिया. जिसके कारण लोगों को स्टाम्प भी नहीं मिलें. ई-स्टाम्प भी बंद रहा. नोटरी भी नहीं हुई और इसके कारण शपथ पत्र और मूल निवास का काम भी बंद रहा. डीड राइटर भी अपना काम बंद रखा.
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है और ऐसे में हम हमारे आंदोलन में और तेजी लेकर आएंगे. शनिवार को हम सेशन कोर्ट के वकीलों को अपने साथ में लेंगे और वहां न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हम जनता की भलाई के लिए ही लड़ रहे हैं. जनता को 20 किलोमीटर चक्कर काटकर आमेंर एसडीएम कोर्ट में जाना पड़ेगा.