जयपुर. फोरर्म ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले जयपुर के शहीद स्मारक पर मंगलवार से धरना शुरू हुआ. जहां निजी स्कूल संचालकों ने मौन धारण किया. वहीं सरकार की बेरुखी के चलते फोरम की प्रवक्ता हेमलता शर्मा अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गई. ऐसे में राजस्थान के समस्त निजी स्कूलों और संस्थानों ने 5 नवंबर से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा के चलते स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन भी बंद किया हुआ है.
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर कोई संपूर्ण समाधान स्वीकार नहीं करेगी, तब तक उनका धरना और आमरण अनशन जारी रहेगा. वहीं बुधवार को प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन भी दिया जाएगा. शिक्षकों कहना है कि सरकार की दोहरी नीतियों के कारण राजस्थान के 50 हजार निजी स्कूलों के 11 लाख कर्मचारी सड़कों पर आ गए हैं और कई निजी स्कूल संचालकों ने आत्महत्या कर ली, लेकिन सरकार इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रही है.
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इससे आहत होकर राजस्थान के 50 हजार स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों ने हड़ताल का समर्थन कर स्कूलों को पूर्ण रुप से बंद करने का फैसला मजबूरी वंश लिया है. यही वजह है कि अब शिक्षक और कर्मचारी काली दिवाली मनाने को मजबूर हो गए हैं. इसके अलावा निजी शिक्षकों का कहना है कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री का बयान जिसमें उन्होंने शिक्षा और शिक्षकों को धंधा करना बताया है, जो बेहद अपमानजनक है और शिक्षा जगत इस बयान से बहुत आहत है. इसलिए तमाम शिक्षा जगत में इस बात का भयंकर रोष है, जिसके चलते इस आंदोलन को राजस्थान के साथ ही भारत के अन्य राज्य भी समर्थन कर रहे हैं.