जयपुर. बुधवार को सचिवालय के समिति कक्ष में वन अपराधों के प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित (Forest Minister meeting with officials) की गई. बैठक में अवैध वन खनन और अतिक्रमण समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने अवैध खनन और अतिक्रमण के मामलों में वन विभाग के अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मंत्री ने कहा कि आमजन में यह संदेश जाए कि विभाग अब इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं करेगा.
चौधरी ने कहा कि विभागीय अधिकारी लगातार गश्त करें, किसी भी तरह के दबाव में ना आकर ईमानदारी से अवैध खनन और अतिक्रमण को रोकने का प्रयास करें. विभागीय अधिकारियों यह भी सुनिश्चित करें कि झूठी शिकायतों पर ध्यान न देकर सही शिकायतों पर समयानुसार कार्रवाई की जाए. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि घर-घर औषधि योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए. यह ध्यान रखा जाए कि जहां भी पौधारोपण हो, वह सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि विभागीय सीमित संसाधनों की समस्या की जानकारी उच्च स्तर पर दें, जिससे उनको हल करने का प्रयास किया जाए.
पर्यावरण मंत्री ने बैठक में कहा कि राजस्थान ईको ट्यूरिज्म पॉलिसी 2021 (Rajasthan Ecotourism Policy 2021) राज्य के इको ट्यूरिज्म को उच्च स्तर पर ले जाएगी. इस पॉलिसी के तहत बनाई गई राजस्थान ईको ट्यूरिज्म डवलपमेंट सोसायटी की यह पहली बैठक है. पॉलिसी के शुरु होने के बाद इसकी जमीनीं समस्याओं की जानकारी होगी. पॉलिसी के संचालन में किसी भी अधिकारी को कोई समस्या आती है, तो वे तुरंत उनसे संपर्क कर सकते हैं. पॉलिसी का धरातल पर उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए.
वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि अवैध खनन और अतिक्रमण को रोकना महत्वपूर्ण विषय है. अब विभाग द्वारा हर माह जिलों में वन अपराधों के प्रकरणों की रिपोर्ट लेकर उच्च स्तर पर दी जाएगी. उन्होंने इस संबंध में बने सॉफ्टवेयर की जानकारी देते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों को इसका अधिक से अधिक प्रयोग करना है, जिससे वन अपराधों के मामलों का विश्लेषण किया जा सके. बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने प्रजेंटेशन के माध्यम से राजस्थान ईको ट्यूरिज्म पॉलिसी 2021 और वन अपराधों के प्रकरणों की समीक्षात्मक प्रस्तुति दी.