जयपुर. राजस्थान में राजधानी जयपुर के घाट गेट कब्रिस्तान, भट्टा बस्ती कब्रिस्तान सहित अन्य कब्रिस्तानों में दीवारें टूटी होने की वजह से आवारा श्वान कब्रिस्तान के अंदर घुस जाते हैं और जमकर उत्पात मचाते हैं. कब्रिस्तानों में घुस कर आवारा कुत्ते (Bodies are Taken Out from Graves) कब्र से बच्चों के शवों को निकालकर नोच-नोचकर खाते हैं. पिछले कई सालों से लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
घाट गेट कब्रिस्तान में अपनी सेवाएं देने वाले मोहम्मद वसीम ने बताया कि हम जबसे से यहां पर काम कर रहे हैं, तब से 5 से 6 बार श्वान कब्र से बच्चों के शवों को बाहर (Walls Broken in Jaipur Cemeteries) निकाल चुके हैं. वे हमें देखकर भाग जाते हैं. श्वान के जाने के बाद बच्चों के शवों को दोबारा से दफनाया जाता है. बड़े-बुजुर्गों की कब्रों से भी शव निकालने की श्वान कई बार कोशिश कर चुके हैं.
समाजसेवी हाजी निजामुद्दीन का कहना है कि जो नजारा राजधानी जयपुर के कब्रिस्तान में नजर आ रहा है, यह सही नहीं है. मैं राजस्थान सरकार और स्थानीय विधायक से यह मांग करता हूं कि जल्द से जल्द कब्रिस्तानों की व्यवस्थाओं की ओर तवज्जो दी जाए, ताकि मुर्दे सही से दफ्न रह सकें. दुनिया को अलविदा कहने वाले लोगों के साथ ज्यादती हो रही है और कमेटी को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए.
राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने कहा कि कब्रिस्तान की स्थानीय कमेटी की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह की घटनाओं को रोके. यदि उन्हें किसी तरह की समस्या है तो वह हमें अवगत कराएं, ताकि उसका समाधान किया जा सके. श्वानों की ओर से शव को नोचने जैसी घटनाएं इंसानियत के लिए ठीक नहीं हैं. इस तरह की घटनाओं को हम सबको मिलकर स्थानीय कमेटी को साथ लेकर रोकना चाहिए.