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जयपुर कलेक्टर द्वारा चलाया गया स्टिंग ऑपरेशन, समय सीमा के बाद भी खुली मिलीं कई शराब की दुकाने

जयपुर में रात 8 बजे बाद भी बिक रही शराब की लागातार शिकायत प्रशासन को मिल रही थी. जिसपर जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने बुधवार को जिले में एक स्टिंग की कार्रवाई करवाई. जिसके तहत 21 शराब की दूकाने तय समय सीमा के बाद भी खुली पाई गई. खुली मिली दुकानों के खिलाफ लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर न्यूज, jaipur news
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Published : Nov 7, 2019, 11:59 PM IST

जयपुर. शहर में रात 8 बजे बाद भी शराब बिकने की शिकायतों के बाद जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बुधवार रात को जयपुर जिले का स्टिंग कराया. उन्होंने इसमें 100 से अधिक जिला प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया. ये अधिकारी रात 8 बजे बाद खुद बोगस ग्राहक बनकर शराब की दुकानों पर पहुंचे और अधिक दाम देकर शराब खरीदी. इस छापामार कार्रवाई से शराब कारोबारियों में हड़कंप मच गया.

बोगस ग्राहक बनकर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किया स्टिंग

छापामार कार्रवाई के दौरान अधिकारी खुद भी चौंक गए, उन्हें कई जगह रात 8 बजे बाद भी शराब बिकती मिली. शराब बेचने वालों ने अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा, उन्होंने उनसे भी तय राशि से अधिक शराब के पैसे लिए. अधिकारियों ने कही खिड़की से तो कहीं दीवार तोड़कर बनाए गए छोटे छेद में से शराब बेचती देखी. अधिकारियों ने करीब 2 घंटे तक स्टिंग किया.

पढ़ें- नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

बुधवार रात को ही छापामार कार्रवाई में 21 दुकाने निर्धारित समय के बाद भी खुली पाई गई. इनके खिलाफ लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह दुकाने जिन आबकारी निरीक्षकों के क्षेत्राधिकार में आती है, उन सभी को 17 सीसी का नोटिस भी दिया जाएगा.

कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि आबकारी नियमों के अनुसार शराब की दुकानें हर हाल में 8 बजे बंद हो जानी चाहिए. इस अवधि के बाद भी दुकानें खुली रहने और इससे चोरी-छिपे शराब बिक्री को लेकर आम नागरिकों की शिकायतें मिल रही थी. साथ ही ऊंचे दामों पर शराब बिक्री की सूचना मिली थी.

पढ़ेंः अयोध्या : केंद्र ने उप्र सरकार को जारी किए सुरक्षा संबंधी निर्देश

इसलिए बुधवार रात को सभी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उपखंड मजिस्ट्रेट, सहायक कलेक्टर, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, तहसीलदार और जिला रसद अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि रात को शराब की दुकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए. अभियान में 21 दुकाने रात 8 बजे बाद भी खुली मिली. किसी दुकान में शटर डाउन कर के शराब की बिक्री की जा रही थी, तो कहीं पड़ोस की दुकानों से. कहीं-कहीं शराब की दुकानों के पीछे से दीवार में छेद कर शराब बेची जा रही थी.

स्टिंग में 8 बजे बाद यहां बिकती मिली शराब-

जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन अधिकारियों के स्टिंग के दौरान दूदू में सात दुकाने तय समय सीमा के बाद भी खुली पाई गई. आमेर में एक दुकान पर शटर के ऊपर जालीनुमा खुला स्थान पाया गया. जयपुर उत्तर उपखंड में अजमेर रोड पर डीसीएम के पास स्थित दुकान का शटर डाउन करके पास की नर्सरी में ही शराब बेची जा रही थी.

विराटनगर में 4 स्थानों पर 8 बजे बाद भी दुकान खुली मिली और सामान्य रूप से शराब बेची जा रही थी. वहीं कोटपूतली में चार स्थानों पर शटर के नीचे से या दीवार में छेद करके शराब बेची जा रही थी. उपखंड क्षेत्र जयपुर दक्षिण में स्थित एक दुकान पर शटर के नीचे से शराब बेची जा रही थी. शाहपुरा में एक दुकान पर सेल्समैन अंदर था और वहां अनियमितता मिली. इसी तरह से सांगानेर में दो दुकानें बंद थी लेकिन, पास की दुकान से शराब बेची जा रही थी.

जयपुर. शहर में रात 8 बजे बाद भी शराब बिकने की शिकायतों के बाद जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बुधवार रात को जयपुर जिले का स्टिंग कराया. उन्होंने इसमें 100 से अधिक जिला प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया. ये अधिकारी रात 8 बजे बाद खुद बोगस ग्राहक बनकर शराब की दुकानों पर पहुंचे और अधिक दाम देकर शराब खरीदी. इस छापामार कार्रवाई से शराब कारोबारियों में हड़कंप मच गया.

बोगस ग्राहक बनकर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किया स्टिंग

छापामार कार्रवाई के दौरान अधिकारी खुद भी चौंक गए, उन्हें कई जगह रात 8 बजे बाद भी शराब बिकती मिली. शराब बेचने वालों ने अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा, उन्होंने उनसे भी तय राशि से अधिक शराब के पैसे लिए. अधिकारियों ने कही खिड़की से तो कहीं दीवार तोड़कर बनाए गए छोटे छेद में से शराब बेचती देखी. अधिकारियों ने करीब 2 घंटे तक स्टिंग किया.

पढ़ें- नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

बुधवार रात को ही छापामार कार्रवाई में 21 दुकाने निर्धारित समय के बाद भी खुली पाई गई. इनके खिलाफ लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह दुकाने जिन आबकारी निरीक्षकों के क्षेत्राधिकार में आती है, उन सभी को 17 सीसी का नोटिस भी दिया जाएगा.

कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि आबकारी नियमों के अनुसार शराब की दुकानें हर हाल में 8 बजे बंद हो जानी चाहिए. इस अवधि के बाद भी दुकानें खुली रहने और इससे चोरी-छिपे शराब बिक्री को लेकर आम नागरिकों की शिकायतें मिल रही थी. साथ ही ऊंचे दामों पर शराब बिक्री की सूचना मिली थी.

पढ़ेंः अयोध्या : केंद्र ने उप्र सरकार को जारी किए सुरक्षा संबंधी निर्देश

इसलिए बुधवार रात को सभी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उपखंड मजिस्ट्रेट, सहायक कलेक्टर, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, तहसीलदार और जिला रसद अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि रात को शराब की दुकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए. अभियान में 21 दुकाने रात 8 बजे बाद भी खुली मिली. किसी दुकान में शटर डाउन कर के शराब की बिक्री की जा रही थी, तो कहीं पड़ोस की दुकानों से. कहीं-कहीं शराब की दुकानों के पीछे से दीवार में छेद कर शराब बेची जा रही थी.

स्टिंग में 8 बजे बाद यहां बिकती मिली शराब-

जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन अधिकारियों के स्टिंग के दौरान दूदू में सात दुकाने तय समय सीमा के बाद भी खुली पाई गई. आमेर में एक दुकान पर शटर के ऊपर जालीनुमा खुला स्थान पाया गया. जयपुर उत्तर उपखंड में अजमेर रोड पर डीसीएम के पास स्थित दुकान का शटर डाउन करके पास की नर्सरी में ही शराब बेची जा रही थी.

विराटनगर में 4 स्थानों पर 8 बजे बाद भी दुकान खुली मिली और सामान्य रूप से शराब बेची जा रही थी. वहीं कोटपूतली में चार स्थानों पर शटर के नीचे से या दीवार में छेद करके शराब बेची जा रही थी. उपखंड क्षेत्र जयपुर दक्षिण में स्थित एक दुकान पर शटर के नीचे से शराब बेची जा रही थी. शाहपुरा में एक दुकान पर सेल्समैन अंदर था और वहां अनियमितता मिली. इसी तरह से सांगानेर में दो दुकानें बंद थी लेकिन, पास की दुकान से शराब बेची जा रही थी.

Intro:जयपुर। शहर में रात 8:00 बजे बाद भी शराब बिकने की शिकायतों के बाद जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बुधवार रात को जयपुर जिले का स्टिंग कराया। उन्होंने इसमें 100 से अधिक जिला प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया। ये अधिकारी रात 8:00 बजे बाद खुद बोगस ग्राहक बनकर शराब की दुकानों पर पहुंचे और अधिक दाम देकर शराब खरीदी। इस छापामार कार्रवाई से शराब कारोबारियों में हड़कंप मच गया


Body:छापामार कार्रवाई के दौरान अधिकारी खुद भी चौक गए उन्हें कई जगह रात 8:00 बजे बाद शराब बिकती मिली। शराब बेचने वालों ने अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा उन्होंने उनसे भी तय राशि से अधिक शराब के पैसे लिए। अधिकारियों ने कही खिड़की से तो कहीं दीवार तोड़कर बनाए गए छोटे छेद में से शराब बेचती देखी। अधिकारियों ने करीब 2 घंटे तक स्टिंग किया।
बुधवार रात को ही छापामार कार्रवाई में 21 दुकाने निर्धारित समय के बाद भी खुली पाई गई। इनके खिलाफ लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह दुकाने जिन आबकारी निरीक्षकों के क्षेत्राधिकार में आती है उन सभी को 17 सीसी का नोटिस भी दिया जाएगा। कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि आबकारी नियमों के अनुसार शराब की दुकानें हर हाल में 8:00 बजे बंद हो जानी चाहिए। इस अवधि के बाद भी दुकानें खुली रहने और इससे चोरी-छिपे शराब बिक्री को लेकर आम नागरिकों की शिकायतें मिल रही थी। साथ ऊंचे दामों पर शराब बिक्री की सूचना मिली थी। इसलिए बुधवार रात को सभी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उपखंड मजिस्ट्रेट, सहायक कलेक्टर, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, तहसीलदार और जिला रसद अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि रात को शराब की दुकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए। अभियान में 21 दुकाने रात 8 बजे बाद भी खुली मिली। किसी दुकान में शटर डाउन कर के शराब की बिक्री की जा रही थी तो कही पड़ोस की दुकानों से। कही कही शराब की दुकानों के पीछे से दीवार में छेद कर शराब बेची जा रही थी।

स्टिंग में 8 बजे बाद यहाँ बिकती मिली शराब-
जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन अधिकारियों के स्टिंग के दौरान दूदू में सात दुकाने तय समय सीमा के बाद भी खुली पाई गई। आमेर में एक दुकान पर शटर के ऊपर जालीनुमा खुला स्थान पाया गया। जयपुर उत्तर उपखंड में अजमेर रोड पर डीसीएम के पास स्थित दुकान का शटर डाउन करके पास की नर्सरी में ही शराब बेची जा रही थी। विराटनगर में 4 स्थानों पर 8:00 बजे बाद भी दुकान खुली मिली और सामान्य रूप से शराब बेची जा रही थी। कोटपूतली में चार स्थानों पर शटर के नीचे से या दीवार में छेद करके शराब बेची जा रही थी। उपखंड क्षेत्र जयपुर दक्षिण में स्थित एक दुकान पर शटर के नीचे से शराब बेची जा रही थी। शाहपुरा में एक दुकान पर सेल्समैन अंदर था और वहां अनियमितता मिली। इसी तरह से सांगानेर में दो दुकानें बंद थी लेकिन पास की दुकान से शराब बेची जा रही थी।

बाईट जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव


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