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कोरोना संकट के बावजूद भारत लिखेगा विकास की नई इबारत, जल्द दिखेंगे सुखद परिणाम: राजेंद्र राठौड़

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Published : May 18, 2020, 12:01 AM IST

लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर विधान सभा के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी किया है. बयान में राठौड़ ने आर्थिक पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में क्रांतिकारी बताया है. साथ ही कई पहलूओं के विस्तार से समझाकर उसके हित बताए है.

Rajendra Rathore Statement Economic Package, Special Economic Package announce, आर्थिक पैकेज पर राजेंद्र राठौड़ का बयान, राजेंद्र राठौड़ का बयान
विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर राजेंद्र राठौड़ का बयान

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणाओं के क्रम में पांचवा और अंतिम राहत पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में क्रांतिकारी साबित होगा. उपनेता प्रतिपक्ष ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अब तक के सभी निर्णयों को भारत की उत्तरोत्तर प्रगति को समर्पित बतायाा. साथ ही यह विश्वास व्यक्त किया है कि इसके सुखद परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे.

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि, कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों के लिए यह पैकेज एक ऐसा सुनहरा अवसर है. जिसके माध्यम से न केवल सभी वर्गों को राहत मिलेगी बल्कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास का उजाला पहुंचेगा. राठौड़ ने प्रधानमंत्री की ओर से कोरोना संकट में स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए किये गये 15 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान में से 4,113 करोड़ रुपए राज्यों स्थानान्तरित किये जाने का स्वागत किया.

ये पढ़ें: बड़े आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद भी जनता को तत्काल राहत का रहेगा इंतजारः प्रो. जेपी यादव

राठौड़ ने कोविड-19 के कारण राज्यों की लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को संबल दिये जाने हेतु केंद्र के राज्यों के करो के हिस्से में 46 हजार करोड़ की राशि जारी करने, राजस्व हानि में 12,390 करोड़ और राज्य आपदा कोष में 11000 करोड़ की राशि जारी करने का स्वागत करते हुए कहा कि, राज्य को ऋण लेने के सकल घरेलू उत्पाद को 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत बढ़ाने से राज्यों को अतिरिक्त राशि 4.28 लाख करोड़ रुपए का प्रबन्धन करने का अधिकार मिलेगा, को राज्य की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताया.

साथ ही रिजर्व बैंक की ओर से राज्य में वेज एंड मिल्स की राशि में 60 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का स्वागत करते हुए कहा कि, केंद्र की ओर से पहले एफबीआरएम एक्ट द्वारा निर्धारित कर्ज राशि का राजस्थान सरकार द्वारा उपयोग नहीं लिया जाना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कतई उचित नहीं है.

ये पढ़ें: 'देसी फ्रिज' पर लगा कोरोना का ग्रहण, मिट्टी के बर्तनों का कारोबार ठप

उपनेता प्रतिपक्ष ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज पॉलिसी लाने का निर्णय स्वागतयोग्य बताते हुए कहा कि, इससे सभी सेक्टर्स में प्राइवेट सेक्टर के लिए संभावनाएं बढेगी. साथ ही राठौड़ ने कहा कि मनरेगा में प्रवासी श्रमिकों के लिए 40,000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किये जाने से प्रवासी श्रमिकों को विषम परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त करने से स्वावलंबी होने का अवसर मिलेगा.

ये पढ़ें: चाय की थड़ी लगाने वाले मजदूरों की गुहार...कहा- मोदी जी आप भी चाय बेचते थे...जरा इधर भी देख लो

उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए PM ई विद्या प्रोग्राम की शुरुआत करने, प्रत्येक कक्षा के लिए एक चिन्हित चैनल के माध्यम से शिक्षा का अवसर प्रदान करने से हर बच्चे तक शिक्षा का पहुंच सकेगी.

राठौड़ ने कहा कि छोटे और लघु उद्योगों के लिए दिवालियेपन की सीमा 1 साल के लिए एक लाख से एक करोड़ रुपए करने से इन्हें फायदा होगा. साथ ही कंपनीज एक्ट में मामूली से उल्लंघन पर उसे अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए उठाये गये कदम की भी सराहना की.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणाओं के क्रम में पांचवा और अंतिम राहत पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में क्रांतिकारी साबित होगा. उपनेता प्रतिपक्ष ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अब तक के सभी निर्णयों को भारत की उत्तरोत्तर प्रगति को समर्पित बतायाा. साथ ही यह विश्वास व्यक्त किया है कि इसके सुखद परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे.

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि, कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों के लिए यह पैकेज एक ऐसा सुनहरा अवसर है. जिसके माध्यम से न केवल सभी वर्गों को राहत मिलेगी बल्कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास का उजाला पहुंचेगा. राठौड़ ने प्रधानमंत्री की ओर से कोरोना संकट में स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए किये गये 15 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान में से 4,113 करोड़ रुपए राज्यों स्थानान्तरित किये जाने का स्वागत किया.

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राठौड़ ने कोविड-19 के कारण राज्यों की लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को संबल दिये जाने हेतु केंद्र के राज्यों के करो के हिस्से में 46 हजार करोड़ की राशि जारी करने, राजस्व हानि में 12,390 करोड़ और राज्य आपदा कोष में 11000 करोड़ की राशि जारी करने का स्वागत करते हुए कहा कि, राज्य को ऋण लेने के सकल घरेलू उत्पाद को 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत बढ़ाने से राज्यों को अतिरिक्त राशि 4.28 लाख करोड़ रुपए का प्रबन्धन करने का अधिकार मिलेगा, को राज्य की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताया.

साथ ही रिजर्व बैंक की ओर से राज्य में वेज एंड मिल्स की राशि में 60 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का स्वागत करते हुए कहा कि, केंद्र की ओर से पहले एफबीआरएम एक्ट द्वारा निर्धारित कर्ज राशि का राजस्थान सरकार द्वारा उपयोग नहीं लिया जाना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कतई उचित नहीं है.

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उपनेता प्रतिपक्ष ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज पॉलिसी लाने का निर्णय स्वागतयोग्य बताते हुए कहा कि, इससे सभी सेक्टर्स में प्राइवेट सेक्टर के लिए संभावनाएं बढेगी. साथ ही राठौड़ ने कहा कि मनरेगा में प्रवासी श्रमिकों के लिए 40,000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किये जाने से प्रवासी श्रमिकों को विषम परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त करने से स्वावलंबी होने का अवसर मिलेगा.

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उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए PM ई विद्या प्रोग्राम की शुरुआत करने, प्रत्येक कक्षा के लिए एक चिन्हित चैनल के माध्यम से शिक्षा का अवसर प्रदान करने से हर बच्चे तक शिक्षा का पहुंच सकेगी.

राठौड़ ने कहा कि छोटे और लघु उद्योगों के लिए दिवालियेपन की सीमा 1 साल के लिए एक लाख से एक करोड़ रुपए करने से इन्हें फायदा होगा. साथ ही कंपनीज एक्ट में मामूली से उल्लंघन पर उसे अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए उठाये गये कदम की भी सराहना की.

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