जयपुर. राजधानी में विश्व श्रवण दिवस पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा मौजूद रहे. इस दौरान चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि बुधवार को प्रदेश में लगातार चिकित्सा के क्षेत्र में नए-नए आयामों को जोड़ा जा रहा है और विभाग भी चाहता है कि चिकित्सा संस्थानों को दुरुस्त किया जाए. लेकिन आज प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के लोग जागरूक नहीं दिख रहे हैं.
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जागरूकता बढ़ने पर बधिरता जैसी बीमारियों के मामले में भी गिरावट आ सकती है. मंत्री ने बताया कि भारत सरकार की ओर से 2014-15 में राष्ट्रीय बहरापन नियंत्रण और रोकथाम कार्यक्रम प्रदेश के 12 जिलों में शुरू हुआ, जो सभी जिलों में चलाया जा रहा है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अब तक 900 से ज्यादा बच्चों के को क्लियर क्लियर इम्प्लांट किया जा चुका है.
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की कोशिश कर रही है, लेकिन गांव में आज भी लोग झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज करवाने जा रहे हैं. यह झोलाछाप बिना मरीज को देखे ही दवाइयां दे रहे हैं. जिसमें मरीज और ज्यादा बीमार हो जाता है. इसके लिए विभाग के स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं.
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वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद चाहते हैं कि प्रदेश निरोगी हो. इसको लेकर निरोगी राजस्थान की भी शुरुआत की गई थी. शुरुआत के साथ ही राजस्थान में कोरोना वायरस ने तस्तक दे दी लेकिन मुख्यमंत्री की मॉनिटरिंग से इस कोरोना पर भी नियंत्रण कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि आज संगोष्ठी में डॉक्टरों की ओर से जो भी मंथन किया जाएगा.
मंथन में जिलों में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर संसाधन लगाने की बात हो तो विभाग की ओर से उसे भी पूरा किया जाएगा. कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा सचिव सिद्धार्थ महाजन निदेशक नरेश, चिकित्सा सेवा निदेशक डॉ. के के शर्मा लक्ष्मण सिंह आदि मौजूद रहे.