जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (State Legal Services Authority) ने प्रदेश के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निर्देश दिए हैं कि अपने क्षेत्राधिकार के आवासीय स्कूलों (सरकारी व वित्त पोषित, मान्यता प्राप्त) का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करें.
इन स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद, डिजीटल लाइब्रेरी और विशेष रीडर की उपलब्धता सहित अन्य बिंदुओं पर जानकारी पेश करने को कहा है. प्राधिकरण के सदस्य सचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने यह आदेश रविवार को विधानसभा में बाल सत्र के दौरान पहुंचे दिव्यांग छात्र को बोलने का मौका नहीं मिलने के तथ्य के सामने आने पर दिए.
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प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि जोधपुर स्थित आंगणवा राजकीय अंध विश्वविद्यालय का छात्र शैताना राम रविवार को विधानसभा सत्र में पहुंचा था. यहां उसने पर्ची के माध्यम से बोलने का समय लिया, लेकिन उसे बोलने का मौका नहीं मिला. शैताना राम विधानसभा में दिव्यांगों के राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के पद भरने, डिजीटल लाइब्रेरी में रीडर उपलब्ध कराने और फर्जी प्रमाण पत्रों पर रोक लगाने व विशेष दिव्यांग आयोग गठन की मांग उठाना चाहता था.