जयपुर. जैसलमेर में पैराटीचर को निर्वस्त्र करके मारपीट कर वीडियो वायरल करने के मामले में (State Human Rights Commission took cognizance ) राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए जैसलमेर पुलिस अधीक्षक से 15 दिनों में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. वहीं जयपुर के महारानी कॉलेज के बाहर छात्राओं के साथ हुई अश्लीलता के घटना में आयोग ने पुलिस महानिदेशक को प्रदेशभर के शिक्षण संस्थानों के बाहर पुलिस गश्त बढ़ाने सहित कुछ बिंदुओं पर अमल करने के निर्देश दिए हैं.
जैसलमेर के चांधन क्षेत्र की सोजियों की ढाणी में सरकारी स्कूल के पैराटीचर युवक के साथ हुई बर्बरता पूर्वक मारपीट की घटना को आयोग ने बेहद गंभीर माना. मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर ही संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास ने जैसलमेर पुलिस अधीक्षक को इस पूरी घटना में अब तक की गई कार्रवाई सहित संपूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट 15 दिन के भीतर देने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि यह घटना 20 जून देर रात की बताई जा रही है. जिसमें पीड़ित (Youth assault case in Jaisalmer) पैरा टीचर को युवकों ने रोककर निर्वस्त्र किया और कैंची से सिर के बाल भी काट दिए. साथ ही उसके साथ मारपीट की और उसकी कार में भी तोड़फोड़ कर इस पूरी घटना का भी वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. आयोग अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर इसके वायरल वीडियो को तुरंत हटवाने के भी निर्देश दिए हैं.
महारानी कॉलेज छात्राओं से अश्लीलता के मामले में डीजीपी को दिए यह निर्देशः वहीं पिछले दिनों जयपुर के महारानी कॉलेज के बाहर छात्राओं के साथ कार सवार युवक की ओर से की गई अश्लीलता की घटना के मामले में मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. आयोग ने पिछले दिनों इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस से तमाम मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. जिसे जयपुर पूर्व पुलिस अधीक्षक ने आयोग के समक्ष पेश कर दी.
जिसके बाद आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे सभी पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर संबंधित थाना क्षेत्रों में आने वाले शैक्षणिक संस्थानों के खुलने और बंद होने के समय पुलिस गश्त कराए जाने की व्यवस्था करें. साथ ही प्रतिदिन होने वाली इस गश्त की जानकारी थाने के रोजानामचे में भी अंकित हो. आयोग ने यह भी निर्देश दिए कि इस गश्त में पुलिस निरीक्षक और हेड कांस्टेबल स्तर का पुलिसकर्मी शामिल हो. वहीं संभव हो तो किसी महिला पुलिसकर्मी को भी इसमें भेजा जाए. आयोग ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर इस प्रकार की घटना क्रम होने पर पुलिस की ओर से तुरंत मामला दर्ज कर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. साथ ही संबंधित थाना अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए कि वो अपने क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख से लगातार संपर्क में रहें.