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ऑक्सीजन की कमी से 2 लोगों की मौत मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 5 मई तक मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट - जयपुर समाचार

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच कोटा के कोविड-19 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से दो लोगों की मौत मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग सदस्य जस्टिस महेश चंद शर्मा ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को 5 मई तक इस पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

राज्य मानवाधिकार आयोग, Human Rights Commission takes cognizance
राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
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Published : Apr 21, 2021, 12:57 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच कोटा के कोविड-19 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से दो लोगों की मौत मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग सदस्य जस्टिस महेश चंद शर्मा ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को 5 मई तक इस पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

आयोग ने इन घटनाओं को मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं बताया और यह भी लिखा की मीडिया में प्रसारित इस घटना की खबरों से प्रथम दृष्टया ये लगता है कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद होना या तो तकनीकी कारण थे या लापरवाही थी. ऐसे में जिस भी व्यक्ति की यह जिम्मेदारी हो उसे संकट की इस घड़ी में सतर्कता से काम करने की ज्यादा आवश्यकता थी.

यह भी पढ़ेंः सुनो सरकारः 'जो जल जीवन देता है, वो मौत का संदेश लेकर आ रहा है'

आयोग ने सरकार से इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों, संबंधित अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज को दिशा निर्देश देने को कहा है. साथ ही कोटा की इस घटना की अगली सुनवाई 5 मई को करने की व्यवस्था की है.

जयपुर. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच कोटा के कोविड-19 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से दो लोगों की मौत मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग सदस्य जस्टिस महेश चंद शर्मा ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को 5 मई तक इस पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

आयोग ने इन घटनाओं को मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं बताया और यह भी लिखा की मीडिया में प्रसारित इस घटना की खबरों से प्रथम दृष्टया ये लगता है कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद होना या तो तकनीकी कारण थे या लापरवाही थी. ऐसे में जिस भी व्यक्ति की यह जिम्मेदारी हो उसे संकट की इस घड़ी में सतर्कता से काम करने की ज्यादा आवश्यकता थी.

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आयोग ने सरकार से इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों, संबंधित अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज को दिशा निर्देश देने को कहा है. साथ ही कोटा की इस घटना की अगली सुनवाई 5 मई को करने की व्यवस्था की है.

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