जयपुर. प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. इसी बीच प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ से इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी फीस वसूलने को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है. हाल ही में इस संबंध में मीडिया में प्रकाशित हुई खबरों और राजस्थान हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ की तरफ से इस संबंध में की गई प्रार्थना के बाद आयोग अध्यक्ष जस्टिस महेश चंद शर्मा ने जोधपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है.
यह समिति जोधपुर और आसपास के इलाकों में 24 घंटे के भीतर जोधपुर शहर के सभी राजकीय और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों का दौरा कर निरीक्षण करेगी और तथ्यों की जांच भी करेगी. निरीक्षण और जांच के बाद वस्तुस्थिति से जुड़ी तथ्यात्मक रिपोर्ट राज्य मानव अधिकार आयोग को आगामी तारीख पेशी से पूर्व उपलब्ध कराएगी.
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आयोग ने अपने आदेश में संभागीय आयुक्त जोधपुर को यह भी कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के परिसर में अधिवक्तागण और उनके परिवार जन का कोविड-19 टेस्ट किया जाए और उनकी उचित मॉनिटरिंग और बीमारी के उपचार हेतु सभी उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. कोई भी अधिवक्ता या आमजन इस बीमारी से पीड़ित होने पर उपचार से वंचित ना रहे.
गौरतलब है कि जोधपुर उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रणजीत जोशी और संघ के अन्य पदाधिकारियों ने संघ के लेटर हेड पर यह प्रतिवेदन प्रस्तुत कर प्रार्थना की थी कि राजकीय चिकित्सालय और निजी चिकित्सालयों में उपचार की पूर्ण व्यवस्था नहीं है और मरीज को उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में आयोग अपने स्तर पर इस मामले को दिखाएं और मॉनिटरिंग कमेटी बनाकर इसका निरीक्षण भी करवाएं.
कमेटी में किन्हें शामिल किया गया है...
कमेटी में अध्यक्ष संभागीय आयुक्त जोधपुर रहेंगे जबकि समिति में आयोग के प्रतिनिधि ओमी पुरोहित और रजिस्ट्रार के साथ ही जोधपुर जिला कलेक्टर, पुलिस आयुक्त जोधपुर, एम्स निदेशक जोधपुर, सीएमएचओ मथुरादास अस्पताल, जोधपुर अधीक्षक, महात्मा गांधी अस्पताल अधीक्षक और राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता, पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल आनंद पुरोहित के साथ ही परिवादी रणजीत जोशी व गजेंद्र मेहता और डॉ. नूपुर भाटी को समिति सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.