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पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन

जयपुर में निर्वाचन आयोग शेष बचे चुनाव कराने की तैयारी में लग गया है. ग्राम पंचायतों में पच और सरपंच के आम चुनाव कराने के लिए सभी संबंधित जिला कलेक्टरों को प्रोटोकॉल के तहत गाइडलाइन जारी कर दी है.

राजस्थान पंचायत चुनाव समाचार, Rajasthan Panchayat Election News
राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन
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Published : Sep 3, 2020, 10:20 AM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के चुनावी आदेश के बाद निर्वाचन आयोग शेष बचे चुनाव कराने की तैयारी में लग गया है. हालांकि कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में प्रस्तावित पंचायत चुनाव मतदाता और प्रत्याशी दोनों के लिए एक अलग अनुभव होगा.

राज्य निर्वाचन विभाग ने प्रदेश की शेष बची ग्राम पंचायत और नगर निकाय चुनाव के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. आयोग अब कोरोना संक्रमण के बीच ही नई गाइडलाइन के साथ चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. आयोग ने इसको लेकर बुधवार को नई गाइडलाइन भी जारी की है.

राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन

राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में प्रदेश की करीब 3,850 ग्राम पंचायतों में पच और सरपंच के आम चुनाव कराने के लिए बुधवार को सभी संबंधित जिला कलेक्टरों को प्रोटोकॉल के तहत गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके तहत प्रत्याशियों को प्रचार के दौरान गाइडलाइन की पालना करना अनिवार्य होगा.

पढ़ेंः किसानों की मांगों पर सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए - पूनिया

नियमों के तहत अब हर वोटर को वोट डालने जाते वक्त मास्क लगाना अनिवार्य होगा. जबकि प्रत्याशी को भी बिना मास्क के नामांकन के लिए निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रवेश नहीं दिया जाएगा. प्रत्याशियों के जुलूस और प्रचार पर भी कोविड-19 प्रोटोकॉल की शक्ति लागू होगी. यदि पालना नहीं करते हैं तो प्रत्याशी पर कानूनी कार्रवाई के लिए निर्वाचन आयोग तैयारी कर ली है.

यह प्रमुख प्रावधान किए गए हैं

  • हर निर्वाचन कर्मी के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग अनिवार्य
  • प्रशिक्षण स्थल और मतदान केंद्र सैनिटाइज होंगे
  • सार्वजनिक स्थल पर थूकना या पान गुटखा खाने पर प्रतिबंध
  • पंचायत समिति स्तर पर ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी होगा नोडल अधिकारी
  • नामांकन में प्रत्याशी के साथ एक भी व्यक्ति कक्ष में प्रवेश
  • निर्वाचन अधिकारी हर प्रत्याशी को इस बात को नोटिस देगा कि जुलूस रैली में गाइड लाइन का उल्लंघन हुआ तो आपदा प्रबंधन कानून को सख्त कार्रवाई होगी.

गाइडलाइन में यह भी कहा गयाः

गाइडलाइन में कहा गया है कि 55 साल से अधिक आयु के कार्मिकों को यथासंभव मतदान कार्यक्रम में नहीं लगाया जाए. उन्हें आरक्षण में रखा जा सकता है. संरक्षण की आशंका वाले गंभीर रोग ग्रसित कर्मियों की ड्यूटी भी नहीं लगाई जाएगी. इसके लिए मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट मान्य होगी. गर्भवती महिला और धात्री महिलाओं को भी चुनाव में कार्य नहीं लगाया जाएगा.

पढ़ेंः देश की GDP बेहद कमजोर, इस समय लॉकडाउन संभव नहीं: रघु शर्मा

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद में राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन विभाग ने चुनावी कार्यक्रम शुरू कर दिया है. हालांकि राजस्थान में विधानसभा लोकसभा चुनाव नहीं होने लेकिन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद और निकाय चुनाव बाकी हैं. इन सभी चुनाव को अक्टूबर माह में कराया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अध्ययन करने के बाद राज्य के सभी जिला कलेक्टर को कोरोना वायरस के बीच नई गाइडलाइन जारी करते हुए उसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि प्रदेश में कोरोना कहर के चलते नगर निकाय चुनाव और ग्राम पंचायत चुनाव स्थगित कर दिए गए थे.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के चुनावी आदेश के बाद निर्वाचन आयोग शेष बचे चुनाव कराने की तैयारी में लग गया है. हालांकि कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में प्रस्तावित पंचायत चुनाव मतदाता और प्रत्याशी दोनों के लिए एक अलग अनुभव होगा.

राज्य निर्वाचन विभाग ने प्रदेश की शेष बची ग्राम पंचायत और नगर निकाय चुनाव के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. आयोग अब कोरोना संक्रमण के बीच ही नई गाइडलाइन के साथ चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. आयोग ने इसको लेकर बुधवार को नई गाइडलाइन भी जारी की है.

राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन

राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में प्रदेश की करीब 3,850 ग्राम पंचायतों में पच और सरपंच के आम चुनाव कराने के लिए बुधवार को सभी संबंधित जिला कलेक्टरों को प्रोटोकॉल के तहत गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके तहत प्रत्याशियों को प्रचार के दौरान गाइडलाइन की पालना करना अनिवार्य होगा.

पढ़ेंः किसानों की मांगों पर सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए - पूनिया

नियमों के तहत अब हर वोटर को वोट डालने जाते वक्त मास्क लगाना अनिवार्य होगा. जबकि प्रत्याशी को भी बिना मास्क के नामांकन के लिए निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रवेश नहीं दिया जाएगा. प्रत्याशियों के जुलूस और प्रचार पर भी कोविड-19 प्रोटोकॉल की शक्ति लागू होगी. यदि पालना नहीं करते हैं तो प्रत्याशी पर कानूनी कार्रवाई के लिए निर्वाचन आयोग तैयारी कर ली है.

यह प्रमुख प्रावधान किए गए हैं

  • हर निर्वाचन कर्मी के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग अनिवार्य
  • प्रशिक्षण स्थल और मतदान केंद्र सैनिटाइज होंगे
  • सार्वजनिक स्थल पर थूकना या पान गुटखा खाने पर प्रतिबंध
  • पंचायत समिति स्तर पर ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी होगा नोडल अधिकारी
  • नामांकन में प्रत्याशी के साथ एक भी व्यक्ति कक्ष में प्रवेश
  • निर्वाचन अधिकारी हर प्रत्याशी को इस बात को नोटिस देगा कि जुलूस रैली में गाइड लाइन का उल्लंघन हुआ तो आपदा प्रबंधन कानून को सख्त कार्रवाई होगी.

गाइडलाइन में यह भी कहा गयाः

गाइडलाइन में कहा गया है कि 55 साल से अधिक आयु के कार्मिकों को यथासंभव मतदान कार्यक्रम में नहीं लगाया जाए. उन्हें आरक्षण में रखा जा सकता है. संरक्षण की आशंका वाले गंभीर रोग ग्रसित कर्मियों की ड्यूटी भी नहीं लगाई जाएगी. इसके लिए मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट मान्य होगी. गर्भवती महिला और धात्री महिलाओं को भी चुनाव में कार्य नहीं लगाया जाएगा.

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद में राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन विभाग ने चुनावी कार्यक्रम शुरू कर दिया है. हालांकि राजस्थान में विधानसभा लोकसभा चुनाव नहीं होने लेकिन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद और निकाय चुनाव बाकी हैं. इन सभी चुनाव को अक्टूबर माह में कराया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अध्ययन करने के बाद राज्य के सभी जिला कलेक्टर को कोरोना वायरस के बीच नई गाइडलाइन जारी करते हुए उसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि प्रदेश में कोरोना कहर के चलते नगर निकाय चुनाव और ग्राम पंचायत चुनाव स्थगित कर दिए गए थे.

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