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राज्य उपभोक्ता आयोग का आदेश, सुब्रत रॉय सहित अन्य निदेशकों पर वारंट तामील के लिए बनाएं स्पेशल टीम

राज्य उपभोक्ता आयोग ने आदेश जारी (State Consumer Commission Order) किया है कि सुब्रत रॉय सहित अन्य निदेशकों के खिलाफ वारंट तामील करने के लिए स्पेशल टीम बनाई जाए. आयोग ने कहा कि पूर्व में कई बार जमानती वारंट जारी करने के बाद भी उनकी तामील नहीं कराई गई है.

राज्य उपभोक्ता आयोग का आदेश
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Published : Sep 15, 2022, 11:01 PM IST

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने सहारा इंडिया प्रा. लि. के खिलाफ लंबित मामलों में कंपनी के निदेशकों (State Consumer Commission Order) सहित सीईओ सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी जमानती वारंट की तामील नहीं होने पर गृह सचिव और पुलिस आयुक्त को अर्द्ध शासकीय पत्र जारी किया है. आयोग ने दोनों अधिकारियों को कहा है कि वे इनके खिलाफ जारी जमानती वारंट की तामील सख्ती (State Consumer Commission on Subrata Roy) से कराएं. साथ ही आयोग ने पुलिस कमिश्नर को कहा है कि वे तामील सुनिश्चित करने के लिए स्पेशल टीम भी गठित करें.

आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष अतुल कुमार चटर्जी और सदस्य राजफूल गुर्जर ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के तहत आयोग की ओर से जारी आदेशों की पालना गंभीरता से नहीं करने के चलते पूर्व में कई बार डीसीपी साउथ और पुलिस कमिश्नर को अर्द्ध शासकीय पत्र लिखे गए हैं. लेकिन फिर भी कोई सार्थक परिणाम नहीं मिला. ऐसे में आयोग की ओर से कड़ा रुख अपनाते हुए लंबित सभी मामलों में पुन: अर्द्ध शासकीय पत्र जारी किया है.

पढ़ें. राजस्थानः रिजर्वेशन टिकट में यात्री को मेल की जगह फीमेल लिखा, उपभोक्ता आयोग ने रेलवे पर लगाया 50 हजार हर्जाना

आयोग ने कहा कि पूर्व में कई बार जमानती वारंट जारी करने के बाद उनकी तामील नहीं कराई गई और ना ही आयोग को अदम तामील जमानती वारंट लौटाए गए. आयोग ने माना कि पुलिस कमिश्नर ने आरोपियों पर जमानती वारंट तामील कराने में गंभीरता नहीं दिखाई. जिसके चलते उपभोक्ताओं को भी राहत नहीं मिली है. बता दें कि सहारा इंडिया प्रा. लि. के खिलाफ कई उपभोक्ताओं ने राज्य उपभोक्ता आयोग में परिवाद और अपील पेश कर रखी है. लेकिन तामील नहीं होने के कारण सुनवाई प्रभावित हो रही है और उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पा रही है.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने सहारा इंडिया प्रा. लि. के खिलाफ लंबित मामलों में कंपनी के निदेशकों (State Consumer Commission Order) सहित सीईओ सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी जमानती वारंट की तामील नहीं होने पर गृह सचिव और पुलिस आयुक्त को अर्द्ध शासकीय पत्र जारी किया है. आयोग ने दोनों अधिकारियों को कहा है कि वे इनके खिलाफ जारी जमानती वारंट की तामील सख्ती (State Consumer Commission on Subrata Roy) से कराएं. साथ ही आयोग ने पुलिस कमिश्नर को कहा है कि वे तामील सुनिश्चित करने के लिए स्पेशल टीम भी गठित करें.

आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष अतुल कुमार चटर्जी और सदस्य राजफूल गुर्जर ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के तहत आयोग की ओर से जारी आदेशों की पालना गंभीरता से नहीं करने के चलते पूर्व में कई बार डीसीपी साउथ और पुलिस कमिश्नर को अर्द्ध शासकीय पत्र लिखे गए हैं. लेकिन फिर भी कोई सार्थक परिणाम नहीं मिला. ऐसे में आयोग की ओर से कड़ा रुख अपनाते हुए लंबित सभी मामलों में पुन: अर्द्ध शासकीय पत्र जारी किया है.

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आयोग ने कहा कि पूर्व में कई बार जमानती वारंट जारी करने के बाद उनकी तामील नहीं कराई गई और ना ही आयोग को अदम तामील जमानती वारंट लौटाए गए. आयोग ने माना कि पुलिस कमिश्नर ने आरोपियों पर जमानती वारंट तामील कराने में गंभीरता नहीं दिखाई. जिसके चलते उपभोक्ताओं को भी राहत नहीं मिली है. बता दें कि सहारा इंडिया प्रा. लि. के खिलाफ कई उपभोक्ताओं ने राज्य उपभोक्ता आयोग में परिवाद और अपील पेश कर रखी है. लेकिन तामील नहीं होने के कारण सुनवाई प्रभावित हो रही है और उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पा रही है.

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