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Staffing Pattern in Rajasthan Schools : सरकारी प्राथमिक स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न लागू, शिक्षकों के 10 हजार नए पदों का सृजन - कल्ला ने स्टॉफिंग पैटर्न का आगाज किया

राजस्थान में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की सरकारी स्कूलों में आज से स्टाफिंग पैटर्न (Staffing Pattern in Rajasthan Schools) लागू किया गया है. इससे इन स्कूलों में शिक्षकों के दस हजार पदों का सृजन हुआ है. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शाला दर्पण पोर्टल पर स्टाफिंग पैटर्न का आगाज किया है.

Staffing pattern implemented in government in primary schools of Rajasthan
राजस्थान की प्राथमिक सरकारी स्कूलों में स्टॉफिंग पैटर्न लागू
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Published : Dec 28, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 10:17 PM IST

जयपुर. प्रदेश में प्राइमरी स्तर की सरकारी स्कूलों में मंगलवार से स्टाफिंग पैटर्न (Staffing Pattern in Rajasthan Schools) लागू कर दिया गया है. नया पैटर्न लागू होने से इन स्कूलों में शिक्षकों के दस हजार पदों (Teacher post created due to Rajasthan Staffing pattern) का सृजन हुआ है.

इसकी खास बात यह है कि इस स्टाफिंग पैटर्न में तृतीय भाषा (संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती) के 10 विद्यार्थी होने पर उस भाषा का एक शिक्षक स्कूल में लगाने का प्रावधान किया गया है. शाला दर्पण पोर्टल पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने स्टाफिंग पैटर्न का आगाज किया है. उन्होंने बताया कि स्टाफिंग पैटर्न आज से लागू किया गया है. जिसके कारण स्कूलों में शिक्षकों के दस हजार नए पदों का सृजन हुआ है.

राजस्थान की सरकारी प्राथमिक स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न लागू

मंत्री कल्ला ने बताया कि (Education Minister BD Kalla on Staffing Pattern) 0 से 60 बच्चों का नामांकन होने पर लेवल-1 के दो अध्यापक लगाए जाते हैं और 61 से 90 बच्चों का नामांकन होने पर तीन अध्यापक लगाते हैं. इसी अनुपात में यह संख्या बढ़ती जाती है. इसी तरह 150 से अधिक बच्चों के नामांकन पर एक हेडमास्टर का पद स्कूल में दिया जाता है. यह प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद शारीरिक शिक्षक के पद भी बढ़े हैं.

पढ़ें- शिक्षा के लिए समर्पण : इन बच्चों के लिए 'मसीहा' से कम नहीं सुनील जोस...13 साल से संवार रहे मासूम जिंदगियां

उनका कहना है कि जिलेवार इन पदों की बढ़ोतरी हुई है. बढ़े हुए पद जल्द ही जिलों को आवंटित कर दिए जाएंगे. साथ ही कहा कि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि तृतीय भाषा के दस विद्यार्थी होने पर इस विषय का एक अध्यापक लगाया जा सकेगा.

सबसे ज्यादा विद्यार्थी जिस स्कूल में होंगे, वहां दो अध्यापक लगाए जाएंगे. स्टाफिंग पैटर्न का फार्मूला पहली बार 2016 में लाया गया था. इसके बाद 2018 में और अब 2021 में इसे प्रारंभिक शिक्षा विभाग में लागू (Staffing Pattern implemented in Primary Education Rajasthan) किया गया है. दरअसल, स्टाफिंग पैटर्न में स्कूलों में बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है.

जयपुर. प्रदेश में प्राइमरी स्तर की सरकारी स्कूलों में मंगलवार से स्टाफिंग पैटर्न (Staffing Pattern in Rajasthan Schools) लागू कर दिया गया है. नया पैटर्न लागू होने से इन स्कूलों में शिक्षकों के दस हजार पदों (Teacher post created due to Rajasthan Staffing pattern) का सृजन हुआ है.

इसकी खास बात यह है कि इस स्टाफिंग पैटर्न में तृतीय भाषा (संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती) के 10 विद्यार्थी होने पर उस भाषा का एक शिक्षक स्कूल में लगाने का प्रावधान किया गया है. शाला दर्पण पोर्टल पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने स्टाफिंग पैटर्न का आगाज किया है. उन्होंने बताया कि स्टाफिंग पैटर्न आज से लागू किया गया है. जिसके कारण स्कूलों में शिक्षकों के दस हजार नए पदों का सृजन हुआ है.

राजस्थान की सरकारी प्राथमिक स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न लागू

मंत्री कल्ला ने बताया कि (Education Minister BD Kalla on Staffing Pattern) 0 से 60 बच्चों का नामांकन होने पर लेवल-1 के दो अध्यापक लगाए जाते हैं और 61 से 90 बच्चों का नामांकन होने पर तीन अध्यापक लगाते हैं. इसी अनुपात में यह संख्या बढ़ती जाती है. इसी तरह 150 से अधिक बच्चों के नामांकन पर एक हेडमास्टर का पद स्कूल में दिया जाता है. यह प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद शारीरिक शिक्षक के पद भी बढ़े हैं.

पढ़ें- शिक्षा के लिए समर्पण : इन बच्चों के लिए 'मसीहा' से कम नहीं सुनील जोस...13 साल से संवार रहे मासूम जिंदगियां

उनका कहना है कि जिलेवार इन पदों की बढ़ोतरी हुई है. बढ़े हुए पद जल्द ही जिलों को आवंटित कर दिए जाएंगे. साथ ही कहा कि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि तृतीय भाषा के दस विद्यार्थी होने पर इस विषय का एक अध्यापक लगाया जा सकेगा.

सबसे ज्यादा विद्यार्थी जिस स्कूल में होंगे, वहां दो अध्यापक लगाए जाएंगे. स्टाफिंग पैटर्न का फार्मूला पहली बार 2016 में लाया गया था. इसके बाद 2018 में और अब 2021 में इसे प्रारंभिक शिक्षा विभाग में लागू (Staffing Pattern implemented in Primary Education Rajasthan) किया गया है. दरअसल, स्टाफिंग पैटर्न में स्कूलों में बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है.

Last Updated : Dec 28, 2021, 10:17 PM IST
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